उत्तराखंडअपराधविविध

अंकिता हत्याकांड की बरसी पर प्रदेश भर में कैंडल और मशाल के जरिए हुई आक्रोश की अभिव्यक्ति

देहरादून। बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड की पहली बरसी पर प्रदेशभर में कैंडल मार्च, मशाल जुलूस और विरोध प्रदर्शन के जरिए जनाक्रोश की अभिव्यक्ति की गई। प्रदर्शनकारियों में गुस्सा इस बात को लेकर दिखा कि साल बीतने के बावजूद न्याय व्यवस्था की कछुआ गति के चलते उत्तराखंड की बेटी अंकिता को न्याय नहीं मिल पाया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी जिलों में कैंडल मार्च निकालकर अंकिता को श्रद्धांजलि देने और सरकार से पूरे मामले में सीबीआई अथवा हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने की मांग करने का आह्वान किया। पार्टी का कहना था कि आज तक इस मामले में शामिल वीआईपी की न तो गिरफ्तारी की गई और न ही सरकार की ओर से उसका नाम ही उजागर किया गया। राजधानी देहरादून में सोमवार देर शाम महानगर कांग्रेस अध्यक्ष जसंिवदर सिंह गोगी और महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला की अगुआई में कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय से घंटाघर चौक तक कैंडल मार्च निकाला। हरिद्वार में महानगर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अमन गर्ग, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष अंजू मिश्रा, महानगर अध्यक्ष लता जोशी, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष संतोष चौहान आदि के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कैंडल मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। रूड़की, नरेंद्र नगर, प्रताप नगर, श्रीनगर, डोईवाला, मसूरी समेत प्रदेश के विभिन्न शहरों और कस्बों में कांग्रेसियों व जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जुलूस-प्रदर्शन किया।

आंदोलनकारी मंच ने कानूनी लड़ाई आगे बढ़ाने को दी आर्थिक मदद


देहरादून में पहाड़ी स्वाभिमान सेना के आह्वान पर छात्रों-युवाओं, क्षेत्रीय दलों व आंदोलनकारी संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोगों ने संयुक्त मशाल जुलूस निकालकर रोष प्रकट किया और अंकिता को शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की ओर से इस मौके पर अंकिता की मां को कानूनी लड़ाई सशक्त ढंग से आगे बढ़ाने के लिए 27 हजार रूपये की सहायता राशि का चेक भेंट किया गया। मशाल जुलूस में मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी, महामंत्री रामलाल खंडूरी, जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, उत्तराखंड स्टूडेंट्स फेडरेशन के गढ़वाल संयोजक लुशुन टोडरिया, उत्तराखंड महिला मंच की केंद्रीय संयोजक कमला पंत समेत उक्रांद, सीपीआई और अन्य जन संगठनों के कार्यकर्ता शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *