देहरादून समेत कई शहरों में जाम रहे सवारी वाहनों के चक्के, विभिन्न स्थानों पर हुईं हाथापाई और झड़पें
देहरादून। राजधानी समेत प्रदेश के कई शहरों में सोमवार को नए साल के पहले दिन सवारी वाहनों के चक्का जाम से लोग बेहाल रहे। भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में संशोधन के विरोध में राष्ट्रव्यापी आह्वान पर वाहन चालक आज हड़ताल पर रहे। रुद्रप्रयाग समेत पहाड़ी जिलों के आंतरिक रूटों पर आवाजाही सामान्य रही।

उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में इस हड़ताल का असर दिखा। देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, ऊधम सिंह नगर समेत तमाम जगह हाईवे पर सवारी वाहनों का संचालन लगभग ठप रहा। देहरादून में रोडवेज बसों के चालकों ने भी सुबह संचालन बंद रखा। इससे आईएसबीटी समेत तमाम जगह यात्री परेशान रहे। दोपहर रोडवेज प्रबंधन के हस्तक्षेप के बाद बसों का संचालन शुरू हो पाया। ट्रक, टैक्सी, मैक्स, टाटा सूमो और निजी बसों का संचालन भी ठप रहा। इससे पर्वतीय क्षेत्रों को जाने वाले लोगों को भी आवाजाही का साधन सुलभ नहीं हो पाया। देहरादून में हड़ताल के समर्थन में विक्रम टेंपु संचालकों ने भी चक्का जाम रखा, जिससे शहरी व बाहरी क्षेत्रों में लोगों को पैदल ही आवाजाही करने को मजबूर होना पड़ा।
प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर की विवादास्पद प्रावधान वापस लेने की मांग

ट्रांसपोर्ट नगर समेत कई जगह झड़पों के भी समाचार हैं। ट्रांसपोर्ट नगर में दोपहर पुलिस और ट्रकों को जहां-तहां खड़ा छोड़ गए चालकों के बीच झड़प हुई। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में टैक्सियों का संचालन करने वाले चालकों से हड़तालियों ने हाथापाई की। महिंद्रा जीप और अन्य छोटे ट्रांसपोर्ट वाहन संचालकों की एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ज्ञानी ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर दुर्घटना के मामलों में चालकों को कड़ी सजा और भारी जुर्माने के प्रावधान पर आपत्ति जताते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।

