ऑपरेशन सहस्रताल: एसडीआरएफ ने 10 ट्रैकर किए रेस्क्यू, वायुसेना के 2 चेतक और 1 एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी अभियान में
उत्तरकाशी। सहस्त्रताल ट्रैकिंग रुट पर फंसे ट्रैकर्स को रेस्क्यू करने का अभियान तेज हो गया है। बुधवार पूर्वाह्न तक 10 ट्रेकर को रेस्क्यू कर लिया गया। इनमें से 6 को उत्तरकाशी जिले में भटवाड़ी के नजदीक नटीन और 4 को देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड लाया गया है। तड़के शुरू किए गए खोज एवं बचाव अभियान में एसडीआरएफ की हेली टीम के साथ ही वायुसेना के दो चेतक हेलीकॉप्टर लगे हैं। हर्षित हेलीपैड पर भी एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर को बैकअप में रखा गया है।
उत्तरकाशी के डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जानकारी दी है कि रेस्क्यू कर नटीन हेलीपैड में पहुंचाए गए 6 ट्रेकर्स में सौम्या पत्नी विवेक उम्र 37 वर्ष, विनय पुत्र कृष्णमूर्ति उम्र 47 वर्ष, शिव ज्योति, सुधाकर पुत्र बीएस नायडू उम्र 64 वर्ष, सुमृति पत्नी गुरु राज उम्र 40 वर्ष, सीना उम्र 48 वर्ष शामिल हैं। सभी बेंगलुरु कर्नाटक के निवासी हैं। इन सभी 6 लोगों की स्थिति ठीक बताई जा रही है। वहीं, एसडीआरएफ ने बताया कि 4 ट्रैकर को सकुशल रेस्क्यू कर देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपेड लाया गया है। हेलीपेड पर एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्र रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। वहीं उत्तरकाशी में डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट और एसपी अर्पण यदुवंशी खुद कंट्रोल रूम से ऑपरेशन की कमान संभाले हुए हैं।
इससे पहले बुधवार तड़के वन विभाग की 10 सदस्यीय रेकी व रेस्क्यू टीम सिल्ला गांव की ओर से मौके के लिए रवाना हुई, जबकि, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से एसडीआएफ की टीम भी तड़के टिहरी जिले के बूढाकेदार की तरफ से रेस्क्यू के लिए भेजी गई।
एसडीआरएफ, आईटीबीपी, निम और वन विभाग की टीमें भी जुटीं ट्रैक पर फंसे 13 ट्रैकर को बचाने
एसडीआरएफ की हाई एल्टीट्यूड में रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित करने वाली एक्सपर्ट 3 टीमें देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपेड से रवाना हुईं। उत्तरकाशी जिला अस्पताल और भटवाड़ी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अलर्ट पर रखते हुए वहां अतिरिक्त एंबुलेंस तैनात की गईं। मातली से भी आईटीबीपी के 14 रेस्क्यूअर्स की टीम एक डॉक्टर को साथ लेकर सहस्रताल ट्रैकिंग रुट की ओर रवाना हुई। इनके साथ ही उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) से भी बैकअप टीम को रवाना किया गया। मतली हेलीपेड पर भी एंबुलेंस तैनात की गईं।
डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि टिहरी जिला प्रशासन ने भी हेली रेस्क्यू के लिए अरदंगी हेलीपेड को अलर्ट मोड पर रखा है। वहां एंबुलेंस टीम, पीडब्ल्यूडी और पुलिस की टीमें भी तैनात की गई हैं। खोज एवं बचाव के लिए टिहरी जिले से भी वन विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस व स्थानीय लोगों की टीम घनसाली के पिंस्वाड से पैदल रवाना हुईं।
चार ट्रैकर की हो चुकी मौत, सहस्रताल ट्रैक पर निकले दल में कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकर शामिल
हिमालयन व्यू ट्रैकिंग ऐजेंसी (मनेरी) के मध्यम से मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल 29 मई को रवाना हुआ था। इसमें कनार्टक के 18 और महाराष्ट्र के एक ट्रैकर के साथ ही तीन स्थानीय गाइड शामिल थे। इस ट्रैकिंग दल को 7 जून तक वापस लौटना था। लेकिन, सोमवार को अंतिम शिविर से सहस्त्रताल पहुंचने के दौरान मौसम खराब होने से दल रास्ता भटक गया। डीएम के अनुसार, संबंधित ट्रैकिंग एजेंसी ने मंगलवार शाम ट्रैकिंग दल के चार सदस्यों की मौत होने और 13 अन्य के ट्रैक पर फंसे होने की सूचना दी, जिसके बाद सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया गया। सहस्त्रताल करीब 4100 से 4400 मीटर की ऊंचाई पर उत्तरकाशी और टिहरी की सीमा पर स्थित है।