ऋषिकेश से श्रीनगर के लिए रवाना हुई गाडू घड़ा यात्रा
ऋषिकेश। बदरीनाथ धाम के लिए निकली गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा ऋषिकेश में रात्रि विश्राम के बाद वीरवार दोपहर श्रीनगर के लिए रवाना हो गई। श्रीनगर में रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार को तेल कलश यात्रा कर्णप्रयाग होते हुए डिम्मर गांव स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचेगी। डिम्मर से 24 अप्रैल को कलश यात्रा बदरीनाथजी के शीतकालीन प्रवास स्थल ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) पहुंचकर विश्राम लेगी। वहां से यह तिलों के तेल का कलश उद्दवजी, कुबेरजी की डोली और शंकराचार्यजी की गद्दी के साथ 26 अप्रैल की शाम बदरीनाथ धाम पहुंचेगा, जहां 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।

नरेंद्रनगर राजमहल में निकाला गया बदरीनाथजी के अभिषेक के लिए तिलों का तेल
इससे पूर्व बुधवार को पूजा-अर्चना के पश्चात विधि-विधान से नरेंद्रनगर स्थित पूर्व टिहरी नरेश के महल में गाडू घड़ा के लिए तिलों का तेल निकाला गया। परंपरानुसार टिहरी राजपरिवार की महारानी व सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राजकुमारी श्रीजा समेत महिलाओं ने तिलों का तेल पिरोया। पूरी तरह हाथों से निकाले जाने वाले इसी तेल से आगामी छह माह बदरीनाथ धाम में भगवान बदरीविशाल का दैनिक अभिषेक होगा। घंटों लंबी प्रक्रिया के बाद निकले तेल का कलश (गाडू घड़ा) टिहरी राजपरिवार के महाराजा मनुज्येंद्र शाह ने डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधियों को सौंपा।

