अपने आसपास न पलने दें डेंगू का लार्वा, वरना भरना पड़ेगा एक लाख तक जुर्माना
देहरादून। राजधानी समेत प्रदेश के कई जिलों में डेंगू की मार लगातार जारी है। सबसे बुरा हाल देहरादून, हरिद्वार, कोटद्वार जैसे मैदानी इलाकों का है। चमोली और बागेश्वर समेत पहाड़ी जिलों में भी इस बार डेंगू की दस्तक हुई है। सरकारी तौर पर तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक आम लोगों को व्यापक तौर पर राहत नहीं मिल पाई है। देहरादून में अब डेंगू का लार्वा मिलने पर किए जाने वाले जुर्माने की रकम में भारी वृद्धि कर दी गई है।
प्रदेश में स्वास्थ्य सचिव, दून में मेयर और नगरायुक्त खुद फील्ड में

डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच इसे नियंत्रित करने की कोशिश के तहत इसके लार्वा को ढूंढने और नष्ट करने का अभियान लगातार जारी है। वहीं, अस्पतालों में डेंगू पीड़ितों के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार खुद मोर्चा संभाले हुए हैं। अब तक वे देहरादून, हरिद्वार, कोटद्वार समेत विभिन्न क्षेत्रों में अस्पतालों का दौरा कर चुके हैं। वहीं, राजधानी देहरादून में नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग फॉगिंग, दवा छिड़काव और डेंगू मच्छर का लार्वा नष्ट करने में जुटे हैं। मेयर सुनील उनियाल गामा जहां फील्ड और बैठकों मंे लगातार हालात की समीक्षा कर रहे हैं, वहीं नगरायुक्त मनुज गोयल निगम टीम के साथ खुद विभिन्न क्षेत्रों में घूमकर डेंगू के लार्वा को नष्ट कराने और जुर्माने की कार्रवाई करा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की बैठक में हालात की समीक्षा
इस बीच, सोमवार को मेयर सुनीन उनियाल गामा ने स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के स्वास्थ्य अनुभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके डेंगू की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की। इस बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया गया। इसके तहत अब किसी व्यावसायिक प्रतिष्ठान के परिसर में डेंगू का लार्वा मिलने पर एक लाख रूपये तक का जुर्माना किया जाएगा। इसी तरह किसी घर के परिसर में लार्वा मिला, तो पांच हजार रूपये तक का जुर्माना होगा।

