पूरे 3 महीने बाद उत्तराखंड को पहली बार मिली ‘डराने’ वाले अलर्ट से मुक्ति, विदाई को तैयार कमजोर मानसून का अब ‘ग्रीन सिग्नल
देहरादून। उत्तराखंड को अब आपदा से निजात मिलने की उम्मीद है। करीब 3 महीने बाद रेड, ऑरेंज और यलो अलर्ट से मुक्ति मिली है। विदाई की बेला पर तैयार खड़े कमजोर मानसून ने अब आगे के लिए बारिश का ‘खतरा’ टलने का ग्रीन सिग्नल दे दिया है।
राज्य में 18 से 20 जून के बीच एक्टिव हो गया था मानसून, सीजन में अब तक 1410.9 मिलीमीटर बारिश

भारत में आधिकारिक तौर पर मानसून सीजन 1 जून से 30 सितंबर तक माना जाता है। सितंबर दूसरे पखवाड़े से मानसून की वापसी का सिलसिला शुरू हो जाता है। हालांकि, कई बार मानसून अवधि कुछ दिन और खिंचकर अक्तूबर पहले सप्ताह तक भी पहुंच जाती है। उत्तराखंड में मानसून सामान्य तौर पर 20 जून के आसपास प्रवेश करता है और 25 जून तक पूरे राज्य में छा जाता है। लेकिन, इस साल जून माह की शुरूआत से ही बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था। इस बार मानसून 18 से 20 जून के बीच प्रवेश करने के साथ ही पूरे प्रदेश में छा गया था। जुलाई माह में अच्छी-खासी मानसूनी बारिश हुई, लेकिन अगस्त के मुकाबले कम। अगस्त माह और सितंबर पहले पखवाड़े में औसत से कई गुना अधिक बारिश के कारण उत्तराखंड को यमुनोत्री, धराली, थराली, बसुकेदार, पिथौरागढ़, देहरादून और नंदानगर समेत तमाम क्षेत्रों में व्यापक आपदा झेलनी पड़ी। मानसून सीजन में अब तक (1 जून से 20 सितंबर तक) राज्य में कुल 1410.9 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।
पूरे 90 दिन तक अनवरत चला भारी, बहुत भारी अथवा अत्यधिक भारी बारिश का यलो, ऑरेंज व रेड अलर्ट
उत्तराखंड में मानसून के प्रवेश (18-20 जून) से लेकर शनिवार 20 सितंबर तक लगातार 3 महीने भारी, बहुत भारी अथवा अत्यधिक भारी बारिश का क्रमशः यलो, ऑरेंज व रेड अलर्ट बना रहा। इन बीते तकरीबन 90 दिन की अवधि में अधिकांश दिन ऑरेंज और यलो अलर्ट, जबकि कई दिन रेड अलर्ट प्रदेशवासियों को डराता-सहमाता रहा। पिछले दो-तीन दिन में बारिश में कमी आनी शुरू हुई। अब प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ चुका है। 3 महीने बाद पहली बार रविवार 21 जून का दिन ऐसा रहा, जब मौसम विभाग की ओर से उत्तराखंड में चिंताएं बढ़ाने वाले रेड, ऑरेंज या यलो कलर के अलर्ट के बजाय बारिश से मुक्ति मिलने का ‘ग्रीन’ संकेतक जारी किया गया है।
पिछले 24 घंटे में 11 जिले रहे शत-प्रतिशत सूखे, फिलहाल 27 तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान
देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, रविवार 21 सितंबर की सुबह 8ः30 बजे तक बीते 24 घंटे में राज्य में सिर्फ 0.2 मिलीमीटर बारिश ट्रेस हुई। बागेश्वर और पिथौरागढ़ को छोड़कर इस अवधि में राज्य के अन्य 11 जिले पूरी तरह सूखे रहे। पिथौरागढ़ के थल में लगे रेन गेज में सर्वाधिक 9 मिलीमीटर और बागेश्वर के सोंग में सबसे कम 1 मिलीमीटर बारिश मिली। जिलों पर नजर दौड़ाएं तो बागेश्वर जिले में 3.6 और पिथौरागढ़ जिले में 0.6 मिलीमीटर बारिश मिली, जो बागेश्वर जिले में सामान्य से क्रमशः 24 फीसद अधिक व पिथौरागढ़ जिले में सामान्य से 91 प्रतिशत कम है। अन्य सभी जिलों में सामान्य के मुकाबले माइनस 100 फीसद की कमी रही।

इस बीच, नई दिल्ली स्थित भारत मौसम विभाग के अनुसार, देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है। अगले 24 घंटे यानी सोमवार तक मानसून गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा के साथ ही हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर व उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से विदाई ले लेगा। वहीं, उत्तराखंड में अब फिलहाल 27 सितंबर तक मौसम आमतौर पर शुष्क रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है, जिसके चलते किसी तरह का अलर्ट नहीं है। हालांकि, ‘स्थानीय कारकों’ से कहीं-कहीं हल्की-फुल्की वर्षा हो सकती है।

