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ऑपरेशन सिलक्याराः टीवी चैनलों के लिए मंत्रालय ने जारी की एडवायजरी, नासिक से पहुंची ड्रिलिंग मशीन, टनल में सभी मजदूर सुरक्षित

उत्तरकाशी। सिलक्यारा से मंगलवार सुबह एक और अच्छी खबर आई। पिछले 10 दिन से टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों तक तड़के पाइप के जरिए एंडोस्कोपिक फलेक्सी कैमरा पहुंचाने में कामयाबी मिल गई। इस कैमरे से मजदूरों के फोटोग्राफ्स और वीडियो रेस्क्यू टीमों को प्राप्त हुए, जिसमें सभी मजदूर सुरक्षित होने के साथ ही उनका मनोबल भी काफी मजबूत नजर आ रहा है।

इससे पहले सोमवार शाम 53 मीटर लंबी 6 इंच की पाइप लाइन मजदूरों के तक पहुंचाने में भी सफलता मिल गई थी, जिसके जरिए उन्हें 9वीं शाम खिचड़ी, पानी, फल समेत खाद्य सामग्री पहुंचाया गया। अब उन्हें हर 30 मिनट पर खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। इससे पहले 4 इंच की पाइप लाइन के जरिए उन तक सिर्फ ड्राईफ्रूट्स ही पहुंच पा रहा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम से ली रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी

मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर उत्तरकाशी के सिलक्यारा में संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने पाइप के जरिए मजदूरों तक खाना पहुंचाने में मिली सफलता के साथ ही एंडोस्कोपिक फ़्लेक्सी कैमरे की मदद से मजदूरों से हुई बातचीत व उनकी कुशलता की जानकारी भी प्रधानमंत्री को कहा कि सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालना हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।

घटना के 10वें दिन उत्तरकाशी जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी पहुंचे सिलक्यारा

मंगलवार शाम शहरी विकास मंत्री व उत्तरकाशी जिले के प्रभारी प्रेमचंद अग्रवाल भी सिलक्यारा पहुंचे। उन्होंने टनल का दौरा किया और अधिकारियों से अब तक हुई प्रगति की जानकारी ली। घटना के बाद से जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद का यह पहला उत्तरकाशी दौरा है।

संवेदनशीलता का रखें ध्यान, मुद्दे को सनसनीखेज न बनाएं चैनलः मंत्रालय
इस बीच, सिलक्यारा टनल में चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की कवरेज के संबंध में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी प्राइवेट सेटेलाइट चैनल्स (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) के लिए एडवाइजरी जारी की है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निदेशक वरूंदा मनोहर देसाई की ओर से जारी इस एडवायजरी में कहा गया है कि सुरंग और उसके आसपास चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद संवेदनशील प्रकृति का है। ऐसे में बचाव अभियान स्थल के करीब टीवी चैनलों के कैमरो और ऑपरेशन से संबंधित वीडियो फुटेज व तस्वीरों के प्रसारण से ऑपरेशन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।

चैनल्स को सलाह दी गई है कि वे इस मुद्दे को सनसनीखेज बनाने से बचें और सुरंग स्थल के करीब से कोई भी लाइव पोस्ट या वीडियो न करें। उन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कैमरामैन, पत्रकारों अथवा उनके उपकरणों की मौजूदगी से मानवजीवन बचाने वाली रेस्क्यू एजेंसियों की गतिविधि बाधित अथवा प्रभावित न हो। एडवायजरी में मंत्रालय ने चैनल्स को यह भी सलाह दी है कि हेडलाइंस, वीडियो, चित्र और रिपोर्टिंग करते हुए ऑपरेशन की संवेदनशील प्रकृति, परिवारों के सदस्यों और सामान्य रूप से दर्शकों की मनोवैज्ञानिक स्थिति का भी उचित ध्यान रखें।

बीआरओ ने सौंपी एप्रोच रोड, अलग-अलग हिस्सों में ड्रिलिंग की तैयारी

सिलक्यारा में हॉरिजेंटल ड्रीलिंग के लिए नासिक से मंगाई गई मशीन तड़के देहरादून पहुंची, जिसे स्पॉट पर रवाना कर दिया गया है। सिलक्यारा की तरफ से बीआरओ ने टनल के ऊपर की पहाड़ी पर मशीनों के लिए रोड निर्माण का काम पूरा कर साइट को रेल विकास निगम के हवाले कर दिया है। बड़कोट की ओर से भी एप्रोच रोड का निर्माण किया जा रहा है। ओएनजीसी ने वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए साइट का सर्वेक्षण कर लिया है। टीएचडीसी ने भी बड़कोट की दिशा से 483 मीटर टनल के लिए हॉरिजेंटल ड्रिलिंग के लिए मौके पर मशीन और टीम पहुंचा दी है।

रात दो विस्फोट किए गए, इससे 3 मीटर हिस्से में हुए मलबे को सुबह साफ किया गया। उधर, टनल में 900 एमएम के पाइप के साथ 800 एमएम के पाइप फिट करने के लिए वेल्डिंग का काम चल रहा है। इन पाइपों को वहां से आगे पुश किया जाएगा, जहां पिछले सप्ताह मशीन से ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा था। सिलक्यारा की ओर 1.2 मीटर व्यास की टनल निर्माण के लिए बीआरओ ने एप्रोच रोड बनाकर एसवीएनएल को सौंप दिया है, जो दोपहर ड्रिलिंग शुरू करने की तैयारी में थी। पुलिस रेडियो संचार अधिकारी को संचार व्यवस्था के लिए 24 वॉकी-टॉकी सेट, प्रकाश व्यवस्था के लिए 4 रिमोर्ट एरिया लाइट और 2 अस्का लाइट भी मौके पर भेजे गए हैं।

 

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