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बदरी विशाल के जयघोष के साथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद, चारधाम यात्रा पूर्ण

जोशीमठ। लोक मान्यताओं में भू-वैकुंठधाम के रूप में प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट शनिवार अपराह्न शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। बदरी विशाल की जय के घोष और वैदिक ऋचाओं के गुंजन के साथ मुर्हूतानुसार अपराह्न ठीक 3ः33 बजे विधि-विधान से कपाट बंद किए गए। इस दौरान हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। इसके साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा पूर्ण हो गई है।

बदरीनाथा धाम के कपाट बंद करने से पहले पंच दिवसीय विशेष पूजा-अर्चना की गई। पिछले पांच दिनों के आखिरी पड़ाव में शुक्रवार को कढाई भोग और पूजा-अर्चना के बाद माता लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजमान होने का न्योता दिया गया। रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में यह विशेष पूजा-अर्चना की। कपाट बंद होने के मौके पर बदरीनाथ मंदिर को कई कुंतल फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था। अब शीतकाल में शंकराचार्य के गद्दी स्थल जोशीमठ में भगवान बदरी-विशाल की पूजा-अर्चना होगी। इस वर्ष धाम में रिकॉर्ड यात्री आए।

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