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मांगों पर कार्रवाई में देरी से कर्मचारी परिषद नाराज, सीएस को भेजा ज्ञापन

देहरादून। पदोन्नत वेतनमान समेत विभिन्न मांगों पर कार्रवाई में देरी से राज्य कर्मचारियों में नाराजगी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से इस संबंध में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु को ज्ञापन भेजकर कार्मिकों की समस्याओं के शीघ्र निराकरण की मांग की गई।

पदोन्नत वेतनमान की बहाली शीघ्र करने की मांग

परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरूण पांडेय और महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट की ओर से प्रेषित ज्ञापन में मांग की गई कि एसीपी के अंतर्गत 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत वेतनमान देने के लिए विभिन्न विभागों में तीन पदोन्नति न प्राप्त कर सकने वाले कार्मिकों का संवर्गवार आंकडा वित विभाग के पास एकत्र हो चुका है। ऐसे में उक्त सुविधा को पूर्व की भांति तत्काल बहाल किया जाए। विभिन्न संवर्गों की वेतन विंसगति दूर करने के संबंध में 12 अगस्त 2022 की वार्ता के अनुरूप वेतन समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। ज्ञापन में पदोन्नति में शिथिलीकरण की व्यवस्था को पूर्ववत बहाल करने, गोल्डन कार्ड के अंतर्गत ओपीडी में जनऔषधि केेंद्रों से कैशलैश दवा व सुपर स्पेशलिस्ट पंजीकृत चिकित्सालयों में कैशलैश जांच की सुविधा देने, विभिन्न विभागीय सघों की मांगों पर घटक संघों की शासनस्तर पर बैठक आयोजित करने, जिला, मंडल व शासन स्तर पर कार्मिक सचिव के निदेशानुसार कार्मिक संगठनों के साथ बैठकें करने की मांग भी ज्ञापन में की गई।

हवाई यात्रा की सुविधा और फाइव डे वीक की भी उठाई मांग
इसके साथ ही परिषद ने 5400 ग्रेड पे प्राप्त कर रहे कार्मिकों को राजकीय कार्य के लिए हवाई यात्रा की सुविधा अनुमन्य करने, यात्रा अवकाश सुविधा (एलटीसी) में अधिकतम 15 दिन अथवा वास्तविक यात्रा के आधार पर अवकाश की व्यवस्था करने, वाहन भत्ता प्रतिमाह 1200 रूपये से बढ़ाकर 2500 रूपये करने, सभी निगमों, निकायों, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व अशासकीय विद्यालयों सहित अन्य समान प्रकृति के कार्मिकों को राज्य कर्मियों की तरह सभी सुविधाएं अनुमन्य करने, समस्त वर्दीधारियों को पुलिस कर्मियो ंकी भांति सुविधाए अनुमन्य करने, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों की सेवा बरकरार रखने, राजधानी के विभागीय निदेशालयों व आयुक्त कार्याेलयों में भी सचिवालय की तरह पांच दिवसीय कार्यालय दिवस लागू करने जैसी मांगें भी उठाई हैं।

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