टिहरी डैम से छोड़े गए पानी से गंगा उफान पर, देवप्रयाग में घाटों तक पानी पहुंचने पर लोगों को किया गया अलर्ट, हर्षिल में गदेरे में उफान के बाद सेना के जवान सुरक्षित स्थान पर किए शिफ्ट
टिहरी/उत्तरकाशी/चमोली। देवप्रयाग में रविवार रात गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन लोगों को सतर्क रहने और नदी तट से दूर रहने की मुनादी करा रहा है। देर रात आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी निचले इलाकों के शहरों-कस्बों में रहने वाले लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है। टिहरी प्रशासन की ओर से इस आशय की जानकारी दी गई है। बताया गया है कि टिहरी बांध की झील से भागीरथी नदी में करीब 300 क्यूमेक्स अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है। इसकी वजह से भागीरथी व अलकनंदा के संगम नगर देवप्रयाग में जलस्तर काफी बढ़ गया हैं। यहां रात 10 बजे तक गंगा नदी घाटों पर काफी ऊपर तक बह रही थी। इसे देखते हुए रात ही नगर में लाउड हेलरों के माध्यम से नगर पालिका, प्रशासन व पुलिस की टीमें लोगों को अलर्ट करते हुए नदी के आसपास न जाने की ताकीद करने में जुट गईं। टिहरी, देहरादून और हरिद्वार प्रशासन को भी गंगा के निचले क्षेत्रों में लोगों को सतर्क करने के लिए अलर्ट किया गया है।
धराली और हर्षिल समेत उत्तरकाशी जिले में ऑरेंज अलर्ट के मद्देनजर प्रशासन को सतर्कता बरतने के निर्देश

दूसरी ओर, उत्तरकाशी जिले की आपदा प्रभावित धराली और हर्षिल क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के काम को तेज किया गया है। इस बीच, हर्षिल में आर्मी कैंप के सामने स्थित तेलगाड गदेरे में भारी वर्षा के कारण रविवार शाम 6 बजे के आसपास एक बार फिर उफान आ गया। इसे देखते हुए एहतियात के तौर पर सेना के जवानों और वहां कार्य कर रही सभी एजेंसियों को अलर्ट करके सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, स्थानीय प्रशासन को अलर्ट करते हुए तुरंत सुरक्षात्मक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया है। खराब मौसम व बारिश के ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए सावधानी बरतने को कहा गया है। सभी नदियों-गदेरों की निगरानी की जा रही है।
स्याना चट्टी में बनी झील का जलस्तर घटने के बाद हाईवे पुल को यातायात के लिए खोला गया

उधर, बीते 21 अगस्त की शाम यमुनोत्री हाईवे पर गढ़गाड में उफान और मलबा आने से यमुना में बनी झील का जलस्तर अब कम हो गया है। स्याना चट्टी में पानी अब यमुनोत्री हाईवे के पुल से एक फीट नीचे बह रहा है। इसे देखते हुए रविवार को पुल यातायात के लिए खोल दिया गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, झील से पानी की निकासी निरंतर हो रही है। वहीं, गढ़गाड गदेरे से अब मलबा और पानी में कमी आई है। गदेरे की ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने किया आपदा प्रभावित थराली क्षेत्र का दौरा, प्रभावित परिवारों से मिले, सहायता राशि के चेक बांटे

चमोली जिले के आपदा प्रभावित थराली क्षेत्र का रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दौरा किया। उन्होंने आपदा प्रभावितों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत व रेस्टोरेशन कार्यां में तेजी लाने के निर्देश। कुलसारी राहत शिविर में रह रहे लोगों का हाल उन्होंने जाना। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को 5-5 लाख रूपये की राशि के चेक तात्कालिक सहायता के तौर पर भेंट किए। उन्होंने बेघर हुए लोगों के पुनर्वास की उचित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।

चमोली के डीएम बोले, तेजी से जारी है आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू और रेस्टोरेशन कार्य
चमोली के डीएम संदीप तिवारी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित राहत शिवरों में ठहराया गया है और उन्हें नियमित रूप से भोजन और रुकने की उचित व्यवस्था की गई है। राहत शिविर राजकीय पॉलिटेक्निक कुलसारी में 12, प्राथमिक विद्यालय चेपड़ो में 36 और थराली अपर बाजार के प्राथमिक विद्यालय में 20 लोगों को ठहराया गया है। प्रभावित लोगों को उचित चिकित्सा सुविधा भी मुहैया की जा रही है।

डीएम ने बताया कि आपदा से क्षतिग्रस्त सड़क मार्गों को सुचारू कर दिया गया है। जल्द ही क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति भी सुचारू कर दी जाएगी। क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत और पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मलबा सफाई के साथ क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का आंकलन भी किया जा रहा है।

