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धस रही है नैनीताल की लोअर माल रोड, प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही पर लगाई रोक, कुमाऊं कमिश्नर ने किया मौका-मुआयना

नैनीताल। सरोवर नगरी की लोअर माल रोड लगातार धस रही है। सड़क का करीब 190 मीटर हिस्सा प्रभावित हुआ है। पीडब्ल्यूडी ने भू-धसाव रोकने के लिए ट्रीटमेंट शुरू कर दिया है। भू-धसाव व ट्रीटमेंट कार्य के दृष्टिगत नैनीताल प्रशासन ने लोअर माल रोड के प्रभावित हिस्से में सभी तरह के वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। इसी बीच, ट्रीटमेंट कार्य का मौके पर निरीक्षण करने के बाद कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने झील के चारों ओर की क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत और रोड के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए पीडब्ल्यूडी को टीएचडीसी के साथ मिलकर शीघ्र डीपीआर तैयार करके शासन को भेजने के निर्देश दिए।

पीडब्ल्यूडी ने शुरू किया ट्रीटमेंट वर्क, अपर माल रोड पर शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच वन-वे ट्रैफिक की छूट

नैनीताल नगर की लोअर माल रोड में पिछले कुछ वर्षों से भू-धसाव के कारण सड़क का काफी हिस्सा बैठ रहा है। इस हिस्से में गहरी दरारें पड़ी हैं। वर्ष-2018 में लगभग 4 करोड़ रूपये सरकार ने ट्रीटमेंट के लिए दिए थे। इससे करीब 25 मीटर हिस्से में काम कराया गया। लेकिन, रोड के धसने का सिलसिला धीरे-धीरे बढ़ रहा है। भू-वैज्ञानिकों ने सर्वे के बाद अपनी रिपोर्ट में लोअर माल रोड के कुल 190 मीटर को धसाव से प्रभावित बताते हुए इसके स्थायी ट्रीटमेंट पर जोर दिया है। पीडब्ल्यूडी नैनीताल के प्रांतीय खंड ने लोअर माल रोड पर ग्रांड होटल के नजदीक भू-धसाव वाले हिस्से में दीर्घकालिक उपचारात्मक कार्य आंरभ किया है। ट्रीटमेंट कार्य और रोड पर बढ़ते खतरे को देखते हुए नैनीताल के एडीएम व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने 15 सितंबर को डीएम के हवाले से उक्त सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित करने संबंधी आदेश जारी किया। यह प्रतिबंध तल्लीताल चर्च से मल्लीताल तक प्रभावी है। उक्त अवधि में अपर माल रोड पर शाम 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक पूर्व में जारी वाहन प्रतिबंध संबंधी आदेश में ढील देते हुए वन-वे ट्रैफिक जारी रखने का भी आदेश किया गया है।
कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने लोअर माल रोड पर भू-धसाव व उसके ट्रीटमेंट के लिए शुरू किए गए उपायों का जायजा लिया। चूंकि, ट्रीटमेंट कार्य को पूरा होने में काफी समय लगने की संभावना है। इसे देखते हुए पीडब्ल्यूडी लोगों की सुविधा के दृष्टिगत लोअर माल रोड को मालरोड से जोड़ने के लिए विकल्प के तौर पर रैंप का निर्माण भी कर रहा है। मंडलायुक्त ने रैंप निर्माण का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से सड़क सुरक्षा के लिए किए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी ली।

मलबे के 80 मीटर ढेर पर बनी है माल रोड, झील की दीवार क्षतिग्रस्त होने से रिस कर सड़क को टच कर रहा पानी

निरीक्षण के बाद कुमाऊं कमिश्नर ने बताया कि लोअर माल रोड का 190 मीटर हिस्सा ऐसा है, जिसमें किसी न किसी प्रकार का धसाव हो रहा है। कुछ हिस्से में यह काफी ज्यादा हो गया है, जबकि कुछ में अभी कम है। उन्होंने बताया कि पूर्व में जो जियोलॉजिकल स्टडीज यहां हुई हैं, उससे यह पता चलता है कि लोअर माल रोड डिपोजिट (मलबे के ढेर) पर बनी है। कभी किसी जमाने में ऊपर से मलबा आया होगा, उसी पर यह रोड बनी है। इस मलबे की गहराई 80 मीटर के आसपास बताई गई है। इस पूरे इलाके में पत्थर कहीं नहीं है और यह मलबे पर टिका हुआ है। दूसरे, झील पेरिफेरी यानी बाहरी किनारों पर जहां पानी सड़क को टच करता है, वहां पूरे हिस्से में ब्रिटिशकाल में दीवार बनी थी। यह दीवार कुछ हिस्से में पूर्व में रिपेयर भी की गई थी। इसमें अनेक स्थानों पर टूट-फूट हो गई है, जिससे झील का पानी रिस कर सीधे सड़क को टच कर रहा है, जिससे वह क्षतिग्रस्त हो रही है।

अन्य जगह भी है धसाव की आशंका, सिंचाई विभाग को झील की पूरी दीवार बनाने के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश

मंडलायुक्त दीपक रावत ने बताया कि इस पूरी स्थिति में दो तरह के कार्य होने हैं। एक, सिंचाई विभाग को झील की पेरिफेरी में पूरी दीवार को नए सिरे से बनाना होगा। इसके लिए उसे डीपीआर देने को कहा गया है। दूसरे, पीडब्ल्यूडी को यह देखना है कि ट्रैफिक कैसे चलेगा। इसके लिए उन्हें 4 करोड़ रूपये पहले मिल गए थे, जिससे 2018 में आंशिक काम हुआ था, उसी काम को पीडब्ल्यूडी पूरा करेगा। अगर डीपीआर के हिसाब से वह टेक्नीक एकदम सही बैठती है, तो फिर यह इस्टीमेट पूरे 190 मीटर में किया जाएगा। इस संबंध में टीएचडीसी की भी मदद ली जाएगी। बकौल मंडलायुक्त, उनकी इस बारे में टीएचडीसी के सीएमडी से बात हो गई है। फिलहाल 25 मीटर हिस्से में काफी गहराई में पिलर बनाकर लिंटर डाला जाएगा, जो इसका पूरा भार ले लेगा। उन्होंने बताया कि जो सिंचाई विभाग वाला काम होना है, वह काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि, अभी 125 मीटर में जो धसाव हुआ है, हो सकता है भविष्य में नए प्वांट्स इस तरह के बन जाएं। इसलिए, झील की वॉल को बनाया जाना बेहद जरूरी है। निरीक्षण के दौरान नैनीताल नगर पालिका की अध्यक्ष सरस्वती खेतवाल, पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता पीएस बृजवाल, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता संजय शुक्ला, एडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी, नैनीताल जिला विकास प्राधिकरण के सचिव विजय नाथ शुक्ल, भू-वैज्ञानिक लेघराज समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।

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