सीएम से गढ़वाली-कुमाऊनी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने की मांग
देहरादून। उत्तराखंड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली की अगुआई में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर गढ़वाली-कुुमांउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री को इस संबंध में मांगपत्र भी सौंपा। इससे पहले भाषा मंत्री सुबोध उनियाल और डोईवाला के विधायक बृजभूषण गैरोला समेत कई विधायकों को भी उक्त आशय का मांगपत्र भेंट किया गया।
मुख्यमंत्री से मांग की गई कि सरकार आगामी विधानसभा सत्र में गढ़वाली-कुमाउंनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव सदन में चर्चा के बाद पारित कराकर केंद्र सरकार को भेजे। साथ ही केंद्र से मांग की जाए कि शीघ्र गढ़वाली-कुमाऊंनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। मंच के संयोजक दिनेश ध्यानी ने बताया कि मुख्यमंत्री व भाषा मंत्री ने इस दिशा में पहल करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में अनिल कुमार पंत, जयपाल सिंह रावत, दर्शन सिंह रावत, जगमोहन सिंह रावत, सुशील बुडाकोटी आदि शामिल थे।