ऑपरेशन सिलक्यारा सफलता के करीब, आज देर रात या कल तड़के बाहर निकल आएंगे टनल में 11 दिन से फंसे 41 मजदूर
उत्तरकाशी। सिलक्यारा टनल से राहत भरी खबर आ रही है। उम्मीद की जा रही है कि अब किसी तरह की बड़ी अड़चन न आई, तो टनल में फंसे 41 मजदूरों का बुधवार देर रात तक बाहर निकलना शुरू हो जाएगा। बीते शुक्रवार से बंद पड़ी ऑगर मशीन ने मंगलवार रात पौने एक बजे से पुनः ड्रिलिंग शुरू कर दी। बुधवार शाम तक 45 मीटर तक पाइप पुश किए जा चुके थे। अब अधिकतम दो या तीन पाइप ही पुश किए जाने हैं। प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भास्कर खुलने ने शाम सवा चार बजे बताया कि अब अगले चरण की ड्रिलिंग चल रही है। प्रशासन ने टनल से बाहर निकाले जाने के बाद मजदूरों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए उत्तरकाशी जिले के अलावा पड़ोसी टिहरी जिले से भी एंबुलेसों को मौके पर बुला लिया है। किसी को एयरलिफ्ट किए जाने की आवश्यकता के मद्देनजर हेलीकॉप्टर को भी स्टैंडबाई रखा गया हैं।
प्रधानमंत्री लगातार संपर्क में, फिर लिया सीएम से अपडेट
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर पुनः बात की। प्रधानमंत्री लगातार मुख्यमंत्री के संपर्क में बने हैं और उनसे उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन का अपडेट ले रहे हैं। बड़कोट-ब्रह्मखाल के बीच यमुनोत्री और गंगोत्री की दूरी 46 किलोमीटर घटाने के लिए करीब 4.5 किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण किया जा रहा है। यमुना घाटी को गंगा घाटी से जोड़ने वाली इस टनल का अब महज 500 मीटर के आसपास का काम ही शेष रह गया है। 12 नवंबर को दीपावली की तड़के सिलक्यारा क्षेत्र में टनल के बीचों-बीच टनल ध्वस्त हो गई। भू-धसाव और भूस्खलन से उत्पन्न टनों मलबने ने टनल का मुंह बंद कर दिया और उस वक्त वहां काम कर रहे रात्रि शिफ्ट के 41 मजदूर फंस गए।
रात पौने एक बजे से चालू हो गई ऑगर मशीन, 45 मीटर तक पुश कर दिए पाइप
मजदूरों को निकालने के लिए पिछले 11 दिन से ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन इसमें कई तरह की बाधाएं आईं। शुक्रवार को अमेरिकन ऑगर मशीन ने भी आधे में काम बंद कर दिया। मशीन करीब 22 मीटर तक 900 एमएम के पाइप पुश करने के बाद से बंद पड़ी थी। रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी चार दिन पहले तब आई, जब प्रधानमंत्री कार्यालय ने पूरे ऑपरेशन को सीधे अपने हाथ में ले लिया। पीएमओ से आई टीम मौके पर ही रह कर ऑपरेशन की निगरानी कर रही है। इंदौर से एक और ड्रिलिंग मशीन बीते रोज मंगाई गई। इसके अलावा गुजरात और उड़ीसा से भी मशीने एयरलिफ्ट की गई हैं। 6 स्तर पर काम चल रहा है। हॉरिजेंटल के अलावा वर्टिकल ड्रिलिंग भी चल रही है। विदेशी एक्सपर्ट भी मौके पर बुलाए गए। लेकिन, रेस्क्यू में लगी टीमों और एक्सपर्ट्स की भी सबसे ज्यादा उम्मीद हॉरिजेंटल पाइप पुशिंग पर ही थी। इसमें अच्छी बात यह हुई कि बीते मंगलवार रात से ऑगर मशीन ने पाइप पुशिंग शुरू कर दी। बुधवार शाम 4 बजे तक 45 मीटर पाइप पुश करने में सफलता मिल चुकी थी। करीब 62 मीटर के आसपास तक पाइप डाले जाने हैं। पहले 900 एमएम के पाइप डाले गए थे, जो 22 मीटर पर जाकर फंस गए थे। लिहाजा, अब उनके अंदर 800 एमएम के पाइप डाले गए हैं, जो निर्बाध गति से आगे बढ़ रहे हैं।
ड्रिलिंग में नहीं, हॉरिजेंटल पुशिंग के लिए पाइपों की वेल्डिंग में लग रहा टाइम
उम्मीद की जा रही है कि बुधवार रात अथवा देर रात से मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू हो जाएगा। दरअसल, एक पाइप 6 मीटर लंबा है। इतनी दूरी तक खुदाई करने में मशीन को एक से डेढ़ घंटा लगता है। इसके बाद एक पाइप को दूसरे से जोड़ने के लिए सेना के एक्सपर्ट पाइप वेल्डिंग कर रहे हैं। पाइप को सही एलाइनमेंट में रखकर वेल्डिंग करने और उसे ठंडा करने की प्रक्रिया में 2 से 3 घंटे का वक्त लग रहा है। इसके बाद कुछ वक्त उसकी पुशिंग में लगता है। पूरी प्रक्रिया में 4-5 घंटे लग जाते हैं। इसलिए, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि देर रात अथवा वीरवार तड़के तक लक्षित दूरी तक पाइप पहुंचाकर मजदूरों को निकालने में सफलता मिल जाएगी।
पाइप पहुंचने के बाद पाइप के अंदर से कुछ इस तरह निकाले जाएंगे मजदूर
एक बार पाइप मजदूरों तक पहुंचने के बाद एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, सेना आदि के प्रशिक्षित जवान मजदूरों को निकालने में जुटेंगे। दो दिन पहले इससे संबंधित मॉक ड्रिल भी की जा चुकी है। मॉकड्रिल के अनुसार, सबसे पहले पाइप के अंदर ‘हॉरिजेंटल अवस्था’ में रेस्क्यू कर्मी स्ट्रेचर और जरूरी उपकरणों के साथ प्रवेश करेंगे। मजदूरों तक पहुंचकर उन्हें रस्से से बंधे स्ट्रेचर के जरिए दूसरी ओर तैनात रेस्क्यू कर्मी अपनी दिशा में खींचेंगे। एक-एक करके सभी 41 मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा, जहां पहले से स्टैंडबाई रखी गई एंबुलेंस में उन्हें प्राथमिक उपचार देने के साथ ही किसी को आवश्यकता होगी, तो उसे नजदीकी चिह्नित अस्पताल की ओर रवाना किया जाएगा।
खाने के अलावा भेजे गए कपड़े भी, मजदूरों से स्थापित किया गया ऑडियो कम्युनिकेशन
पीएमओ की ओर से भेजे गए भाष्कर खुल्बे, एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद और राज्य सरकार के नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल व सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने इससे पहले दोपहर दोपहर मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि अब तक उत्साहजनक परिणाम रहे हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने बताया कि केबल के माध्यम से फंसे मजदूरों से एसडीआरएफ का ऑडियो कम्युनिकेशन हो गया है। कुछ कपड़े और ब्रश भी उन्हें भिजवाए गए हैं। कुछ दवाएं भी भेजी गई हैं। सभी मजदूरों का मनोबल काफी ऊंचा है।

