नहीं रहे उत्तराखंड के हित चिंतक पत्रकार आरपी नैनवाल, गुड़गांव में हुआ निधन, सीएम ने जताया शोक
देहरादून। उत्तराखंड के गहरे हित चिंतक और टाइम्स ऑफ इन समेत कई अंग्रेजी समाचार पत्रों से जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार आरपी नैनवाल का बुधवार को गुड़गांव में निधन हो गया है। उनकी अंतिम यात्रा वीरवार दोपहर हरिद्वार के लिए प्रस्थान करेगी। उनके निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी के साथ ही पत्रकारों ने उनके आकस्मिक निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
उत्तराखंड ही नहीं, देश की अंग्रेजी पत्रकारिता में ऊंचा कद था स्व. नैनवाल का
उनके परिजनों के अनुसार, 72 वर्षीय नैनवाल पत्नी समेत पिछले कुछ दिन से गुड़गांव में थे। बुधवार सुबह गुड़गांव में ही उन्हें दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। जाखन स्थित माउंट व्यू अपार्टमेंट निवासी नैनवाल की दो विवाहित पुत्रियां हैं, जो गुड़गांव और बेंगलुरु में रहती है। नैनवाल दिल्ली, मुंबई, मध्य प्रदेश समेत देश के कई स्थानों पर अपनी सेवाएं देने के पश्चात 1990 के दशक में देहरादून आ गए। टाइम्स समूह से सेवानिवृत्ति के बाद वे पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न अंग्रेजी पत्रों में स्वतंत्र लेखन कर रहे थे।
पत्रकारों ने जताया निधन पर दुःख, दी भावभीनी श्रद्धांजलि
उत्तराखंड पत्रकार यूनियन ने आरपी नैनवाल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी, महामंत्री हरीश जोशी, उपाध्यक्ष आशीष ध्यानी व पूर्व महामंत्री गिरिधर शर्मा ने नैनवाल के निधन को पत्रकारिता जगत की गहरी क्षति बताया है। वरिष्ठ पत्रकार व उत्तरांचल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष चेतन गुरुंग व देवेंद्र सती ने कहा कि आरपी नैनवाल जितने बड़े पत्रकार थे, उतने ही ज्यादा विनम्र और मिलनसार भी थे।
मसूरी के वरिष्ठ पत्रकार शूरवीर भंडारी ने कहा कि नैनवाल जी के निधन से पत्रकारिता के एक शानदार युग का अंत हो गया है। नैनवाल के करीबी वरिष्ठ पत्रकार सतीश शर्मा और गौरव मिश्रा ने कहा कि सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, देश की अंग्रेजी पत्रकारिता ने भी आज एक समर्पित पत्रकार को को दिया है। उत्तरांचल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र अंथवाल और पूर्व महामंत्री मनमोहन शर्मा ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वे ऐसे प्रखर पत्रकार थे, जो सदैव उत्तराखंड और पत्रकारों के हितों को लेकर चिंतित रहते थे। 1990 के दशक में उत्तराखंड राज्य आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर कवरेज दिलाने में भी उनकी अहम भूमिका रही। प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री संजीव कंडवाल ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जब-जब पत्रकारिता में स्वच्छ, ईमानदार, सहज-सरल और संघर्षशील लोगों का जिक्र होगा, आरपी नैनवाल का नाम प्रमुखता से लिया जाएगा।