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स्याना चट्टी में यमुना पर बनी झील के जलस्तर में 6 फीट तक आई कमी, ग्राउंड जीरो पर केंद्रीय जल आयोग की टीम कर रही मॉनीटरिंग

उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव स्यानाचट्टी में यमुना नदी के बाधित होने से बनी झील को सुरक्षित ढंग से खोलने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। झील का पानी अवरोध स्थल के किनारे से बह रहा। शाम तक झील के जलस्तर में करीब 6 फीट तक की कमी आई है। केंद्रीय जल आयोग (यमुना) की टीम स्याना चट्टी में मौजूद रहकर यमुना के जलस्तर की लगातार मॉनीटरिंग कर रही है। सिंचाई खंड पुरोला के अधीशासी अभियंता ने जानकारी दी कि झील से आंशिक अवरोध को हटाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, गढगाड से लगातार मलबा और बोल्डर आने से समस्या उत्पन्न हो रही है।

लापरवाही का आरोप लगाकर प्रभावितों ने पानी में खड़े होकर किया प्रदर्शन, राफ्ट से मनाने पहुंचे डीएम

इस बीच, शुक्रवार दोपहर प्रशासन पर लापरवाही और रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी का आरोप लगाते हुए स्याना चट्टी के प्रभावित लोगों ने पानी के बीच खड़े होकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि बीते जून माह के आखिरी सप्ताह में भी गढगाड ने नदी के प्रवाह् को बाधित किया था, लेकिन तब हालात अब जितने बेकाबू नहीं हुए थे। बावजूद इसके, प्रशासन ने कोई समाधान नहीं निकाला। इसी का नतीजा है कि वीरवार को एक बार फिर गदेरे ने कहर ढाया। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन भी देरी से शुरू किए जाने का आरोप लगाया।

स्याना चट्टी में मौजूद उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्य राफ्ट के जरिए प्रदर्शनकारियों तक पहुंचे। डीएम ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि सभी जरूरी उपाय किए जाएंगे। डीएम के समझाने के बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिव को दिए सभी प्रभावी व जरूरी कदम उठाने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन को उत्तरकाशी जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए स्यानाचट्टी में बनी झील से जल निकासी के लिए चैनेलाइजेशन कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी और सभी जरूरी कदम उठाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सुरक्षित स्थानों में ठहराए गए लोगों के साथ ही स्यानाचट्टी के निवासियों के लिए भोजन, रसोई गैस, दवाई, पेट्रोल-डीजल व अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।

दलदल के कारण मौके पर नदी के चैनेलाइजेशन में आ रही दिक्कत, अन्य विकल्पों पर भी विचारः सचिव

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि वर्तमान में नदी के एक हिस्से से पानी की निकासी हो रही है। दलदल होने के कारण चैनेलाइजेशन करने में दिक्कत आ रही है। राहत और बचाव टीमें अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है। उन्होंने स्थानीय लोगों से धैर्य बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। सचिव सुमन ने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरफ, फायर, सिंचाई विभाग, जल आयोग, वन विभाग और मेडिकल टीमें मौके पर हैं। एनडीआरएफ की राफ्ट भी ग्राउंड जीरो पर तैनात हैं।

तकनीकों का इस्तेमाल कर झील से बढ़ाया डिस्चार्ज, अभी लगेगा थोड़ा और समयः आर्य

इस बीच, डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि अस्थायी झील को खोलने के लिए सभी एजेंसियां मौके पर हैं। मोटर बोट भी लाई गई है। गढगाड में बार-बार भूस्खलन होने से मलबा आ रहा है, जो नदी को ब्लॉक कर रहा है। इसी वजह से यमुना में झील बनी है। इसे काफी समय से मशीनों से खुलवाया जा रहा था, लेकिन कल शाम काफी मलबा आने से यह दिक्कत आई है। उन्होंने बताया कि तकनीकों का इस्तेमाल करके नदी को खोला गया है, जिससे डिस्चार्ज बढ़ा है। लेकिन, अभी थोड़ा समय और लगेगा। पानी में जो प्रॉपर्टी डूबी है, उन्हें कल शाम ही खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया था।

यमुनोत्री हाईवे के पुल समेत 19 होटल और दुकाने डूबे, 10 परिवार प्रभावित, निचले इलाके हाईअलर्ट पर

गौरतलब है कि यमुनोत्री हाईवे स्थित स्याना चट्टी में वीरवार शाम सवा चार बजे गढगाड गदेरे में आए उफान और भूस्खलन के मलबे ने यमुना नदी का प्रवाह् बाधित कर दिया था। इसकी वजह से नदी में झील बन गई, जिसका फैलाव स्याना चट्टी कस्बे में काफी ऊपर तक हो गया। राजस्व उपनिरीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, स्याना चट्टी स्थित 19 होटल व दुकानों और 2 मकानों के साथ ही नेशनल हाईवे का पुल, स्याना चट्टी पुलिस चौकी, जीएमवीएम का अतिथि गृह, प्राथमिक विद्यालय, राजकृष्ण मंदिर, सहकारिता भवन, पटवारी चौकी और यमुनोत्री नेशनल हाईवे का पुल पानी में डूब गए। 10 परिवार प्रभावित हैं। हालांकि, झील जलस्तर में कमी आई है, लेकिन इसके टूटने से निचले इलाकों में भारी नुकसान की आशंका को देखते हुए नदी से सटे उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून के गांवों-कस्बों के लिए वीरवार शाम ही हाईअलर्ट जारी कर दिया गया। झील की वजह से यमुनोत्री धाम का फिलहाल उत्तरकाशी जिला मुख्यालय समेत प्रदेश के बाकी हिस्सों से संपर्क कटा हुआ है।

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