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उत्तराखंड में ‘जुलाई’ ने बिगाड़ी मानसून की चाल, 13 में से 11 जिलों में सामान्य से 56 प्रतिशत तक कम बारिश

देहरादून। उत्तराखंड में जुलाई माह में भारी और सामान्य से अधिक बारिश के मौसम विभाग के सारे पूर्वानुमान औंधे मुंह गिरे हैं। अब तक के आंकड़ों पर नजर डालने से साफ होता है कि इस बार के सावन की शुरुआत बारिश की झड़ी के साथ नहीं, बल्कि गिरावट के साथ हुई है। जुलाई आधा से अधिक बीतने के बावजूद अभी प्रदेश को सामान्य से 18 फीसद कम बारिश मिली है। 13 में से 11 जिले मानसूनी वर्षा के मामले में ‘माइनस’ में चल रहे हैं। हालांकि, मौसम विभाग सामान्य से प्लस या माइनस 19 प्रतिशत की बारिश को सामान्य की कैटेगरी में ही रखता है।

मौसम विभाग का ‘रेड अलर्ट’ हुआ धड़ाम, दिनभर में राज्य के किसी हिस्से में नहीं गिरी बारिश की एक बूंद भी

पिछले 2-3 दिन से पूरे उत्तराखंड में बारिश पूरी तरह थमने से लगभग सूखे जैसी स्थिति है। यह स्थिति तब है, जबकि मौसम विभाग की ओर से राज्य में 19-20 जुलाई के लिए भारी से अत्यधिक भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया था। हालांकि, शनिवार 19 जुलाई की शाम रेड अलर्ट को घटा कर ऑरेंज अलर्ट में बदल दिया गया है, जो 22 जुलाई तक के लिए जारी किया गया है। राज्य में शनिवार को सुबह से शाम तक कहीं भी बारिश का एक बूंद भी नहीं पड़ा। मौसम विभाग ने सुबह 8:30 से शाम 5:30 बजे तक का जो आंकड़ा प्रस्तुत किया है, उसमें इस अवधि में उत्तराखंड में ‘शून्य’ बारिश दर्शाई गई है। इतना ही नहीं शुक्रवार 18 जुलाई की सुबह 8:30 बजे से शनिवार 19 जुलाई की सुबह 8:30 तक 24 घंटों के दरमियान राज्य में 15 मिलीमीटर के सामान्य औसत के मुकाबले सिर्फ 0.6 मिमी. बारिश दर्ज हुई, जो सामान्य से 96 प्रतिशत कम है। अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, नैनीताल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, उधमसिंह नगर जिले में शून्य बारिश रही। इसके अतिरिक्त टिहरी और उत्तरकाशी जिले में सामान्य के मुकाबले 99 प्रतिशत, पौड़ी जिले में 94 प्रतिशत, चंपावत जिले में 91 फीसद, देहरादून जिले में 74 और हरिद्वार जिले में 69 फीसद कम बारिश हुई।

प्रदेश में सप्ताह में सामान्य से 29 फीसद और माह में अब तक 18 प्रतिशत कम रही बरसात

प्रदेश में 9 से 16 जुलाई तक के साप्ताहिक हुई आंकड़े भी मौसम विभाग ने जारी किए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि इस अवधि में 68.9 मिलीमीटर पानी बरसा, जो सामान्य (96.5 मिमी.) के मुकाबले 29 प्रतिशत कम था। सप्ताह के दौरान सिर्फ बागेश्वर में सामान्य से 64 और देहरादून जिले में 2 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई, जबकि अन्य 11 जिलों में यह 2 से लेकर 79 प्रतिशत तक माइनस में रही। इस माह (1 से 19 जुलाई तक) के आंकड़ों पर नजर डालें तो बारिश में यह कमी बरकरार दिखती है।

इस दौरान पूरे राज्य में सामान्य से 18 प्रतिशत कम वर्षा हुई। इन 19 दिन में सामान्य औसत के अनुसार 247.9 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन हुई सिर्फ 203.3 मिलीमीटर। इस अवधि में केवल बागेश्वर और चमोली जिले ही सामान्य से क्रमश: 133 और 34 प्रतिशत अधिक बारिश पा सके। इनमें बागेश्वर को 173.3 मिमी. के सामान्य औसत के मुकाबले 403.4 मिमी. और चमोली जिले को 154.4 एमएम के सामान्य औसत की अपेक्षा 206.3 एमएम बारिश मिली। अन्य 11 जिले सामान्य के मुकाबले 3 से लेकर 56 प्रतिशत तक पीछे रहे।

मानसून सीजन में अभी तक 9 जिले सामान्य बारिश के मामले में माइनस में

मौसम विभाग 1 जून से 30 सितंबर तक मानसून अवधि मानता है। जून में प्रदेश में जमकर बारिश हुई। इसके चलते तकरीबन सभी जिलों का औसत बेहतर चल रहा था, लेकिन जुलाई में बारिश की कमी ने इसे बिगाड़ दिया। आंसुओं काल में अब तक (1 जून से 19 जुलाई तक) हालांकि, बारिश के मामले में प्रदेश का औसत 424.7 मिलीमीटर सामान्य के मुकाबले 444 मिलीमीटर के साथ सामान्य से 5 प्रतिशत अधिक है, लेकिन यह स्थिति सिर्फ 4 जिलों बागेश्वर, चमोली, टिहरी और कुछ हद तक देहरादून के कारण है। बागेश्वर में मानसून सीजन में अभी तक सामान्य से 206, चमोली में 102, टिहरी में 32 और देहरादून जिले में 21 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है। अन्य 9 जिलों का औसत माइनस 1 से लेकर माइनस 36 प्रतिशत तक रहा।

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