टनकपुर–बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे पूरा, 170 किमी लाइन पर आएगी 48 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत, डीपीआर तैयार
देहरादून। बहुप्रतीक्षित टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के लिए फील्ड सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। 170 किलोमीटर लंबी इस प्रस्तावित रेल लाइन की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार कर ली गई है। इस परियोजना पर 48 हजार 692 करोड़ रूपये लागत आने का अनुमान है। जबकि, ट्रैफिक (यात्री) मिलने की संभावना कम है।

केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में नैनीताल के सांसद अजय भट्ट के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सदन को सूचित किया कि टनकपुर-बागेश्वर नई लाइन की डीपीआर तैयार होने के बाद अब परियोजना की स्वीकृति के लिए राज्य सरकार सहित विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श और नीति आयोग, वित्त मंत्रालय आदि से आवश्यक अनुमोदन अपेक्षित होते हैं। चूंकि, परियोजनाएं स्वीकृत करना सतत और गतिशील प्रक्रिया है, इसलिए कोई निश्चित समय-सीमा तय नहीं की जा सकती है।
उत्तराखंड में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट आवंटन 187 करोड़ से 25 गुना बढ़कर 4641 करोड़ हुआ : अश्विनी

रेल मंत्री अश्विनी ने जानकारी दी कि उत्तराखंड में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट आवंटन लगभग 25 गुना बढ़ा है। 2009 से 2014 के बीच 187 करोड़ रूपये प्रति वर्ष से बढ़कर 2025–26 में यह 4,641 करोड़ रूपये हो गया है। 1 अप्रैल 2025 तक राज्य में 216 किलोमीटर लंबाई की तीन नई रेल लाइनों को 40,384 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत किया गया है।
राज्य में 213 किलोमीटर की परिधि में से 199 किलोमीटर में टनलिंग का कार्य पूरा
रेल मंत्रालय के अनुसार, देवबंद–रुड़की नई रेल लाइन परियोजना (27 किमी) पूरी हो गई है, जिससे दिल्ली–देहरादून की दूरी लगभग 40 किलोमीटर कम हो जाएगी। ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल लाइन (125 किमी), जो उत्तराखंड के हिमालयी भू-भाग से होकर गुजरने वाली एक महत्वपूर्ण परियोजना है, तेजी से प्रगति कर रही है। प्रस्तावित 16 मुख्य सुरंगों और 12 एस्केप सुरंगों में से क्रमशः 13 और 9 पूरी हो चुकी हैं। साथ ही सभी 8 एडिट्स भी पूरे किए जा चुके हैं। कुल मिलाकर 213 किमी की परिधि में से 199 किलोमीटर की टनलिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है।
पिछले 10 साल में प्रदेश में 106 आरओबी व आरयूबी का हुआ निर्माण, 9 और ब्रिज स्वीकृत

रेल मंत्रालय ने जानकारी दी है कि उत्तराखंड में 11 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकास के लिए चुना गया है। इनमें देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुआं जंक्शन, रामनगर, रूड़की, टनकपुर शामिल है। साथ ही 2014 से 2025 के बीच उत्तराखंड में 106 रोड ओवर ब्रिज व अंडरब्रिज का निर्माण किया गया है। जबकि, 158 करोड़ रूपये की लागत से इस तरह के 9 और ब्रिज स्वीकृत किए गए हैं।

