उत्तराखंड

त्यूणी अग्निकांडः लारवाही पर पूरी फायर यूनिट और नायब तहसीलदार सस्पेंड, तहसीलदार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई

त्यूणी। वीरवार शाम यहां बाजार में स्थित तीन मंजिला मकान में हुए भीषण अग्निकांड में चार बच्चों की जलकर मौत और तीन लोगों के झुलसने की घटना के बाद कार्रवाई शुरू कर दी गई है। देहरादून की डीएम सोनिका ने लापरवाही के आरोप में त्यूणी के नायब तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया है, जबकि तहसीलदार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैंं। इस पूरे मामले में प्रभारी समेत त्यूणी फायर यूनिट के चारों कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अग्निकांड की जांच आईजी (फायर सर्विस) दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

देहरादून जिला मुख्यालय से करीब 180 किलोमीटर की दूरी पर हिमाचल प्रदेश और उत्तरकाशी जिले की सीमा पर बसे जौनसार-बावर के त्यूणी कस्बे में अग्निकांड प्रभावित मकान के मलबे में शुक्रवार सुबह दो बच्चियों के की तलाश पुनः शुरू की गई। घटना में चार बच्चियां आग के बीच फंस गई थीं, जिनमें से दो के शव देर रात मिल गए। तीन घायलों में से दो को अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बीच छुट्टी दे दी गई। इस पूरी घटना में त्यूणी फायर सर्विस की लापरवाही से गुस्साए ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे जाम करके प्रदर्शन किया। क्षेत्रवासियों में गुस्सा इस बात को लेकर था कि साल-2005 में त्यूणी बाजार में भीषण अग्निकांड में करीब तीन सौ दुकानें जलकर राख हो जाने के बाद यहां फायर यूनिट खोली गई। इसके बावजूद लापरवाही का हाल यह है कि फायर टेंडर में र्प्याप्त पानी ही नहीं था। यदि पानी होता, तो आग को समय रहते शायद काबू किया जा सकता था। शुक्रवार दोपहर देहरादून के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने जानकारी दी कि त्यूणी की पूरी फायर यूनिट को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही हाईवे पर यातायात भी सुचारू किया जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्निकांड में चार बच्चों की मौत पर दुख जताते हुए सरकार की ओर से प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो-दो लाख की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।

ये हुई थी घटना
त्यूणी बाजार में टौंस नदी पुल के बगल में शिक्षा विभाग से सेवानिवृत सूरतराम जोशी का तीन मंजिला मकान था। पहाड़ी शैली के इस मकान का अधिकांश हिस्सा लकड़ियों का बना था। इसमें त्रिलोक चौहान अपनी पत्नी पूनम, पुत्र व पुत्री के साथ किराए पर रहता है। हिमाचल निवासी उनके रिश्तेदार की पुत्री रिद्धि भी उनके साथ रह रही थी। बताया जा रहा कि इसी मकान के एक हिस्से में कुछ ही दिन पूर्व त्रिलोक की साली कुसुम भी अपने तीन बच्चों समेत किराए पर रहने आई। कुसुम नजदीक ही स्थित अपने ढाबे पर चली गई, जबकि बच्चे घर में ही खेल रहे थे। तभी करीब सवा चार बजे के आसपास अचानक गैस रिसाव से मकान में आग लग गई। पलक झपकते ही आग ने विकराल रूप ले लिया। करीब 4ः25 बजे ग्रामीणों ने अग्निकांड की सूचना फायर सर्विस देहरादून, त्यूणी फायर यूनिट और थाने को दी।

घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और फायर यूनिट ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन कुछ ही मिनट में फायर टेंडर का पानी खत्म हो गया। करीब पांच किलोमीटर दूर उसे पानी लेने जाना पड़ा। इस बीच, आग पूरी तरह बेकाबू हो चुकी थी। इस पर त्यूणी थाने और देहरादून के मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने उत्तरकाशी के मोरी फायर स्टेशन, पुरोला फायर यूनिट और तथा हिमांचल प्रदेश के रोहडू. से मदद मांगी। मोरी से एसडीआरएफ की यूनिट भी मौके की ओर रवाना हुई, लेकिन सभी फायर टेंडर को पहुंचते-पहुंचते वक्त लग गया और इस बीच बच्चे मकान के अंदर ही फंसे रह गए। इस बीच, एक महिला, एक किशोरी व एक युवक को झुलसी हुई हालत में अस्पताल पहुंचाया गया। फायर बिग्रेड, एसडीआरएफ और पुलिस ने कई घंटे की मशक्कत के बाद देर रात आग पर काबू पाया। मध्य रात्रि तक देहरादून मुख्यालय से डीएम सोनिका, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर भी मौके पर पहुंच गए। रातभर मलबे के ढेर में तलाशी अभियान चलाकर दो बच्चियों के शव ढूंढ लिए गए, लेकिन अन्य दो का शुक्रवार दोपहर तक पता नहीं चल पाया था।

मकान के अंदर ही थीं चारों मासूम
वीरवार शाम जिस वक्त मकान में आग लगी, वहां चारों बच्चियां घर के अंदर ही थीं। इन चारों को ही प्रशासन व पुलिस मृत मानकर चल रहा है, लेकिन दो के ही शव शुक्रवार दोपहर तक मिल पाए थे। बच्चियों की पहचान अधिरा (उम्र साढ़े 5 साल) पुत्री विकेश, सेजल (उम्र ढाई वर्ष) पुत्री विकेश दोनों निवासी भाटगढ़ी (त्यूणी), समृद्धि (उम्र 9 वर्ष) पुत्री जयलाल निवासी विकटाड,़ तहसील चौपाल (हिमाचल प्रदेश) व सोनम (उम्र 9 वर्ष) पुत्री त्रिलोक चौहान निवासी जाख्टा (निनूस), तहसील त्यूणी के रूप में हुई है। वहीं, इस हादसे में कुसुम (उम्र 23 वर्ष) पत्नी विकेश निवासी भाटगढ़ी, स्वाति (उम्र 15 वर्ष) पुत्री विरेंद्र सिंह निवासी डेरसा और आरिफ मलिक (37 वर्ष) पुत्र सारिफ मलिक निवासी फतेह अलापुर रोड, मेरठ झुलसे हैं। इनमें कुसुम को हिमाचल के रोहड़ू स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य दोनों को कालसी अस्पताल में उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

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