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यमुना में झील बनने से स्यानाचट्टी कस्बा जलमग्न, नेशनल हाइवे पर बना पुल भी डूबा, आसपास के गांव खाली कराए गए, निचले इलाकों को अलर्ट किया

उत्तरकाशी। जिले में गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव धराली में आपदा के जख्म अभी भरे भी नहीं कि अब यमुनोत्री धाम के प्रमुख यात्रा पड़ाव स्यानाचट्टी आपदाग्रस्त हो गई है। स्यानाचट्टी के पास गढ़गाड़ गदेरे में वीरवार दोपहर अचानक भारी मात्रा में मलबा और पानी आने से यमुना में कृत्रिम झील बन गई है। झील के कारण स्याना चट्टी में घर, होटल और पुलिस चौकी जलमग्न हो गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

यमुना घाटी के निचले इलाकों को भी खतरे के मद्देनजर अलर्ट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर स्थित स्यानाचट्टी कस्बे के पास से गुजरती यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। स्याना पुल से कुछ दूर स्थित कुपड़ा गाड, जिसे गढ़ गाड भी कहा जाता है में अचानक उफान आ गया। यह गदेरा यमुना नदी में आकर गिरता है। वीरवार को उफान आने से गदेरा भरी मात्र में मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर यमुना में ले आया, जिससे यमुना का प्रवाह बाधित हो गया और वहां विशाल झील बन गई है।

झील बनने से होटलों की पहली मंजिल तक पानी भर चुका है। जीएमवीएन का होटल, पुलिस चौकी, इंटर कॉलेज और तमाम घर पानी में डूब गए हैं। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे स्यानाचट्टी पुल भी पानी में डूब गया है। हालात को देखते हुए प्रशासन ने सभी घरों को खाली करवा दिया। डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों को अभी तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। एहतियातन ओजरी, पुजारगांव, पाली गांव, खराड़ी, कुथनौर आदि गांव खाली कराए जा रहे हैं। बड़कोट के एसडीएम मौके पर मौजूद हैं और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, फायर सर्विस, सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुट गई हैं।

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