प्रदेश में सहकारी समितियों की प्रबंध समिति के 33 फीसद पद महिलाओं के लिए आरक्षित, शहरों के लिए एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण बनाने पर कैबिनेट की मुहर
देहरादून। राज्य की सहकारी समितियों की प्रबंध समिति में अब 33 फीसद सभापति व सदस्य पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। इसके साथ ही राज्य में शहरी परिवहन के विकास, संचालन, रख-रखाव, निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए ‘उत्तराखंड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक-2024’ को विधानसभा के पटल पर रखने के लिए भी कैबिनेट ने अनुमोदन दिया है।
शनिवार दोपहर सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें विभिन्न प्रस्ताव विचारार्थ रखे गए। 12 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी सचिव (मुख्यमंत्री) शैलेश बगोली ने दोपहर आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में दी। सहकारी समितियों में परिवारवाद को समाप्त करने, सहकारी समितियों की प्रबंधन समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने और समिति के कार्यों में गुणवत्ता व कार्यकुशलता में वृद्धि करने के साथ ही उत्तराखंड राज्य की सहकारी समितियों की प्रबंध समिति के सदस्य व सभापति पद पर महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के उद्देश्य से नियमावलियों में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने अनुमोदन दे दिया।
कैबिनेट ने उत्तराखंड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक-2024 को विधानसभा के पटल पर रखने की भी मंजूरी दी। इसके तहत गठित होने वाले प्राधिकरण का मकसद शहरी परिवहन का विकास, संचालन, रख-रखाव, निगरानी और पर्यवेक्षण को विनियमित करना है। विधेयक का ड्राफ्ट् केरल राज्य के मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिनियम-2019 के आधार पर तैयार किया गया है। पिछले साल 20 जुलाई को चमोली स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में हुई दुघर्टना के संदर्भ में विद्युत सुरक्षा विभाग के कार्यों को समयबद्ध रूप से सुनिश्चित कराने के लिए मंत्रिमंडल ने 80 पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
कैबिनेट ने आवास विभाग के अंतर्गत राज्य के विभिन्न प्राधिकरणों में मिनिस्ट्रियल संवर्ग में केंद्रीयत व अकेंद्रीयत सेवा के संबंध में कार्मिक विभाग की नियमावलियों को अंगीकृत किये जाने और नियुक्ति प्राधिकारी नियत करने के संबंध में भी निर्णय लिया गया। बैठक में उत्तराखंड वित्त सेवा के अंतर्गत सीधी भर्ती के माध्यम से चयनित वित्त अधिकारियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया। राज्य सरकार के कार्मिकों को कॉरपोरेट सेविंग बैंक सेलरी पैकेज के अंतर्गत लाभ उपलब्ध कराने के लिए राजकीय कार्मिक, जिनको कोषागार से विभिन्न अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों के माध्यम से वेतन भुगतान किया जाता है, उन्हें कॉरपोरेट सेलरी पैकेज का लाभ उपलब्ध कराने के लिए प्रथम चरण में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक के साथ अनुबंध करने संबंधी प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी।
इसके साथ ही पर्यटन नीति-2018 में संशोधन करने को भी मंजूरी मिली। अभी पर्यटन नीति में उद्योगों को कई श्रेणी में विभाजित किया गया था। उक्त नीति के अंतर्गत श्रेणी ए, बी व बी प्लस में एसजीएसटी की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति का 5 वर्ष तक का प्रावधान था। 5 वर्ष के बाद 90, 75 व 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति कितने वर्षों तक की जाएगी, इसका कोई उल्लेख नहीं थी। अब इसे संशोधित करते हुए 5 वर्ष के पश्चात् एसजीएसटी की 90, 75 व 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति अगले 5 वर्ष तक के लिए कर दी गई है। इसी प्रकार लार्ज प्रोजेक्टस, मेगा प्रोजेक्टस व अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्टस में एसजीएसटी की 30, 50, 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति 10 वर्ष तक करने संबंधी समय सीमा निर्धारित की गई है। कैबिनेट ने खाद्य पदार्थों के परीक्षण के लिए मोबाइल इकाई फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स के संचालन के लिए आउटसोर्स पर आठ पदों के सृजन को मंजूरी दी। गढ़वाल मंडल के अंतर्गत देहरादून में खाद्य विश्लेषणशाला स्थापित करने के लिए 13 पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई। देहरादून जिले के अंतर्गत महासू देवता मंदिर का मास्टर प्लान के तहत सुनियोजित विकास करने के लिए परिसर में रह रहे लोगों को पुनर्वासित करने संबंधी व्यवस्था को भी मंजूरी दी गई। अन्य प्रस्ताव भी बैठक में पारित हुए।