एक ऐसा ऑपरेशन जिसमें जवानों की जान थी खतरे में, फिर भी घंटों जुटे रहे 50 से ज्यादा जवान
पिथौरागढ़। धारचूला-लिपुलेख मार्ग पर तंपा मंदिर के पास दुर्गम चट्टानी खाई में वाहन गिरने से मृत सभी 6 लोगों के शव भले ही निकाल लिए गए, लेकिन इस पूरे ऑपरेशन ने रेस्क्यू टीमों के पसीने छुड़वा दिए। खोज एवं बचाव अभियान कितना मुश्किल था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, आईटीबीपी और एसएसबी के 50 से ज्यादा जवानों को जुटना पड़ा। इसके बाद ही शवों को 500 मीटर ऊपर सड़क तक लाया जा सका, वह भी नदी के किनारे-किनारे काफी दूर पैदल चलकर।
दशहरे के दिन 500 मीटर गहरी खाई में गिरा था वाहन
दुर्घटना 24 अक्तूबर को दशहरे की दोपहर बाद उस वक्त हुई, जब आदि कैलाश से लौट रहे चार यात्रियों को ला रही सवारी जीप (यूके04 टीबी 2734) तंपा मंदिर के पास अनियंत्रित होकर करीब 500 मीटर गहरी खाई में गिर गई। जीप में चालक समेत दो स्थानीय निवासी भी मौजूद थे। उसी शाम प्रशासन को सूचना मिली, तो रेस्क्यू टीमें मौके पर भेजी गईं। जहां दुर्घटना हुई, वह बेहद दुर्गम खड़ी चट्टानों वाला इलाका था। दुर्घटना क्षेत्र से करीब पांच किलोमीटर के दायरे में किसी तरह का संचार नेटवर्क भी उपलब्ध नहीं है। वाहन के परखच्चे उड़ चुके थे और वह दूर नीचे नजर आ रहा था। अंधेरा हो जाने और भारी बारिश के कारण 24 की शाम ऑपरेशन शुरू नहीं किया जा सका।
रोप के सहारे जोखिम उठाकर दुर्गम चट्टानों से नीचे उतरे एसडीआरएफ और अन्य बलों के जवान
एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, फायर सर्विस, एसएसबी, आईटीबीपी आदि के जवान बुधवार तड़के शवों को निकालने के लिए ऑपरेशन में जुटे, लेकिन चट्टानों के बीच कोई रास्ता उपलब्ध न होने के कारण मौके पर असमंजस की स्थिति रही। बहरहाल, हेडकांस्टेबल मनोज धोनी की अगुआई में एसडीआरएफ के जवानों ने रोप को नीचे खाई तक पहुंचाया। उसके बाद बेहद जोखिम उठाते हुए चट्टानों के बीच से जूझकर रोप के सहारे एक-एक करके जवानों को नीचे उतारा गया। सभी रेस्क्यू टीमें किसी तरह नीचे तो पहुंच गईं, लेकिन समस्या यह उत्पन्न हुई कि शवों को ऊपर कैसे ले जाया जाए। अंततः यह तय किया गया कि जोखिम उठाते हुए सभी शवों को लेकर नीचे नदी के किनारे-किनारे आगे बढ़ा जाए, और जहां से ऊपर सड़क तक पहुंच बन सकती हो, वहां से इन्हें ऊपर तक लाया जाए। पिथौरागढ़ के एसपी लोकेश्वर सिंह के अनुसार, शवों को लेकर रेस्क्यू टीमें नदी के किनारे-किनारे पैदल चलीं और किसी तरह उन्हें मुख्य मार्ग तक पहुंचाया। पूरे अभियान में सभी रेस्क्यू टीमों के 50 से ज्यादा जवान जुटे।
कर्नाटक, तेलंगाना और दिल्ली से आए थे आदि कैलाश
एसडीआरएफ के अनुसार, दुर्घटना में चार मृत पर्यटकों की पहचान कर्नाटक के बंगलुरू निवासी 59 वर्षीय सत्यब्रदा पारैदा, तेलंगाना के हैदराबाद निवासी 58 वर्षीय नीलाला पन्नोल, दिल्ली के 48 वर्षीय मनीष मिश्रा और 52 वर्षीय प्रज्ञा के तौर पर हुई। चारों दुर्घटना से दो दिन पहले आदि कैलाश यात्रा पर आए थे। वापसी में वे स्थानीय व्यक्ति की सवारी जी से लौट रहे थे, तभी हादसा हो गया। दुर्घटना में मृत अन्य दो स्थानीय व्यक्तियों की पहचान धारचूला निवासी 24 वर्षीय हिमांशु कुमार और 39 वर्षीय विरेंद्र कुमार के तौर पर हुई।