विश्वामित्र के आश्रम गए बाल राम-लखन, ताड़का समेत राक्षसों का किया वध
देहरादून। सरस्वती विहार विकास समिति (अजबपुर खुर्द) की और से आयोजित महिला कलाकारों की रामलीला के दूसरे दिन विभिन्न प्रसंगों का मंचन किया गया।
पंडाल में भरी संख्या में मौजूद दर्शकों के बीच दोपहर रामलीला की शुरुआत गुरु विश्वामित्र के साथ बाल राम-लक्ष्मण का उनके आश्रम में जाने और यज्ञ रक्षा के लिए राक्षसों के वध के दृश्य के साथ होती है। ताड़का युद्ध और वध के दृश्य पंडाल में मौजूद बाल दर्शकों के बीच खासतौर से कौतूहल रहे।
क्षेत्र की ऐसी वृद्ध महिलाओं ने भी रामलीला का आनंद उठाते हुए गुजरे दौर के ऐसे आयोजनों को याद किया, जिनकी उम्र 80-90 वर्ष से अधिक है। रामलीला के प्रसंगों का प्रभावशाली मंचन सरोज रावत के निर्देशन में मातृशक्ति लोककला सांस्कृतिक समिति (मानपुर कोटद्वार) की महिला कलाकारों ने किया।
रामलीला के दूसरे दिन मंचन का औपचारिक उद्घाटन कनिष्क अस्पताल की सह-निदेशक डॉ. ऋतु गुप्ता व अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएस चौहान, उपाध्यक्ष कैलाश राम तिवारी, सचिव गजेंद्र भंडारी, श्रीमती बीना असवाल, संगीता सेमवाल, निर्मला बिष्ट, मंजू सेमवाल, सावित्री चौहान, सुशीला सेमवाल, हेमलता नेगी, रेखा डंगवाल, कुसुम पटवाल, राजेश्वरी नेगी, आशीष गुसाई, मंजू सेमवाल, सोना राणा, उमा चौहान, विद्या भंडारी, सुधा गैरोला, पुष्पा ममगाईं आदि उपस्थित रहे।