उत्तराखंडन्यूज विंडोमौसमहिमालयी राज्य

उत्तराखंड को सामान्य से 23 प्रतिशत ज्यादा बारिश देकर हरिद्वार से विदा हुआ मानसून, आजकल में राज्य के अन्य हिस्सों से होगी वापसी

देहरादून। साढ़े 3 महीने से भी ज्यादा तक उत्तराखंड को तर-ब-तर करने के बाद अब दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई शुरू हो गई है। फिलहाल हरिद्वार से मानसून विदा हो गया है और आजकल में राज्य के कई और हिस्सों से इसकी वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। राज्य में इस मानसून सीजन में सामान्य से 23 प्रतिशत और देहरादून में 39 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

देश में मानसून सीजन 1 जून से 30 सितंबर तक होता है। हालांकि, मानसून का आगमन और विदाई कुछ दिन आगे-पीछे हो सकते हैं। उत्तराखंड में इस वर्ष 18 से 20 जून के बीच मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया था। जबकि, प्री-मानसून और स्थानीय कारकों से जून के पहले पखवाड़े भी राजधानी समेत प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में ठीक-ठाक बारिश हुई। अब पिछले एक सप्ताह से मौसम आमतौर पर शुष्क बना हुआ है। इसकी वजह मानसून की वापसी है। गुजरात, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल के कुछ हिस्सों के साथ ही मानसून उत्तराखंड से भी विदा ले रहा है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, बुधवार 24 सितंबर को राज्य के कुछ भागों से वापस चला गया है। उसकी वापसी की रेखा हिमाचल के रामपुर बुशहर, उत्तराखंड के हरिद्वार, यूपी के मुरादाबाद, एटा आदि से होकर गुजर रही है। अगले 2-3 दिन में यह उत्तराखंड के कुछ और हिस्सों से विदा लेगा। इसके लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हैं।

बागेश्वर में सबसे ज्यादा बरसे मेघ, पौड़ी बारिश को तरसा, उत्तरकाशी समेत 5 जिलों में सामान्य से कम वर्षा 

इस मानसून सीजन (1 जून से 24 सितंबर) तक उत्तराखंड में 1411.5 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य (1147.4 मिलीमीटर) के मुकाबले 23 प्रतिशत अधिक है। वहीं, सितंबर माह में अब तक राज्य में सामान्य से 47 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। केवल पौड़ी (माइनस 41 प्रतिशत) व रूद्रप्रयाग (माइनस 5 प्रतिशत) ही ऐसे जिले रहे, जहां सितंबर माह में सामान्य से कम बारिश हुई। वहीं, पूरे मानसून सीजन में सामान्य से सबसे ज्यादा 243 फीसद बारिश बागेश्वर और सबसे कम माइनस 5-5 प्रतिशत रूद्रप्रयाग व नैनीताल जिले में हुई। बागेश्वर का सामान्य औसत 781.5 मिलीमीटर है, जबकि इस बार 2680.4 मिलीमीटर वर्षा इस जिले में दर्ज हुई। राज्य में सबसे कम माइनस 29 प्रतिशत बारिश पौड़ी जिले में हुई। यहां सीजन का सामान्य औसत 1252.9 मिलीमीटर है, जबकि इस बार सिर्फ 885.7 मिलीमीटर वर्षा हुई। चमोली जिले में सामान्य से 89 प्रतिशत, टिहरी गढ़वाल में 59 प्रतिशत, हरिद्वार में 57 प्रतिशत, अल्मोड़ा में 26 प्रतिशत, उधमसिंह नगर में 19 प्रतिशत व उत्तरकाशी में 16 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। वहीं दूसरी ओर, पौड़ी के साथ ही चंपावत, नैनीताल व रूद्रप्रयाग ऐसे जिले रहे, जहां सामान्य से काफी कम बारिश मिली। चंपावत में सामान्य से माइनस 6 प्रतिशत और रूद्रप्रयाग व नैनीताल में 5-5 प्रतिशत कम पानी पड़ा। हालांकि, मौसम विभाग प्लस-माइनस 19 प्रतिशत तक को सामान्य बारिश की श्रेणी में ही रखता है। इस तरह राज्य के 5 जिलों- पौड़ी, रूद्रप्रयाग, नैनीताल, चंपावत व उत्तरकाशी में सामान्य से कम बारिश हुई।

देहरादून में मानसून सीजन के दौरान 39 प्रतिशत और सितंबर में 128 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई

देहरादून जिले में इस सीजन में 1971.9 मिलीमीटर बारिश हुई, जो जिले के सामान्य औसत (1422.9 मिलीमीटर) की अपेक्षा 39 प्रतिशत अधिक है। सितंबर माह में देहरादून में सामान्य से 128 प्रतिशत अधिक पानी बरसा। जिले में सितंबर माह का सामान्य वर्षा औसत 197.5 मिलीमीटर है, जबकि इस बार 450.2 मिलीमीटर बारिश दून में हुई। यह पिछले 10 वर्ष में सितंबर माह की दूसरी सर्वाधिक बारिश है। इससे पहले सितंबर-2019 में 489.9 बारिश हुई थी, जो पिछले 10 साल की सर्वाधिक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *