दैवीय आपदादेश-दुनियान्यूज विंडोपास-पड़ोस

उत्तराखंड के पड़ोस में व्यापक तबाही, 128 से ज्यादा की जान गई, सैकड़ों मकान मलबे में तब्दील

देहरादून। शुक्रवार देर रात भूकंप के तेज झटकों से उत्तर भारत और उत्तराखंड से सटे नेपाल में धरती कांप गई। नेपाल में भूकंप ने व्यापक तबाही मचाई है। सैकड़ों मकान ध्वस्त हो गए। शनिवार सुबह तक आधिकारिक तौर पर 128 मौतों की आधिकारिक तौर पर पुष्टि हो चुकी थी, जबकि 150 से ज्यादा लोग हैं। हालांकि, अपुष्ट सूचनाओं में मृतकों और घायलों की संख्या काफी अधिक बताई गई है। सबसे ज्यादा नुकसान पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट जिले में हुआ है, जो भूकंप का केंद्र भी था।

भूकंप के झटकों से देर रात उत्तराखंड समेत समूचा उत्तर भारत कांपा
रात 11ः47 बजे भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को नींद से जगा दिया। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। काफी लोग उस वक्त तक सोने की तैयारी कर रहे थे। जो जिस स्थिति में था, उसी हालत में घरों से बाहर भागा। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र ने 6.4 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र नेपाल में काठमांडू से करीब 330 किमी दूर जाजरकोट जिले में जमीन से करीब 10 किमी. गहराई में बताया है।

पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट में था भूकंप का केंद्र, लगातार बढ़ रही मृतकों-घायलों की संख्या

भूकंप नेे पश्चिमी नेपाल में व्यापक तबाही मचाई है। सबसे ज्यादा जाजरकोट जिला ही प्रभावित हुआ है। जिले के भेरी, नलगढ़, कुशे, बरेकोट और चेदागाड में काफी नुकसान हुआ है। पश्चिमी रूकम में भी व्यापक क्षति हुई है। यहां तड़के तक 36 मौतों की पुष्टि हो चुकी थी। नेपाल के प्रमुख अंग्रेजी दैनिक ‘द काठमांडू पोस्ट’ के अनुसार, रेस्क्यू टीमें खोज एवं बचाव अभियान में जुटी हैं। तड़के तक जाजरकोट में 92 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें नलगढ़ की डिप्टी मेयर भी शामिल हैं। करनाली प्रांत के बरेकोट के रमीडांडा में भी कई लोगों की जान गई है। जाजरकोट और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में तड़के तक 150 से ज्यादा घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा चुका था।मृतकों और घायलों की संख्या इससे कहीं ज्यादा होने की आशंका है।

नेपाल के प्रधानमंत्री ने नुकसान पर जताया दुःख, एजेंसियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया

इस बीच, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने भूकंप के तत्काल बाद तीनों सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत बचाव और राहत कार्यों में शामिल होने का निर्देश दिए। नेपाल पीएमओ की ओर से ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात आए भूकंप में जान-माल के नुकसान पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी तीनों सुरक्षा निकायों को तैनात किया है।

हिमालय रीजन में उत्तराखंड और आसपास बनी है तीव्र घातकता वाले भूकंप की आशंका

नेपाल भूकंप की दृष्टि से हाल के वर्षों में बेहद संवेदनशील होकर उभरा है। पिछले माह 22 अक्तूबर को भी यहां 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था, लेकिन सुबह का वक्त होने के कारण किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। साल-2015 में आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने नेपाल में हजारों लोगों की जान ले ली थी। भूकंप विज्ञानी पहले ही हिमालयन रीजन और खासकर उत्तराखंड के आसपास तीव्र घातकता वाले भूकंप की चेतावनी देते आ रहे हैं। हालांकि, पूर्व में यहां 20 अक्तूबर 1991 को उत्तरकाशी और 29 मार्च 1999 को चमोली में बड़े भूकंप आ चुके हैं, जिन्होंने तब व्यापक क्षति पहुंचाई थी। अब आशंका उससे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप की जताई जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *