अब नहीं सुनाई देगा ‘जोशीमठ’, बंबई-कलकत्ता और मद्रास की तरह खो जाएगा इतिहास के पन्नों में
देहरादून। ‘जोशीमठ…।‘ यह नाम सुनाई देने के साथ ही एक ऐसे पहाड़ी शहर की तस्वीर उभरती है, जो न केवल भारत की प्राचीनता को आत्मसात किए हुए है, जो न केवल भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक वैभव का प्रतीक रहा है, अपितु देश की उत्तरी सीमा के सबसे महत्वपूर्ण और सामरिक महत्व वाले आखिरी नगरों में से भी एक रहा है। लेकिन, अब ‘जोशीमठ’ शब्द नहीं सुनाई देगा। बंबई, कलकत्ता और मद्रास की ही तरह जोशीमठ शब्द भी सरकारी रिकॉर्ड और आमजन के बीच इतिहास के पन्नों में कहीं खो जाने वाला है।
इस सीमांत तहसील का नाम बदलकर ‘ज्योतिर्मठ‘ करने के प्रस्ताव को केंद्र से मिली मंजूरी
दरअसल, जोशीमठ का नाम बदल कर ‘ज्योतिर्मठ’ करने संबंधी उत्तराखंड सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी इस संबंध में अनापत्ति (एनओसी) दे दी है। देश में मानचित्र तैयार करने संबंधी जिम्मा संभालने वाला सर्वे ऑफ इंडिया इसी मंत्रालय के अंतर्गत आता है। ज्योतिर्मठ इस पहाड़ी नगर का प्राचीन नाम रहा है। ब्रिटिश काल से कुछ पहले जोशीमठ प्रचलन में आ गया। ब्रिटिशकाल में यह नाम पूरी तरह सरकारी रिकॉर्ड में आ गया। बाद में तहसील और ब्लॉक भी बना तो जोशीमठ ही नाम से। कुछ लोग इसका नाम परिवर्तन करने की मांग कर रहे थे, जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विगत वर्ष चमोली जिले के घाट में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जोशीमठ का नाम का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने की घोषणा की थी। अब केंद्र ने ज्योतिर्मठ तहसील नाम के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
भारत की चार दिशाओं में स्थापित आदिगुरु शंकराचार्य के चार मठों में से एक है ज्योतिर्मठ
आदिगुरु शंकराचार्य ने भारत चार दिशाओं में जो चार मठ स्थापित किए थे, उनमें उत्तर में ज्योतिर्मठ शामिल है। आदिगुरु शंकराचार्य के इस प्राचीन गद्दीस्थल के संबंध में मान्यता है कि 8वीं सदी में आदिगुरु जब इस क्षेत्र में आए, तो उन्होंने अमर कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या की, जिससे उन्हें दिव्य ज्ञान ज्योति की प्राप्ति हुई थी। दिव्य ज्ञान ज्योति और ज्योतेश्वर महादेव की वजह से इस स्थान को ज्योतिर्मठ का नाम मिला। उत्तराखंड में बदरीनाथ यात्रा और भारत-तिब्बत सीमा का प्रमुख नगर जोशीमठ पिछले साल भू-धसाव के कारण विश्वभर में चर्चा में रहा।
इस बीच, केंद्र ने नैनीताल जिले की कोश्याकुटौली तहसील का नाम बदल कर कैंचीधाम तहसील करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। पिछले साल मुख्यमंत्री धामी ने इस तहसील का नाम बदलने की भी घोषणा की थी।