भाजपा विधायक की करतूत का खामियाजा भुगता दूनवासियों ने, हड़ताल से काम ठप-शहर सड़ा, जीना समेत 5 पर मुकदमा दर्ज
देहरादून। सल्ट (अल्मोड़ा) के भाजपा विधायक महेश जीना की यहां देहरादून नगर निगम में की गई धींगामुश्ती का खामियाजा बुधवार को पूरे शहर ने भुगता। विधायक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर निगम कर्मचारियों के पूरी तरह हड़ताल पर चले जाने के कारण सफाई व्यवस्था समेत तमाम कामकाज ठप हो गए और राजधानी में कूड़े के ढेर सड़ांध मारने लगे हैं। कर्मचारी संगठनों के साथ ही प्रदेश की आईएएस एसोसिएशन भी विधायक के खिलाफ खुलकर विरोध में उतर आई। इस बीच, सरकार की किरकिरी होने और चौतरफा दबाव बढ़ता देख पुलिस ने भी बुधवार देर रात विधायक जीना समेत पांच आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।
करीबी को टेंडर न मिलने से भड़के विधायक महेश जीना ने जमकर किया था बवाल

घटनाक्रम मंगलवार अपराह्न का है। अल्मोड़ा जिले के सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना अपने कुछ साथियों के साथ देहरादून नगर निगम पहुंचे और किसी टेंडर के संबंध में कर्मचारियों से उलझ गए। आरोप है कि उनके पक्ष की ओर से हाथापाई का प्रयास तक हुआ। इसके बाद विधायक नगर आयुक्त गौरव कुमार के कार्यालय में घुसे और वहां जमकर हंगामा किया। इस दौरान का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमे विधायक तू-तड़ाक करते हुए काफी अभद्रता करते दिख रहे हैं। इस बीच, नगर निगम के बाकी कर्मचारियों को पता चला और वे काम बंद कर आयुक्त दफ्तर की ओर लपके। इससे पहले कि गुस्साए कर्मचारी वहां पहुंच कर विधायक व उनके साथियों को घेर पाते, माहौल उल्टा पड़ते देख विधायक साथियों समेत वहां से खिसक लिए। बताया गया है कि विधायक जीना अपने किसी करीबी को देहरादून के सहस्त्रधारा रोड इलाके में पुराने ट्रेंचिंग ग्राउंड के ट्रीटमेंट से संबंधित ठेका न मिलने से आपा खोए हुए थे। यह टेंडर उनके करीबी के बजाय किसी अन्य के नाम खुला था। विधायक की हरकत से क्षुब्ध नगरायुक्त ने इसकी जानकारी तत्काल उच्चाधिकारियों को दे दी थी। वहीं, नगर निगम कर्मी भी तत्काल हड़ताल पर चले गए।
विधायक की गिरफ्तारी से पहले हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं कर्मचारी संघ

बुधवार को नगर निगम में टैक्स जमा करने, म्यूटेशन, जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने से लेकर साफ-सफाई व पाठ प्रकाश समेत सभी तरह की सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। कर्मचारियों ने निगम परिसर में प्रदर्शन भी किया। सफाई कर्मियों के संगठन भी हड़ताल में शामिल हैं। इसके चलते कूड़ा उठान न होने से पूरे शहर में कचरा सड़ांध मरने लगा है। धामावाला, नेशविला रोड, भंडारीबाग, लैंसडौन चौक, डिस्पेंसरी रोड समेत अनेक स्थानों पर कूड़े के ढेर जमा हो गए हैं। कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक विधायक जीना समेत आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, वे काम पर नहीं लौटेंगे। इस पूरे घटनाक्रम से असहज हुई सरकार का मैनेजमेंट भी मामले को ठंडा करने के लिए सक्रिय रहा। कर्मचारी नेताओं से भी टुकड़ों में बातचीत होती रही। इसके बाद ही देर रात विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कर कर्मचारियों का गुस्सा कुछ काम करने की कोशिश की गई। हालांकि, कर्मचारी संगठन देर रात तक भी विधायक की गिरफ्तारी से कम कुछ मानने को तैयार नहीं थे।
कर्मचारी नेताओं की ओर से इन धाराओं के अंर्तगत दर्ज किया गया मुकदमा
शहर कोतवाली में विधायक जीना समेत पांच लोगों के खिलाफ धारा-147(उपद्रव), धारा-186 (सरकारी कार्य में बाधा डालने), धारा-504 व 506 (गाली-गलौच, अपमानित करना व जान से मरने की धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमा नगर निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नाम बहादुर, महामंत्री सत्येंद्र कुमार, नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार, सचिव धीराज भारती और नगर निगम वहां चालक संघ के अध्यक्ष स्वर्ण सिंह पंवार व सचिव यशपाल सिंह की तहरीर व शिकायती पत्रों के आधार पर दर्ज किया गया है।
आईएएस एसोसिएशन भी भड़की, की विधायक के कृत्य की निंदा

इससे पूर्व आईएएस के संगठन भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ की उत्तराखंड इकाई ने विधायक जीना के कृत्य पर तीखी नाराजगी जताते हुए इसकी भर्त्सना की। संघ के अध्यक्ष आनंदवर्धन व सचिव अरविंद ह्यांकी ने बयान जारी कर आरोप लगाया कि विधायक ने टेंडर को अपने परिजन के पक्ष में प्रभावित करने के लिए अनुचित दबाव डाला।

