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पेपर लीक विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए आज राजधानी में 13 स्थानों पर धारा-163 के प्रतिबंधात्मक आदेश लागू

देहरादून/हरिद्वार। विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की ओर से रविवार को आयोजित की गई स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक से बवाल खड़ा हो गया है। जहां एक ओर अधिकारी इस मामले में हास्यास्पद बयानबाजी कर रहे हैं, वहीं इसे लेकर सोमवार को राजधानी में होने वाले धरना-प्रदर्शनों को विफल करने के लिए बीएनएस की धारा-163 (पूर्व में धारा-144) के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

रात सवा 2 बजे जारी की गई सूचना, घंटाघर और परेड मैदान समेत इन स्थानों पर रहेगी रोक

सोमवार को होने वाले धरना-प्रदर्शनों को देखते हुए राजधानी में 13 प्रमुख स्िानों पर धारा-163 लागू कर दी गई है। रात करीब सवा 2 बजे पुलिस ने इस संबंध में सूचना जारी की। कहा गया कि धरना-प्रदर्शन के दौरान आमजन को होने वाली यातायात संबंधी समस्याओं और वर्तमान में जिले के विभिन्न स्थानों पर आई आपदा की स्थिति को देखते हुए शांति व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए 22 सितंबर को घंटाघर, चकराता रोड, गांधी पार्क, सचिवालय रोड, न्यू कैंट रोड, सहस्रधारा रोड, नेशविला रोड, राजपुर रोड, ईसी रोड, सहारनपुर रोड, परेड ग्राउंड, सर्वे चौक व डीएवी कॉलेज रोड व इनके आसपास 500 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इसके तहत इन स्िानों पर किसी भी प्रकार की सार्वजनिक सभा, जुलूस-प्रर्दशन और पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

यूकेएसएसएससी की भर्ती परीक्षा पर एक बार फिर उठे सवाल, दून से हरिद्वार तक हड़कंप

इससे पहले यूकेएसएसएससी की रविवार को आयोजित भर्ती परीक्षा पर उस वक्त सवाल खड़े हो गए, जब सबसे उत्तरांचल प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने दावा किया कि परीक्षा का पर्चा लीक हो चुका है। इस बीच, संघ के संस्थापक अध्यक्ष रहे बॉबी पंवार ने भी सोशल मीडिया के जरिए इसी तरह का दावा किया। परीक्षा समाप्त होने के बाद जब लीक हुए पर्चे और मूल पर्चे का मिलान किया गया, तो बेरोजगार संघ के नेताओं के दावों की पुष्टि हो गई। उधर, सकते में आए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिकारी और देहरादून व हरिद्वार पुलिस भी सक्रिय हो गए। आनन-फानन में एसआईटी गठित करने के साथ ही एसओजी को कड़ियां जोड़ते हुए पेपर लीक के मूल तक पहुंचने के लिए लगाया गया। दोपहर हरिद्वार पहुंचे बॉबी पंवार को भी पुलिस और एसओजी उन तक पेपर पहुंचने के स्रोत का पता लगाने के लिए रानीपुर एसओजी ऑफिस ले गई। इसका पता चलते ही बॉबी समर्थकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालांकि, हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने स्पष्ट किया कि बॉबी को हिरासत में नहीं लिया गया, बल्कि जांच में सहयोग के लिए लाया गया है। शाम को बॉबी लौट आए।

अधिकारियों की हास्यास्पद सफाई, पेपर लीक नहीं हुआ, प्रश्नपत्र के कुछ प्रश्नों का स्क्रीनशॉट किसी ने बाहर भेजा

दिनभर के घटनाक्रम के बाद देर रात आयोग के अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया व देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने आयोग व पुलिस अधिकारियों के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें दावा किया गया कि सुबह 11 बजे परीक्षा आरंभ होने से पूर्व राज्य के किसी भी जिले से प्रश्न पत्र के लीक या आउट होने की कोई सूचना नहीं आई थी। परीक्षा समाप्त होने के बाद 1ः30 बजे जानकारी मिली कि सोशल मीडिया पर उक्त पेपर के कुछ प्रश्नों के फोटो लेकर उन्हें प्रातः 11ः35 बजे आउट किए जाने के स्क्रीनशॉट प्रसारित किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि जब सोशल मीडिया पर आउट हुए फोटो के सोर्स की जानकारी की गई तो उक्त प्रश्न पत्र के फोटो सर्वप्रथम टिहरी के अमरोड़ डिग्री कॉलेज प्रतापनगर की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के पास हल करने के लिए आए थे। पूछताछ में सुमन ने जानकारी दी कि वर्ष- 2018 में वे ऋषिकेश नगर निगम में टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थीं। इसी दौरान उनकी पहचान सीपीडब्लूडी में संविदा पर अवर अभियंता के पद पर कार्यरत हरिद्वार निवास खालिद मलिक से हुई थी, जो उस समय ऑलवेदर रोड का कार्य देख रहा था। अधिकारियों ने बताया कि प्रश्न पत्र के उक्त फोटो को खालिद मलिक ने अपने नंबर से सुमन को भेजते हुए स्वयं एक मीटिंग में व्यस्त होने और इस संबंध में उसकी बहन के बात करने का मैसेज भेजा गया। इसके बाद खालिद के नंबर से एक युवती ने खुद को उसकी बहन बताते हुए अपनी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के नाम पर उक्त प्रश्नों के उत्तर सुमन से पूछे, जिनके उत्तर उन्होंने फोटो के माध्यम से उपलब्ध कराए। साथ ही कुछ संदेह होने पर सुमन ने उसके स्क्रीनशॉट अपने मोबाइल पर सेव कर लिए। सुमन ने इस बात का जिक्र बॉबी पंवार से किया तो उन्होंने पेपर के स्क्रीनशॉट मांगते हुए उसे सोशल मीडिया पर जारी कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि पूरे प्रकरण में रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की धर-पकड़ की जा रही है। साथ ही अधिकारियों ने दावा किया कि उक्त प्रकरण में किसी भी संगठित गिरोह अथवा पेपर लीक करने वाले गैंग की संलिप्तता नहीं पाई गई है। किसी एक सेंटर से किसी व्यक्ति का प्रश्नपत्र के कुछ प्रश्नों की फोटो लेकर भेजा जाना प्रकाश में आया है।

बेरोजगार संघ, एनएसयूआई व कांग्रेस का प्रदर्शन और युवक कांग्रेस का आयोग दफ्तर में तालाबंदी का ऐलान

इस बीच, इस पूरे प्रकरण को लेकर माहौल गरमा गया है। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने विरोध प्रदर्शन के लिए बेरोजगार युवाओं व छात्रों से सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे परेड मैदान पहुंचने का आह्वान किया है। वहीं, युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विनीत भट्ट ने दोपहर 1 बजे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के रायपुर स्थित कार्यालय में तालाबंदी करने का ऐलान किया है। एनएसयूआई ने दोपहर 12 बजे यूकेएसएसएससी का पुतला दहन करने की घोषणा की है। छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष हिमांशु रावत ने बताया कि डीएवी कॉलेज के गेट पर यह प्रदर्शन व पुतला दहन होगा, क्योंकि पेपर लीक कांडों ने उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।

कांग्रेस हुई धामी सरकार पर हमलावर, पूरे मामले की न्यायिक जांच की उठाई मांग

इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने पेपर लीक मामले में धामी सरकार को पूरी तरह विफल करार देते हुए हुए कहा कि उसके सभी दावे खोखले और जुमले सिद्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह वर्षों से सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे लाखों युवाओं के भविष्य के साथ धामी सरकार का एक और बड़ा धोखा है। माहरा ने कहा कि धामी सरकार ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश-2023 जारी कर इसे देश का सबसे सख्त नकल-विरोधी कानून बताया था। सरकार ने दावा किया था कि युवाओं के हितों की रक्षा के लिए वह नकल माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकते हुए पारदर्शी भर्तियां सुनिश्चित की जाएंगी। लेकिन फिर साबित हो गया कि पेपर लीक माफिया आज भी प्रदेश में सक्रिय है और धामी सरकार पूरी तरह निष्क्रिय साबित हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरे प्रदेश में इसका पुरजोर विरोध करेगी। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना व प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने रविवार को हुई परीक्षा निरस्त करने, पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से कराने, आयोग को तत्काल भंग कर उसकी जगह निष्पक्ष व पारदर्शी भर्ती बोर्ड का गठन करने और दोषी अधिकारियों व भाजपा संरक्षित नकल माफिया के खिलाफ कठोरतम दंड सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की महानगर इकाई दोपहर एक बजे राजधानी के एस्लेहॉल चौक पर प्रदर्शन कर सरकार का पुतला फूंकेगी।

भाजपा ने पेपर लीक का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा, सरकार को बदनाम करने की साजिश बताया

दूसरी ओर, भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने धामी सरकार का बचाव करते हुए सारा ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार नकल विरोधी माफिया को जेल मे डालने के प्रति प्रतिबद्ध है। भाजपा कांग्रेस समर्थित माफिया की पहल को कामयाब नहीं होने देगी। उन्होंने विपक्ष की मंशा को सवालों के घेरे मे बताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस षडयंत्र के तहत सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रही है । चौहान ने कहा कि पेपर लीक को लेकर कुछ संगठन भ्रामक खबरें फैला रहे हैं। एक सोची समझी साज़िश के तहत युवाओं को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। जबकि पेपर लीक जैसा कोई मामला नहीं है। पेपर के तीन पेज का स्क्रीन शॉट साजिश के तहत किसी के माध्यम से परीक्षा शुरू होने के 35 मिनट बाद बाहर निकला है। यह जांच का विषय है। चौहान बोले, राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल का पहले से बोलबाला रहा और यह सीएम धामी सरकार ने ही पकड़ा।

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