कमेटी-दर-कमेटी: अब भू-कानून समिति की रिपोर्ट के परीक्षण के लिए सरकार ने एसीएस की अध्यक्षता में बनाई पांच सदस्यीय कमेटी
देहरादून। कमेटी-दर-कमेटी बनाती चल रही प्रदेश सरकार ने अब एक और कमेटी का गठन किया है। ‘प्रारूप समिति’ नाम से गठित यह कमेटी एक साल पहले पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता वाली ‘भू-कानून समिति’ की एक साल पहले आई रिपोर्ट का विस्तृत परीक्षण करेगी। इसका अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को बनाया गया है।
भू-कानून पर साल-2021 में गठित पूर्व सीएस सुभाष कुमार कमेटी ने साल भर पहले सौंपी थी सरकार को रिपोर्ट
मूल निवास-1950 और सशक्त भू-कानून के मुद्देभ पर 24 दिसंबर को आहूत रैली से असहज हुई सरकार इन दोनों मुद्दों पर सक्रियता दिखाने का प्रयास कर रही है। मूल निवास के संबंध में दो दिन पूर्व उसने मूल निवास धारकों के लिए स्थायी निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता खत्म करने का आदेश जारी किया। वहीं, वीरवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे् पर विस्तृत अध्ययन के लिए कमेटी के गठन का ऐलान किया था। सशक्त भू-कानून के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान साल-2021 में पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। पिछले साल अगस्त-2022 में यह कमेटी अपनी संस्तुतियों के साथ विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप चुकी है।
ठंडे बस्ते से निकाली गई रिपोर्ट पर अब ‘प्रारूप समिति’ देगी सरकार को संस्तुति, ये अधिकारी होंगे सदस्य

सुभाष कुमार की अध्यक्षता वाली भू-कानून समिति की संस्तुतियों को लागू करने के बजाय सरकार ने इसे करीब एक वर्ष से भी ज्यादा तक ठंडे बस्ते में डाले रखा। अब अचानक इस रिपोर्ट को ठंडे बस्ते से निकालकर एक दूसरी कमेटी को सौंपा जा रहा है। इस संबंध में शुक्रवार को शासनादेश जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि ‘भू-कानून समिति’ की शासन को उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट के विस्तृत परीक्षण के लिए ‘प्रारूप समिति’ का गठन किया गया है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित कमेटी में न्याय विभाग के प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग के सचिव, सामान्य प्रशासन के सचिव और मुख्यमंत्री के अपर सचिव जगदीश कांडपाल को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। कमेटी को आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों व अधिकारियों को आमंत्रित करने के लिए अधिकृत किया गया है। समिति इस संबंध में अपनी संस्तुति सरकार को देगी।

