उत्तराखंडनारीशक्तिव्यक्तित्व

जनसंघर्षों की ‘अनवरत’ योद्धा सुशीला बलूनी पंचतत्व में विलीन

देहरादून। उत्तराखंड की संघर्षशील मातृशक्ति की प्रतीक वयोवृद्ध आंदोलनकारी नेता दिवंगत सुशीला बलूनी का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर हरिद्वार में खड़खड़ी स्थित गंगा तट पर पंचतत्व में विलीन हो गया। उनके तीनों पुत्रों ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान बड़ी संख्या में उत्तराखंड आंदोलनकारी, भाजपा-कांग्रेस, उक्रांद, आप समेत विभिन्न राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग और अधिवक्ता उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।
खड़खड़ी में हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से एडीएम व एसडीएम और पुलिस की ओर से सीओ ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया। यहां अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था सरकार के निर्देश पर हरिद्वार प्रशासन की ओर से की गई। हरिद्वार के विधायक व पूर्व मंत्री मदन कौशिक, उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार, शक्तिशैल कपरवाण, नरेंद्र नगर के पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, वरिष्ठ भाजपा नेता शादाब शम्स, पूर्व प्रमुख सचिव सुरेंद्र सिंह पांगती, हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार व आंदोलनकारी रतनमणि डोभाल समेत हरिद्वार, ऋषिकेश, रायवाला, श्यामपुर, यमकेश्वर, कोटद्वार आदि क्षेत्रों से लोग उनके अंतिम दर्शनों को पहुंचे।

सीएम और एसीएस समेत श्रद्धांजलि देने वालों का लगा रहा तांता
इससे पूर्व सुबह डोभालवाला स्थित आवास पर सुशीला बलूनी को श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कृषि मंत्री गणेश जोशी, पशुपालन मंत्री साकेत बहुगुणा, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, कैंट विधायक सविता कपूर, डोईवाला के विधायक बृजभूषण गैरोला, यमुनोत्री के विधायक संजय डोभाल, देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, कांग्रेस की पछवादून जिलाध्यक्ष लक्ष्मी अग्रवाल, पूर्व विधायक राजकुमार, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रदीप जोशी, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल आदि ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल की अगुआई में पाटी्र पदाधिकारियों ने उनके पार्थिव शरीर पर भाजपा का ध्वज अर्पित किया।

सुशीला बलूनी अमर रहें… के नारों से गूंजी सड़कें, शहीद स्मारक परिसर में पुलिस गारद ने दी अंतिम सलामी

पूर्वाह्न करीब सवा 10 बजे के बाद उनकी अंतिम यात्रा आरंभ हुई। फूलों से सजाए गए वाहन पर उनका पार्थिव शरीर रखा था। इस वाहन के आगे और पीछे काफी संख्या में लोग ‘जब तक सूरज-चांद रहेगा, सुशीला बलूनी का नाम रहेगा’ और ‘सुशीला बलूनी अमर रहें’ के नारों की गूंज करते चल रहे थे। नेशविला रोड, राजपुर रोड, घंटाघर चौक, दर्शनलाल चौक, कचहरी रोड होते हुए उनकी शवयात्रा कलक्ट्रेट स्थित शहीद स्मारक परिसर पहुंचा। उनके संघर्षों की कर्मस्थली (शहीद स्थल) पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए काफी ंसंख्या में महिलाएं, आंदोलनकारी व अधिवक्ता पहुंचे। यहां उक्रांद के संरक्षक बीडी रतूड़ी, टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय, आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा, पूर्व अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल, प्रेमचंद शर्मा, पूर्व उपाध्यक्ष आलोक घिल्डियाल, जनकवि डॉ. अतुल शर्मा, आंदोलनकारी नेता मोहन खत्री, ऊषा नेगी, निर्मला बिष्ट, आशा बहुगुणा, सरिता गौड़, कुसुमलता शर्मा, रामेश्वरी बड़थ्वाल, पुष्पलता सिल्माणा ने भी उन्हें अंतिम नमन किया। पुलिस गारद ने शहीद स्मारक पर मातमी धुन बजाकर और शस्त्र झुकाकर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद शहीद स्मारक से उनकी शवयात्रा हरिद्वार रवाना हुई।

जनसंघर्षों की इस ‘अनवरत’ योद्धा को उनके घर से हरिद्वार में अतिम विदाई देने तक जन-कारवां का हिस्सा बने लोगों में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी, महामंत्री रामलाल खंडूरी, जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी नेता विवेकानंद खंडूरी, रविंद्र जुगरान, ओमी उनियाल, जयदीप सकलानी, वीरेंद्र पोखरियाल, नरेंद्र राणा, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा, लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य सुमेरचंद रवि, उक्रांद नेता शांति भट्ट, प्रमिला रावत, ट्रेड यूनियन नेता जगमोहन मेहंदीरत्ता, व्यापारी नेता विजय बग्गा, उत्तरांचल प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा, पूर्व अध्यक्ष व देहरादून जिले की आंदोलनकारी चिह्नीकरण समिति के पूर्व सदस्य जितेंद्र अंथवाल, आंदेालनकारी रघुवीर तोमर, अंबुज शर्मा, मो. शाहिद, केशव उनियाल, सुरेश नेगी, जबर सिंह पावेल, सतीश धौलाखंडी, उमादत्त जुगरान, नित्यानंद बंगवाल आदि शामिल रहे।

धामी सरकार ने की ‘राजकीय सम्मान’ की पहल, आंदोलनकारियों ने सराहा
उत्तराखंड राज्य बने 22 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब किसी राज्य आंदोलनकारी नेता को ‘राजकीय सम्मान’ के साथ विदा किया गया। सरकार के निर्देश पर आंदोलनकारी नेता सुशीला बलूनी को शहीद स्मारक परिसर में पुलिस गारद ने सलामी दी। वहीं, हरिद्वार में अंत्येष्टि संबंधी व्यवस्थाओं का जिम्मा वहां के प्रशासन ने उठाया। एडीएम, एसडीएम और सीओ ने सरकार व प्रशासन की ओर से पुष्पचक्र अर्पित करने के साथ ही वहां की व्यवस्थाओं को मॉनिटर किया। राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में संवेदनशीलता दिखाई, यह अच्छी बात है। वहीं, आंदोलनकारी जयदीप सकलानी ने भी कहा कि सरकार की इस पहल की सराहना की जानी चाहिए कि उसने मातृशक्ति सुशीला बलूनी को अंतिम विदाई के वक्त यथोचित सम्मान दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *