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चमोली के नंदानगर में अतिवृष्टि से व्यापक पैमाने पर नुकसान, मलबे में 10 लोग लापता, देहरादून व हरिद्वार में स्कूल बंद

देहरादून/चमोली। प्रदेश में बारिश का रौद्र रूप लगातार जारी है। देहरादून जिले में आपदा की मार के बाद एक बार फिर चमोली जिले पर कहर टूटा है। चमोली में नंदानगर (घाट) ब्लॉक के विभिन्न क्षेत्रों में बुधवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। क्षेत्र में 10 लोग लापता है, जिनकी तलाश में रेस्क्यू टीमें जुटी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार चमोली प्रशासन के संपर्क में बने हैं और तेजी से सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

कुंतरी लगाफाली, धुर्मा और सरपाणी में हुई ज्यादा क्षति, कई मकान ध्वस्त

प्रदेश सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि नगर पंचायत नंदानगर के कुंतरी लगाफाली में 6 मकान ध्वस्त हुए हैं। यहां 6 लोग लापता हैं, जबकि 2 को बचा लिया गया है। नंदानगर तहसील के धुर्मा गांव में 4-5 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। यहां मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। आरंभिक सूची में कुंतरी लगाफाली में 6 और सरपाणी व धुर्मा में 2-2 लोग लापता बताए गए हैं। मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ समेत रेस्क्यू टीमें पहुंच गई हैं। मलबे को हटाकर लापता लोगों को तलाशने के लिए अभियान शुरू किया गया है। हालांकि, खराब मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें पेश आ रही हैं।

टिहरी जिले में गंगोत्री हाईवे और गजा-देवप्रयाग मार्ग समेत कई सड़कें बंद

उधर, टिहरी जिले में ऋषिकेश गंगोत्री नेशनल हाईवे समेत कई मार्ग बंद हैं। टिहरी प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि गंगोत्री नेशनल हाईवे नरेंद्र नगर व चंबा के बीच बगड़धार में भूस्खलन के कारण बंद हैं, जिसे खोलने का प्रयास किया जा रहा है। गजा-चाका-देवप्रयाग मार्ग, यमुना-पुल बड़कोट हाईवे, नरेंद्रनगर-रानीपोखरी मार्ग व रायपुर-कुमाल्डा-कद्दूखाल मार्ग भी मलबा आने के कारण अवरूद्ध हैं।

मौसम विभाग ने मध्य रात्रि बाद देहरादून-हरिद्वार के लिए जारी किया ‘रेड अलर्ट’, रात डेढ़ बजे हुआ छुट्टी का आदेश


दूसरी ओर, भारी बारिश को देखते हुए देहरादून और हरिद्वार जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में वीरवार को ऐहतियात के तौर पर अवकाश घोषित कर दिया है। इन दोनों जिलों के लिए देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने बुधवार रात 1 बजे बाद जारी अपडेट (नाउ कास्ट) में वॉर्निंग कैटेगरी ‘यलो’ से बदलकर ‘रेड’ कर दी। देहरादून के डीएम सविन बंसल के निर्देश पर एडीएम (वित्त एवं राजस्व) व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के प्रभारी केके मिश्रा ने रात 1ः30 बजे स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी का आदेश जारी कर दिया।\

देहरादून के मजाड़ा गांव में मलबे में दबे 3 लोगों की तलाश में जुटी एनडीआरएफ-एसडीआरएफ

इस बीच, देहरादून जिले के आपदा प्रभावित मजाड़ा, कार्लीगाड, सहस्त्रधारा समेत अन्य क्षेत्रों में सर्च और रेस्टोरेशन अभियान में रात से हो रही बारिश बाधक बन रही है। सहस्त्रधारा से करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित मजाड़ा गांव में मलबे में दबे 3 लोगों की तलाश के लिए जेसीबी बुधवार शाम को तमाम चुनौतियां पार करते हुए पहुंचा दी गई। एसडीएम (सदर) हरि गिरि के निर्देशन में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान मलबा हटाने का प्रयास कर रहे हैं। इस कार्य में सहस्त्रधारा क्षेत्र के तिब्बती समुदाय के तमाम लोग भी कुदाल, बेलचे, फावड़े लेकर खुदाई में साथ दे रहे हैं। सहस्त्रधारा से मजाड़ा तक पहुंचने वाला मुख्य मार्ग कई जगह ध्वस्त है, जिसे ठीक करने के लिए मशीनें और मैनपावर लगाई गई है। बिजली और पानी की लाइनों को दुरूस्त करने का भी प्रयास चल रहा है। आपदा प्रभावित सहस्रधारा बाजार में भी मलबा हटाने के साथ ही अवस्थापना सुविधाओं को रिस्टोर करने का कार्य चल रहा है।

मृतक संख्या 18 तक पहुंची, आपदा प्रभावित 60 परिवार होटलों में किए गए शिफ्ट, कई गांवों तक हेलीकॉप्टर से पहुंचाया राशन

मजाड़ा, कार्लीगाड आदि प्रभावित क्षेत्रों से मंगलवार को अस्थायी राहत शिविर में रखे गए 60 परिवारों को बुधवार को विभिन्न होटलों व रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया गया। इसके लिए डीएम के आदेश पर प्रशासन ने 5 होटलों व रिजॉट का फिलहाल अधिग्रहण किया है। सड़क संपर्क से कटे रायपुर ब्लॉक के फुलेत समेत विभिन्न गांवों तक एसडीएम कुमकुम जोशी के निर्देश में हेलीकॉप्टर के जरिए राशन भेजा गया। 60 परिवारों के लिए एयरलिफ्ट करके भेजे गए राशन किट प्रशासन की टीम ने उन्हें वितरित किए। देहरादून जिले में सोमवार रात आई आपदा में मृतकों की संख्या 18 तक पहुंच गई है। करीब दर्जनभर लोग अब भी लापता है, जिनकी तलाश की जा रही है।

राजधानी से 48 घंटे तक कटे रहे मसूरी का सड़क संपर्क वैली ब्रिज बनने के बाद रात हुआ बहाल, सुबह फिर बंद

उधर, सोमवार रात से अलग-थलग पड़े मसूरी के लिए बुधवार देर रात सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया। देहरादून-मसूरी मार्ग पर कुठालगेट शिव मंदिर के नजदीक पुल क्षतिग्रस्त होने के साथ ही देहरादून-किमाड़ी-हाथीपांव-मसूरी मार्ग, मसूरी-कैंपटी-यमुना पुल मार्ग, मसूरी-चंबा-नरेंद्र नगर मार्ग व मसूरी-कद्दूखाल-मालदेवता-रायपुर मार्ग अलग-अलग स्थानों पर अवरूद्ध होने के कारण करीब 48 घंटे तक मसूरी का राजधानी देहरादून समेत बाकी प्रदेश व देश से सड़क संपर्क कटा रहा। मंगलवार देर रात ऋषिकेश से ब्रिज का सामान पहुंचने के बाद बुधवार को दिनभर जुटकर पीडब्ल्यूडी ने शिव मंदिर के नजदीक क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर कुछ घंटों की मशक्कत के बाद वैली ब्रिज तैयार कर लिया। पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के सहायक अभियंता जीएस कोंडल ने बताया कि रात पौने 10 बजे पुल को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया। हालांकि, वीरवार सुबह मलबा आने से मसूरी मार्ग फिर बंद हो गया, जिसे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

कोई व्यवस्था न होने पर सैकड़ों पर्यटकों ने पैदल ही तय की 22 किलोमीटर की दूरी, टैक्सी वालों ने उठाया मजबूरी का फायदा

पुल तैयार होने से पूर्व दो दिन से मसूरी के होटलों में फंसे यूपी, दिल्ली, उड़ीसा, हरियाणा समेत विभिन्न प्रांतों के सैकड़ों पर्यटकों के साथ ही काफी संख्या में स्थानीय लोग पैदल ही करीब 22 किलोमीटर की दूरी तय करके पहले क्षतिग्रस्त पुल तक पहुंचे, जहां पुलिस, पीआरडी जवानों व मालसी के कांग्रेस पार्षद सुमेंद बोहरा की टीम ने उन्हें नीचे नदी के रास्ते लाकर ऊपर सड़क पर पहुंचाया। यहां से सभी पर्यटक व लोग पैदल डेढ़-दो किमी दूर कुठालगेट पहुंचे।

उधर, कई पर्यटकों ने शिकायत की कि मसूरी में चंद दूरी का ही कई टैक्सी वालों ने उनसे मनमाना किराया वसूला। महज 3 से 4 किमी. तक का ही उनसे 600 से 1000 रूपये तक किराया लिया गया। मसूरी प्रशासन की ओर से पुल के कोल्हूखेत की दिशा वाले छोर तक पहुंचाने के लिए किसी तरह के वाहन की व्यवस्था न किए जाने से पर्यटक ही नहीं, मसूरी क्षेत्र के निवासी भी क्षुब्ध नजर आए। इधर, देहरादून प्रशासन ने उनके लिए कुठालगेट वाले छोर पर रोडवेज बस की व्यवस्था की, लेकिन यह व्यवस्था भी शाम तब हो पाई, जब अधिकांश लोग पैदल ही कुठालगेट पहुंचकर सिटी बस, टैक्सी या ऑटो पकड़ चुके थे।

मसूरी से एयरलिफ्ट न हो पाने के बाद एंबुलेंस से अदला-बदली कर डायलिसिस के लिए दून लाए गए 13 मरीज

दूसरी ओर, बुधवार को मसूरी में फंसे ऐसे गंभीर मरीजों को एयरलिफ्ट करने का प्रयास किया गया, जिनका देहरादून के अस्पतालों में डायलसिस होता है। डीएम सविन बंसल के आदेश पर मसूरी प्रशासन ने इन्हें देहरादून भेजने के लिए आईटीबीपी हेलीपैड पहुंचाया, लेकिन मौसम के कारण क्लियरेंस न मिलने के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया। इसके बाद डीएम ने इन्हें एंबुलेंस से देहरादून-मसूरी मार्ग के क्षतिग्रस्त पुल तक लाने और वहां से एंबुलेंसों की अदला-बदली कर देहरादून पहुंचाने के निर्देश दिए। इस कार्य में मदद के लिए एसडीआरएफ की एक यूनिट को भी मौके पर भेजा गया।

शाम करीब 4 बजे एसडीआरएफ, 108 कर्मियों व परिजनों की मदद से कुछ मरीजों को स्ट्रेचर पर निर्माणाधीन वैली ब्रिज के उपर से और कुछ को कंधों पर उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाकर देहरादून के विभिन्न अस्पतालों में लाया गया। कुल 13 गंभीर मरीज दून लाए गए।

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