राज्य निर्माण आंदोलन, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में स्व. सुशीला बलूनी के योगदान को किया याद
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलन की प्रमुख नेता रहीं दिवंगत सुशीला बलूनी को रविवार को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। कलक्ट्रेट परिसर स्थित शहीद स्मारक सभागार में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में राज्य निर्माण आंदोलन, राजनीति, सामाजिक क्षेत्र समेत विभिन्न स्तरों पर दिए गए उनके अतुलनीय योगदान को याद किया गया।
राज्य आंदोलन में स्व. बलूनी की सहयोगी रहीं पुष्पलता सिलमाना की अध्यक्षता में आयोजित सभा में दून नागरिक मंच के ब्रिगेडियर (अप्रा.) केजी बहल, उत्तराखंड बैंक इंप्लाइज यूनियन के पूर्व महामंत्री जगमोहन मेंहदीरत्ता, राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र जुगरान व अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा ने राज्य आंदोलन व सामाजिक सक्रियता के मामले में स्व. बलूनी से जुड़े संस्मरण साझा किए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में मातृशक्ति को लामबंद करने और विभिन्न आंदोलनात्मक गतिविधियों के लिए जन समर्थन जुटाने में उनकी महत्वूपर्ण भूमिका रही।
आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व सलाहकार ओमी उनियाल ने कहा कि राज्य बनने के प्रथम दिन की लड़ाई से लेकर अपने अंतिम दिनों तक वे निरंतर संघर्षशील रहीं। सादगी की प्रतिमूर्ति रहीं सुशीला बलूनी सभी के साथ समन्वय बनाकर रखती थीं। उन्होंने महिलाओं के साथ-साथ छात्रों-युवाओं को भी पर्वतीय गांधी इंद्रमणि बडोनी के गांधीवादी विचारों के अनुरूप ही अहिंसक ढंग से आंदोलन में भागीदारी के लिए सदैव प्रेरित किया। आंदोलनकारी रामेश्वरी बड़थ्वाल, मुन्नी खंडूड़ी व भाजपा नेत्री सरिता गौड़ ने कहा कि उन्हें स्व. बलूनी के नेतृत्व में रेल रोको से लेकर जेल भरो तक हर आंदोलनात्मक गतिविधि में भागीदारी का अवसर मिला।
सभा का संचालन करते हुए मंच प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती के साथ ही प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी व संस्कृतिकर्मी जयदीप सकलानी ने कहा कि सुशीला बलूनी ने कभी किसी भी स्तर पर छोटे-बड़े या जाति-धर्म का भेद नहीं किया। अपने से बहुत छोटी उम्र वालों के सुझावों पर भी वे अमल करती थीं। यह उनका विराट व्यक्तित्व ही था कि दलीय सीमाओं से परे भी सब उनका सम्मान करते थे।
राज्य आंदोलनकारी मंच ने ऋषिकेश और हरबर्टपुर में भी आयोजित कीं श्रद्धांजलि सभा
सभा में स्व. बलूनी को श्रद्धांजलि देने वालों में उनके साथ दून में पहली भूख हड़ताल करने वाले उक्रांद के पूर्व जिलाध्यक्ष रामपाल, मंच की मसूरी इकाई से जुड़े पूर्व पालिका सभासद देवी गोदियाल, कांग्रेस नेत्री गुरदीप कौर, महिला मंच की द्वारिका बिष्ट, साया के मो. शाहिद, भानू रावत, वाम कार्यकर्ता जबर सिंह पावेल, सतीश धौलाखंडी के साथ ही आंदोलनकारी सुरेश नेगी, पूुरण सिंह लिंगवाल, केशव उनियाल, गौरव खंडूरी, प्रभात डंडरियाल, राकेश नौटियाल, नरेंद्र नौटियाल, सुमित थापा, हरि सिंह मेहर, विजय पाहवा, राजेश पांथरी, वीर सिंह रावत, नगर निगम के पूर्व पार्षद गणेश डंगवाल आदि शामिल रहे। मंच की हरबर्टपुर और ऋषिकेश इकाईयों ने वहां भी श्रद्धांजलि सभा आयोजित कीं।

