84वीं जयंती पर सुशीला ‘ताई’ का भावपूर्ण स्मरण, पांच महिलाओं को प्रदान किया मातृशक्ति सम्मान
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलन की अग्रणी नेता, 1994 के आंदोलन के दौर में पहली महिला अनशनकारी और राज्य महिला आयोग के पूर्व अध्यक्ष स्व. सुशीला बलूनी का उनकी 84वीं जयंती पर भावपूर्ण स्मरण किया गया। आंदोलनकारियों के बीच ‘ताईजी’ के नाम से लोकप्रिय रहीं सुशीला बलूनी के सामाजिक, राजनीतिक व राज्य आंदोलन में दिए गए अद्धितीय योगदान को वक्ताओं ने याद किया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय पांच महिलाओं को ‘मातृशक्ति सम्मान’ भी प्रदान किया गया।
राज्य सरकार से किसी योजना का नाम सुशीला बलूनी के नाम पर करने की उठी मांग
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की ओर से रविवार को उन्हें याद करने के लिए नगर निगम के जुगमंदर हॉल में सभा आयोजित की गई थी। यह स्व. बलूनी के प्रति तमाम वर्गों की श्रद्धा ही थी कि उन्हें याद करने के लिए लोग स्वतः ही पहुंचे और हॉल पूरे आयोजन के दौरान तकरीबन भरा रहा। इस अवसर पर सभी ने स्व. बलूनी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। वक्ताओं ने कहा कि स्व. सुशीला बलूनी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए सरकार को किसी मार्ग अथवा योजना का नाम उनके नाम पर करना चाहिए।
नेशविला रोड या किसी अन्य सड़क का नाम करेंगे सुशीला बलूनी मार्ग, प्रतिमा भी लगाएंगेः मेयर
देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि स्व. बलूनी के नाम पर नेशविला रोड अथवा किसी अन्य प्रमुख मार्ग का नाम रखा जाएगा। साथ ही उनकी प्रतिमा स्थापित करने और राज्य आंदोलनकारियों को हाऊस टैक्स में 50 फीसद तक छूट देने का भी प्रयास किया जाएगा। पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, वरिष्ठ कांग्रेस नेता आर्येंद्र शर्मा, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी और पूर्व दर्जाधारी विवेकानंद खंडूरी व रविंद्र जुगरान, कवि डॉ. अतुल शर्मा व मुख्यमंत्री की ओर से संदेश लेकर आए उनकी मीडिया टीम के सदस्य हरीश कोठारी आदि ने भी इस अवसर पर संबोधन करते हुए सुशीला ताई का भावपूर्ण स्मरण किया और उनसे जुड़े संस्मरण सुनाए। कवि अतुल शर्मा ने गीत प्रस्तुत किए। स्व. बलूनी के साथ आंदोलन में रहीं पुष्पलता सिल्माणा, सरिता गौड, कुसुमलता शर्मा, रामेश्वरी बड़थ्वाल, मुन्नी खंडूड़ी, सत्या पोखरियाल, शोभा बहुगुणा, गुरदीप कौर, मंच के सांस्कृतिक मोर्चा की अध्यक्ष सुलोचना भट्ट आदि ने कहा कि स्व. बलूनी का संपूर्ण जीवन संघर्ष और ईमानदारी की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।
9 अगस्त 1994 को बलूनी के साथ अनशन पर बैठे रामपाल को भी किया सम्मानित
कार्यक्रम में पांच महिलाओं- रीना सेमवाल, मोना कौल, मधु जैन, सुनीता प्रकाश व रंजना शर्मा को विभिनन क्षेत्रों में सक्रिय योगदान के लिए ‘मातृशक्ति सम्मान’ से नवाजा गया। सुशीला ताई के साथ 9 अगस्त 1994 को आमरण अनशन पर बैठने वाले उत्तराखंड क्रांति दल के तत्कालीन नगर अध्यक्ष व राज्य आंदोलनकारी रामपाल को भी मेयर सुनील उनियाल गामा व रविंद्र जुगरान ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी व जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती के संचालन में हुई सभा में मंच के महामंत्री रामलाल खंडूरी, वरिष्ठ नागरिक संगठन कें संस्थापक अध्यक्ष केएल अरोड़ा, अध्यक्ष अतुल जोशी, जगमोहन मेहंदीरत्ता, शशी बहुगुणा, गन्ना समिति-डोईवाला कें अध्यक्ष मनोज नौटियाल, ओमी उनियाल, विनोद नौटियाल, केशव उनियाल, गणेश डंगवाल, जयदीप सकलानी, मोहन रावत, मोहम्मद शाहिद, स्व. बलूनी के तीनों पुत्र- विनय बलूनी, संजय बलूनी व विजय बलूनी, माकपा नेता सुरेंद्र सिंह सजवाण, बीर सिंह रावत, चंद्रकिरण राणा, विनोद असवाल, सुमन भंडारी, सुरेश नेगी, पुष्कर बहुगुणा, मोहन खत्री, राजीव तलवार, राजकुमार कक्कड़, सतेंद्र नौगांई, गौरव खंडूड़ी, रविंद्र सोलंकी, सतेंद्र भंडारी, पूरन सिंह लिंगवाल, राजेश पांथरी, नागेंद्र नौटियाल, जगदीश चौहान, जबर सिंह पावेल, गणेश शाह, कुलदीप कुमार, देव नौटियाल, सुमित थापा, जितेंद्र चौहान, राधा तिवारी, अरुणा थपलियाल, पार्वती डोभाल, सर्वेश्वरी डोबरियाल, पुष्पा सकलानी, राजेश्वरी रावत, प्रभात डंडरियाल, अंबुज शर्मा, हरि सिंह मेहर समेत काफी लोग शामिल हुए।

