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हाईवे और पैदल मार्ग बंद होने से केदारनाथ में फंसे सैकडों यात्री, एसडीआरएफ ने वैकल्पिक रास्ता तैयार कर डेढ़ हजार को सुरक्षित निकाला, यात्रा रोकी गई

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच- 107) सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच मुनकटिया क्षेत्र में मंगलवार देर रात भारी बारिश और  बोल्डर गिरने के कारण पूरी तरह बाधित हो गया है। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके कारण सैकड़ों यात्री केदारनाथ क्षेत्र में फंस गए।

बुधवार शाम 5 बजे तक एसडीआरएफ और पुलिस ने वैकल्पिक रास्ता बना कर डेढ़ हजार यात्रियों को संवेदनशील क्षेत्र से सुरक्षित निकाल लिया है। अन्य यात्रियों को निकालने के लिए अभियान लगातार जारी है। आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, फिलहाल एहतियात के तौर पर केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है।

सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच बंद हुए मार्ग से मंगलवार रात सुरक्षा कारणों से जेसीबी मशीनों के मध्यम से मलबा हटाने का कार्य संभव न होने पर स्थगित कर दिया गया था। बुधवार सुबह फिर प्रयास किया गया। लेकिन, लगातार गिर रहे पत्थरों के कारण मलबा हटाने में  बाधा उत्पन्न हुई। इसके चलते यात्री फंसे रहे। हालात को देखते हुए सुबह एसडीआरएफ की सोनप्रयाग पोस्ट से उप निरीक्षक अशीष डिमरी के नेतृत्व में एक टीम गौरीकुंड से आगे प्रभावित क्षेत्र में फंसे यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से सुरक्षित निकालने के लिए रवाना की गई।

पूर्व में निर्मित पैदल वैकल्पिक मार्ग भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। ऐसे में एसडीआरएफ ने नया वैकल्पिक मार्ग तैयार कर केदारनाथ से लौट रहे श्रद्धालुओं को स्थानीय पुलिस के साथ मिल कर संवेदनशील क्षेत्र से सुरक्षित पार कराया। एसडीआरएफ के अनुसार, शाम 5 बजे तक कुल 1,489 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया था। इनमें 1,173 पुरुष, 270 महिलाएं और 46 बच्चे शामिल हैं।

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