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उत्तराखंड आंदोलनकारियों और आश्रितों के 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर प्रवर समिति ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा ड्राफ्ट

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने संबंधी मामले में प्रवर समिति ने रिपोर्ट (ड्राफ्ट) विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को सौंप दी है।

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर वीरवार दोपहर समिति के अध्यक्ष व संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर पहुंचे। उनके साथ समिति के सदस्य व विधायक विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चौहान के अतिरिक्त विधानसभा सचिव भी मौजूद थे। समिति की ओर से अध्यक्ष ने रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी।

जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाकर सदन के पटल पर रखेंगेः अग्रवाल

ड्राफ्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपने के बाद प्रवर समिति के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि समिति को जो महत्वपूर्ण काम सौंपा गया था, वह पूरा हो गया है। प्रवर समिति ने पांच बैठकें करके पा्ररूप को तैयार किया है। अब जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाकर इसे सदन के पटल पर रखा जाएगां। उन्होंने कहा कि समिति ने काफी मंथन करके इसे त्रुटिरहित करने का प्रयास किया है। रिपोर्ट पूरी तरह राज्य आंदोलनकारियों के हित में है।

आरक्षण का मामला कई साल से लटका होने से आंदोलनकारियों में रही नाराजगी
गौरतलब है कि राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पूर्व में मिलता था, लेकिन पूर्व में कुछ कानूनी अड़चनों के कारण यह बंद कर दिया गया। पिछली कांग्रेस सरकार के समय इस संबंध में विधेयक पारित करके राज्यपाल को भेजा गया, लेकिन वहां यह कई साल अटका रहा। अब मौजूदा सरकार ने राजभवन से विधेयक वापस आने के बाद इसे विधानसभा में प्रस्तुत करने से पूर्व प्रवर समिति को सौंपा, जिससे इसे पूरी तरह त्रुटिरहित किया जा सके। लंबे समय तक यह मामला लटके होने से आंदोलनकारियों में रोष व्याप्त था और उन्होंने कई बार इसे लेकर अपने गुस्से का इजहार धरना-प्रदर्शन और विधानसभ, सचिवालय व सीएम आवास कूच के जरिए व्यक्त भी किया।

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