कांग्रेस को उत्तराखंड में बड़ा झटका, कद्दावर नेता अशोक वर्मा ने 43 वर्ष बाद पार्टी को अलविदा कहा
देहरादून। देशभर में लगातार हिचकोले खा रही कांग्रेस को उत्तराखंड में बड़ा झटका लगा है। पिछले 43 साल से कांग्रेस से अनवरत जुड़े रहे कद्दावर नेता व देहरादून नगर पालिका और नगर निगम में दो कार्यकाल में नेता प्रतिपक्ष रहे उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा ने रविवार को पार्टी को अलविदा बोल दिया। उनके जल्द ही भाजपा में शामिल होने की उम्मीद है।
1980 में यूथ कांग्रेस से शुरू किया था सफर, पिछली कांग्रेस सरकार में ओबीसी आयोग के अध्यक्ष रहे
अशोक वर्मा को स्थानीय निकाय की राजनीति का धुरंधर माना जाता है। 1980 में संजय शर्मा, लालचंद शर्मा सरीखे अन्य साथियों के साथ उन्होंने युवा कांग्रेस से अपना राजनीतिक सफर आरंभ किया। 1996 में वे उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस में संगठन मंत्री और गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के प्रभारी रहे। हीरा सिंह बिष्ट के अध्यक्ष कार्यकाल में वर्मा देहरादून नगर कांग्रेस कमेटी में उपाध्यक्ष व संगठन मंत्री रहे। पिछली कांग्रेस सरकार के समय वे राज्यमंत्री स्तर के साथ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रहे।
1989 से लगातार 4 बार रहे सभासद व पार्षद, देहरादून पालिका और नगर निगम में दो बार रहे नेता प्रतिपक्ष
अशोक वर्मा ने 1989 में पहली बार फालतू लाइन वार्ड से देहरादून नगर पालिका के सभासद का चुनाव लडा और भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की। तब उत्तर प्रदेश में 17 साल बाद निकायों के चुनाव हुए थे। 1997 में वे पुनः नगर पालिका के सभासद बने और सदन में कांग्रेस सभासद दल के नेता चुने गए। साल-2003 में वे मेयर मनोरमा शर्मा के नेतृत्व वाले नगर निगम बोर्ड में कांग्रेस पार्षद दल के प्रवक्ता भी रहे। साल-2008 में मेयर विनोद चमोली के नेतृत्व में भाजपा का बोर्ड बहुमत में आया। इस बोर्ड में भी कांग्रेस पार्षद के तौर पर एमकेपी वार्ड (पूर्व में फालतू लाइन) से वे चौथी बार चुनकर आए। इस बोर्ड (2008-13) में वे नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रहे।
निकायों की राजनीति के धुरंधर, व्यापारियों और निकाय कर्मियों के एक बड़े वर्ग पर है मजबूत पकड़
उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भी उनकी सक्रिय भागीदारी रही है। शहर के व्यापारियों के एक बड़े वर्ग और देहरादून नगर निगम समेत प्रदेश के निकाय कर्मियों में भी उनकी प्रभावी पकड़ है। राजनीतिक शुचिता के सदैव पक्षधर रहे अशोक वर्मा का उनकी व्यवहार कुशलता, मृदुभाषिता और सब को साथ लेकर चलने की नीति के कारण अन्य दलों के नेता भी सम्मान करते रहे हैं। विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों और ट्रेड यूनियनों से भी वे नेतृत्वकारी भूमिकाओं में जुड़े हैं।
कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को भेजा, जल्द भाजपा में हो सकते हैं शामिल
रविवार को अशोक वर्मा ने ईमेल के जरिए कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से अपना त्यागपत्र प्रदेश अध्यक्ष करण माहारा को भेजा। त्यागपत्र की एक प्रति कांग्रेस मुख्यालय में भी रिसीव कराई गई है। माना जा रहा है कि उनका अगला राजनीतिक सफर भाजपा के साथ होगा।