निरंकारी मिशन के समागम में जुटे हजारों अनुयायी, माता सुदीक्षा बोलीं- परमात्मा ही एकमात्र शाश्वत सत्य
देहरादून। राजधानी के हरिद्वार बाईपास स्थित निरंकारी सत्संग भवन परिसर में विशाल समागम आयोजित किया गया। समागम में मौजूद हजारों अनुयायियों को संबोधित करते हुए निरंकारी मिशन की सदगुरु माता सुदीक्षा ने भक्ति, सुकून, समर्पण, दया, करूणा के भाव को व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रह्मज्ञान प्राप्त करके ही इंसानियत और रूहानियत जैसे गुण इंसान के जीवन में परिलक्षित हो सकते है। इसलिए, यदि मनुष्य जन्म प्राप्त हुआ है, तो जीवन में ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के बाद ही यह मानवीय गुण आते हैं। तब यह अध्यात्मिकता जीवन में उत्तर आती है कि संसार में कुछ भी सदा रहने वाला नहीं है। अगर कुछ रहेगा, तो केवल यह परमात्मा। यही शास्वत सत्य है।

माता सुदीक्षा ने कहा कि जिस प्रकार सूरज की रोशनी हर समय भरपूर होती है, लेकिन धुंध होने के कारण आगे का रास्ता नजर नहीं आता। ठीक इसी प्रकार जीवन में अज्ञानता और अंधविश्वास आने पर परमात्मा पर विश्वास नहीं टिकता और मन में नफरते उत्पन्न हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि इस चराचर जगत में भक्ति का महत्व अत्यधिक है। जो भक्ति परमात्मा को जानकर की जाती है, वही सार्थक होती है।

निरंकारी मिशन की प्रमुख का प्रवचन सुनने के लिए उनके अनुयायियों का सत्संग भवन में सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गया था। भीषण गर्मी के बावजूद राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के अलावा, पछवादून, जौनसार, ऋषिकेश, मसूरी के साथ हो गढ़वाल मंडल के विभिन्न स्थानों से हजारों अनुयायी समागम में शामिल हुए। इससे पूर्व भजन मंडलियों ने गढ़वाली, कुमाऊनी, पंजाबी, हिंदी समेत विभिन्न भाषाओं में भजन व आध्यात्मिक गीत प्रस्तुत किए। पूरे सत्संग के दौरान पंडाल के भीतर और बाहर की सभी व्यवस्थाएं मिशन के सेवादल से जुड़े सैकड़ों स्वयं सेवकों ने खुद संभाली।

