जागेश्वर मंदिर और आदि कैलाश का पहाड़ी शैली में होगा कायाकल्प
हल्द्वानी। मानसखंड मंदिरमाला मिशन के तहत अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर और गुंजी पिथौरागढ़ के आदि कैलाश को चारधाम केेदारनाथ व बदरीनाथ की तर्ज पर मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जाएगा। मास्टर प्लान और डीपीआर बनाने में मंदिर समितियों, स्थानीय लोगों, विषय विशेषज्ञों और जिला प्रशासन से सुझाव के बाद कंसलटेंसी कंपनी अवस्थापना विकास के प्लान को अंतिम रूप दे दिया गया है। कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत के समक्ष बुधवार को कंसलटेंसी कंपनी ने मंदिर के मास्टर प्लान के बारे में प्रजेटेंशन दिया। इस दौरान विभिन्न प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा की गई।
मंदिरों के मूल स्वरूप से नहीं होगी छेड़छाड़, आसपास जुटाई जाएंगी सुविधाएं
मंडलायुक्त नेे कहा कि इस योजना के तहत मंदिरों के स्वरूप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। मंदिर परिसर से एक से दो किमी. के दायरे में पार्किंग सुविधा, अप्रोच रोड, पीने के पानी, बिजली, शौचालय, कम्युनिटी हॉल, प्रसाद व भंडारा गृह सहित अन्य कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जागेश्वर मंदिर के पास अरतोला में पार्किंग जंक्शन से नवनिर्मित ईवी वाहनों के माध्यम से पर्यटकों को जागेश्वर लाया जाएगा। जागेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार को पहाड़ी शैली में बनाया जाएगा। उन्हांेने कहा कि दंडेश्वर मंदिर परिसर में पार्किंग शेल्टर बनाने के साथ ही आसपास स्थानीय लोगों के भवनों को भी पहाडी शैली में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एएसआई म्यूजियम और केएमवीएम गेस्ट हाउस का साैंदर्यीकरण के साथ ही जटगंगा नदी के सौंदर्यीकरण, ब्रिज, चैकडैम और घाट का निर्माण होगा। इसके लिए लगभग 150 करोड़ रूपये की डीपीआर तैयार की जा चुकी है।
आदि कैलाश में 60 लोगों के रात्रि विश्राम की सुविधा, नंदी द्वार का होगा निर्माण
इसके साथ ही आदि कैलाश गुंजी में नंदी द्वार का निर्माण, होम स्टे, रेस्टोरेंट, पार्किंग व्यवस्था के साथ ही लगभग 60 लोगांे के रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है। इसके लिए प्रथम चरण हेतु 12 करोड 87 लाख की डीपीआर तैयार की जा चुकी है। आयुक्त ने कहा कि मानसखंड मंदिरमाला मिशन के पूरा होने पर जहां देश-विदेश के पर्यटकों के इन क्षेत्रों का भ्रमण करने से उत्तराखंड मेें पर्यटन को बढावा मिलेगा, वहीं लोगों को रोजगार के साथ ही प्रदेश की आर्थिकी को एक नया मुकाम भी मिलेगा।

