नवमी पर कन्या पूजन के साथ पूर्ण हुए शारदीय नवरात्र, श्रद्धालुओं ने मंदिरों में किए दर्शन
देहरादून। शारदीय नवरात्र सोमवार को नवमी पूजन के साथ संपन्न हो गए। रविवार को अष्टमी से शुरू हुआ व्रतों के परायण का सिलसिला सोमवार तक पूर्णता को प्राप्त कर गया। लोगों ने घरों में देवी पूजन और कन्या पूजन किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शारदीय नवरात्र की नवमी के अवसर पर यज्ञ और कन्या पूजन किया। शिव और शक्ति की भूमि उत्तराखंड भर में शक्तिपीठों पर पूरे नवरात्र भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। देहरादून से सटे सहारनपुर में स्थित डाटकाली मंदिर, देहरा शहर में स्थित कालिका माता मंदिर, टिहरी जिले की शक्तिपीठ कुंजापुरी, सुरकंडा और चंद्रबदनी मंदिर, हरिद्वार की माया देवी, मंसा देवी, चंडी देवी और दक्षिण कालिका मंदिर, श्रीनगर क्षेत्र की राजराजेश्वरी, कंसमर्दिनी और धारी देवी मंदिर, रूद्रप्रयाग जिले के कालीमठ, मैठाणा, पौड़ी जिले की ज्वालपा देवी, कुमाऊं मंडल की गर्जिया देवी, नंदा देवी समेत तमाम मंदिरों में अष्टमी और नवमी पर देवी के विविध रूपों के दर्शन-पूजन को श्रद्धालु उमडे।
विभिन्न आयोजनों और आखिरी संध्या के विवाद के साथ संपन्न हुआ 47वां कुंजापुरी मेला
इस बीच, टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लॉक में शारदीय नवरात्र पर पिछले 47 वर्षों से आयोजित होने वाला एक सप्ताह का सिद्धपीठ कुंजापुरी मेला रविवार को संपन्न हो गया। साल-1976 में टिहरी के तत्कालीन डीएम एसएस पांगती ने कुंजापुरी मेले के आयोजन की शुरूआत की थी, जो अब प्रदेश के चुनिंदा प्रसिद्ध मेलों में अपनी पहचान बना चुका है।
मेले में विविध सांस्कृतिक आयोजन और खेल-प्रतियोगिताएं हुईं। पिछले कुछ वर्षों से कुंजापुरी मंदिर क्षेत्र से करीब पांच किलोमीटर पहले नरेंद्रनगर में आयोजित हो रहे इस मेले में इस बार आखिरी संध्या को आयोजित कव्वाली कार्यक्रम को लेकर काफी विवाद भी हुआ।