उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में हालत हुए बेकाबू तो सरकार ने मदद को बुलाई सेना, एमआई-17 हेलीकॉप्टर से जवान जुटे ऑपरेशन में
देहरादून। प्रदेश में, खासकर पहाड़ी जिलों में इन दिनों ऐसा गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है, जो फिलहाल सरकार के नियंत्रण से बाहर है। हालत की भयावहता को देखते हुए राज्य सरकार ने मदद के लिए सेना बुला ली है। सेना ने मोर्चा संभाल लिया है और बिगड़े हालात पर काबू पाने के लिए जुट गई है। हालांकि, प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में शनिवार सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश और ओलावृष्टि से स्थिति ठीक होने की उम्मीद है।
सैकड़ों हेक्टेयर जंगल और वन्यजीव राख, आबादी वाले इलाकों में पहुंच रही वनाग्नि

प्रदेश में उत्पन्न यह संकट है वनाग्नि का, जो पूरी तरह बेकाबू हो गई है। टिहरी, पौड़ी, रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, नैनीताल समेत तमाम जिलों में जंगल में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। कुछ जिलों में तो हालत काबू से बाहर हैं। रूद्रप्रयाग और नैनीताल जिले में दावानल के आबादी वाले इलाकों में पहुंचने का खतरा बना है। अब तक सैकड़ों हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं। बड़ी संख्या में वन्यजीव और पशु-पक्षियों के भी जलकर मरने की आशंका है। वन विभाग जंगलों की आग को बुझाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन स्थिति उसके नियंत्रण से बाहर है। कई जगह फायर सर्विस और एसडीआरएफ की भी मदद ली गई है।
भीमताल झील से पानी लिफ्ट करके हेलीकॉप्टर फेंक रहा जलते जंगलों पर

हालत बेकाबू होने और जंगलों की आग के बड़ा संकट बन जाने के बाद अब राज्य सरकार ने सेना से मदद मांगी है। शनिवार सुबह से सेना एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से ऑपरेशन में जुट गई है। हेलीकॉप्टर की मदद से नैनीताल जिले के भीमताल स्थित झील से पानी लेकर जल रहे जंगलों के ऊपर फेंका जा रहा है, ताकि आग को आबादी वाले इलाकों में पहुंचने से पहले ही नियंत्रित कर लिया जाए।
सीएम ने उच्चस्तरीय बैठक में की हालत की समीक्षा, कहा- जल्द पा लेंगे काबू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन इन घटनाओं पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेना से भी इस संबंध में सहायता ली जा रही है और हेलीकॉप्टर के माध्यम से आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है। शुक्रवार को इस संबंध में देहरादून में उच्चस्तरीय बैठक की गई। शनिवार को वे हल्द्वानी में भी इस संबंध में बैठक कर रहे हैं।

