राष्ट्रपति पुलिस लाइन में थीं अतिथि, पुलिस कर रही थी परेड, ज्वेलरी शोरूम में करोड़ों की डकैती डाल फरार हो गए डकैत
देहरादून। राज्य स्थापना दिवस की सुबह राजधानी के पॉश राजपुर रोड पर स्थित रिलायंस ज्वैलर्स में करोड़ों की डकैती पड़ गई। बताया जा रहा है कि कार सवार पांच हथियारबंद डकैतों ने शोरूम को तकरीबन खाली कर देने वाली इस वारदात को अंजाम दिया और बेखौफ निकल गए। यह घटना ऐसे वक्त पर हुई, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई वीवीआईपी और वीआईपी रेसकोर्स पुलिस लाइन स्टेडियम में आयोजित स्थापना दिवस के राज्यस्तरीय समारोह और पुलिस की रैतिक परेड में मौजूद थे। देहरादून की अब तक की सबसे बड़ी डकैतियों में मानी जा रही इस दुस्साहसिक घटना ने पुलिस और प्रशासन के हाईअलर्ट और चेकिंग के तमाम दावों की धज्जियां उड़ा कर रख दी हैं।
राजपुर रोड के रिलायंस ज्वेलर्स में हथियारबंद डकैतों ने बोला धावा, चंद मिनटों में किया शोरूम खाली
राजपुर रोड पर सेंट जोजफ्स स्कूल के नजदीक रिलांयस ज्वैलर्स नाम से बड़ा ज्वेलरी शोरूम है। रोज की तरह सुबह 10ः30 के आसपास शोरूम खुला, तो चार लोग वहां पहुंचे। इनके साथ का एक व्यक्ति शोरूम के बाहर ही बताया गया। ज्वेलरी खरीदने के बहाने घुसे डकैतों न एकदम से पूरे स्टॉफ को गन प्वाइंट पर ले लिया और हाथ-पैर बांधकर उन्हें बंधक बना लिया। इसके बाद डकैतों ने शोरूम से हीरे-जवाहरात, सोना-चांदी सब कुछ निकाल लिया। 10-15 मिनट में करोड़ों की इस डकैती को अंजाम देकर डकैत बाहर खड़ी कार में सवार होकर फरार हो गए।
डकैती में बिहार के गैंग के शामिल होने का मिला इनपुट, पुलिस ने चार टीमें की गठित
घटना की सूचना पुलिस को मिली, तो समारोह में मौजूद अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया। मौके पर कोतवाली पुलिस और कुछेक अधिकारी पहंचे, जिन्होंने शोरूम में मौजूद कर्मचारियों से घटना के बारे में मालूमात की। इसके बाद चेकिंग और नाकाबंदी का दावा किया गया। एसएसपी अजय सिंह ने डकैतों की धर-पकड़ के लिए चार सीओ स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन किया है। इन्हें सर्विलांस, सीसीटीवी पड़ताल, संदिग्धों से पूछताछ आदि पर लगाया गया है। पुलिस का दावा है कि घटना के पीछे बिहार के गैंग का हाथ है। इस बारे में इनपुट मिले हैं। गैंग ने पूर्व में उड़ीसा, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल और दिल्ली में भी रिलायंस ज्वेलरी शोरूम में इस तरह की डकैतियों को अंजाम दिया है।
नहीं रहती शहर में कही पिकेट, वीवीआईपी मूवमेंट के बावजूद चेकिंग, चौकसी और हाईअलर्ट के हवा-हवाई दावे
गौरतबल है कि पिछले कुछेक वर्षों से पूरी पुलिसिंग सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस पर निर्भर होकर रह गई है। शहर भर में पुलिस पिकेट्स एक-एक करके गायब होती चली गईं। दिन तो दूर, रात में भी शहर और आसपास के किसी चौक-चौराहे या प्रमुख मार्ग पर न पुलिस पिकेट नजर आती है, न गश्त। मामला ज्यादा गंभीर इसलिए भी हो जाता है कि घटना ऐसे समय में अंजाम दी गई, जब राष्ट्रपति खुद पुलिस के कार्यक्रम में मौजूद थी, जिनकी सुरक्षा को लेकर पिछले कई दिनों से अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने की बात हो रही थी। वहीं, राज्य का स्थापना दिवस भी आज ही है। ऐसे में स्थापना दिवस और वीवीआईपी की मौजूदगी के दौरान अगर राजधानी में चेकिंग, चौकसी और हाईअलर्ट का यह हाल था कि बेखौफ डकैत बे-रोकटोक राजधानी के सबसे व्यस्त क्षेत्र में मूवमेंट करते हैं, शोरूम में दाखिल होते हैं और करोड़ों की वारदात को अंजाम देकर आराम से फरार भी हो जाते हैं, तो आम दिनों में राजधानीवासियों की सुरक्षा के लिए किस ढर्रे पर काम होता है, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता हैं।