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देेहरादून @ 43 डिग्रीः ऑल टाइम रिकॉर्ड के करीब पहुंचा पारा, दो दिन राहत नहीं

देहरादून। प्रदेश में मैदानों से लेकर पहाड़ तक पारा चढ़ा हुआ है। सभी जगह तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री और कहीं 6-7 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर चल रहे हैं। देहरादून में बुधवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो ऑल टाइम रिकॉर्ड के लगभग बराबर है। भीषण गर्मी से बेहाल लोगों को अभी एक-दो दिन राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं।

प्रदेश में मौसम मई के पहले हाफ तक करीब-करीब अनुकूल ही बना हुआ था। तापमान भी सामान्य के आसपास ही चल रहे थे। लेकिन, मई का सेकेंड हाफ भीषण गर्मी लेकर आया है। पारा लगातार ऊछाल मारते हुए नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है। हीटवेव के कारण घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। घरों में भी पंखें-कूलर बढ़ते पारे का मुकाबला कर पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। बुधवार 29 मई का दिन अधिकतम तापमान के मामले में पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ता दिखा।

दून में 30 मई 2012 को दर्ज हुआ था आज तक का सर्वाधिक 43.1 डिग्री सेल्सियस तापमान

देहरादून में बुधवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो ऑल टाइम रिकॉर्ड को एकदम करीब रहा। दून में मई माह में अधिकतम तापमान का ऑल टाइम रिकॉर्ड 30 मई 2012 को दर्ज किया गया था, जब पारा 43.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। इससे पहले यह 27 मई 1988 को 42.8 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था, जो 30 मई 2012 को टूट गया।

गर्मियों के पूरे सीजन में आजतक का सर्वाधिक 43.9 डिग्री से. तापमान दर्ज हुआ था 4 जून 1902 को

भारत में 1875 में मौसम विभाग की स्थापना की गई थी और उसके बाद से मौसम संबंधी आंकड़े एकत्र किए जाने लगे। तब से लेकर अब तक सर्वाधिक तापमान, सबसे कम तापमान और सर्वाधिक वर्षा के दर्ज आंकड़े को ऑल टाइम रिकॉर्ड माना जाता है। इस तरह बुधवार को ऑल टाइम रिकॉर्ड टूटने से महज .1 (दशमलव एक) डिग्री सेल्सियस ही पीछे रहा। हालांकि, अभी मई माह में दो दिन शेष हैं और मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिन भी अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही रहेंगे। यानी, अभी यह ऑल टाइम रिकॉर्ड टूटने की संभावना बनी हुई है। बताते चलें कि गर्मियों के मौसम में देहरादून में अधिकतम तापमान का सर्वकालिक (ऑल टाइम रिकॉर्ड) 4 जून 1902 को कायम हुआ था, जब पारा 43.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। इस रिकॉर्ड की बराबरी जून-1995 में एक बार फिर हुई, जब अधिकतम तापमान 43.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। लेकिन, तब भी 1902 का रिकॉर्ड टूट नहीं पाया।

नई टिहरी समेत पहाड़ी क्षेत्रों में भी पारा चरम पर, गढ़वाल में सीवियर हीटवेव कंडीशन

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में सभी जगह तापमान सामान्य से काफी अधिक चल रहे हैं। देहरादून में 43 डिग्री के अलावा नई टिहरी में बुधवार को 31.6 डिग्री सेल्सियस, पंतनगर में 42 डिग्री सेल्सियस, मुक्तेश्वर में 29.5 डिग्री रहा, जो काफी ज्यादा है। उन्होंने बताया कि गढ़वाल में सीवियर हीटवेव कंडीशन और कुमाऊं में हीटवेव कंडीशन बनी है। वीरवार को भी यही स्थिति बने रहने की संभावना है। हालांकि, अंदरूनी पहाड़ी जिलों में बारिश संबंधी कुछ गतिविधियां शुरू हो सकती हैं। लेकिन, वीरवार को लगभग बुधवार जैसी ही स्थिति बनी रहेगी। शुक्रवार को तापमान में एकाध डिग्री की गिरावट आ सकती है।

फिलहाल बरतें अतिरिक्त सतर्कता, फिर मिलेगी थोड़ी राहतः बिक्रम सिंह

मौसम विभाग के निदेशक ने लोगों को फिलहाल दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक खास एहतियात बरतने की सलाह दी है। उनका कहना है कि अत्यावश्यक न हो, तो इस अवधि में घर से बाहर न निकलें। यदि निकलना आवश्यक है, तो पानी पीकर और साथ लेकर चलें। छाते का इस्तेमाल करें। निदेशक बिक्रम सिंह का कहना है कि मैदानी इलाकों में चूंकि इस बीच बारिश नहीं मिली है और तापमान बढ़े हैं, जिससे ड्रायनेस बढ़ गई है। लिहाजा, इन क्षेत्रों और इनसे सटे पहाड़ी जिलों में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने की आशंका है। इसलिए, करीबी नजर रखने की जरूरत है। मैदानी क्षेत्रों में घरों में भी लोगों को शॉर्टसर्किट जैसी स्थिति से बचाव के लिए सावधानी बरतनी होगी। मौसम विभाग के निदेशक के अनुसार, दो दिन अभी अतिरिक्त सावधानी बरतने और एहतियाती कदम उठाए जाने की जरूरत है। उसके बाद शुक्रवार शाम या शनिवार से मैदानी और पहाड़ी इलाकों में थंडर स्टॉर्म एक्टिविटी मिलेगी, जिससे कुछ राहत की उम्मीद है।

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