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गढ़वाल मंडल में बरसी ‘आपदा’ में 6 की मौत-तीन लापता, टिहरी के नौताड़ में बादल फटने से तबाही, केदारनाथ पैदल मार्ग भी वॉशआउट

देहरादून। बुधवार दोपहर बाद से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हो रही भारी बारिश गढ़वाल मंडल में व्यापक क्षति की वजह बनी है। टिहरी जिले की घनसाली तहसील के जख्याली और मुयालगांव क्षेत्र में बादल फटने से मलबे में दबकर दंपति की मौत हो गई, जबकि मलबे से निकाले गए उनके गंभीर रूप से घायल युवा पुत्र की भी मध्य रात्रि बाद ऋषिकेश एम्स ले जाते वक्त टिहरी डैम के नजदीक दम तोड दिया। यहां कुछ मकान-दुकान, होटल, सड़क और खेत मलबे में दब गए हैं। घनसाली-तिलवाड़ा हाईवे को जोड़ने वाली पुलिया भी बहने की सूचना है। वहीं, रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ पैदल मार्ग भी कुछ जगह अतिवृष्टि से बहने की सूचना है। हालांकि, सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। चमोली जिले में भी मकान ढहने से एक महिला और बच्चा मलबे में लापता हैं। हरिद्वार में बारिश के बीच एक मकान ध्वस्त हो जाने से दो बच्चों की मौत और कई के घायल होने की सूचना है। फिलहाल वीरवार के लिए चारधाम यात्रा और पंजीकरण रोक दिया गया है।

लगातार भारी बारिश का रेड अलर्ट, लोगों को नदियों-गदेरों से भेजा जा रहा दूर, स्कूलों में छुट्टी

प्रदेश में, खासकर गढ़वाल मंडल में मौसम विभाग ने बुधवार को भारी से अत्यधिक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया था। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, वीरवार के लिए यहां रेड अलर्ट को ऑरेंज में तब्दील कर दिया गया है, लेकिन कुमाऊं मंडल में भारी से अत्यधिक भारी बारिश कुछ जिलों में मिलेगी। इसके देखते हुए वीरवार के लिए वहां रेड अलर्ट घोषित किया गया है। इस बीच, बुधवार दोपहर से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश अपने साथ काफी मुसीबतें भी लेकर आई है। पहाड़ों पर बारिश से नदियों और गाड-गदेरों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून, श्रीनगर समेत तमाम शहरों में नदियों के आसपास रहने वाले लोगों को देर रात तक लाउड हेलरों के माध्यम से सचेत करते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा जा रहा है। भारी बारिश को देखते हुए बुधवार के बाद अब वीरवार को भी देहरादून, टिहरी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर समेत कई जिलों में स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रो में अवकाश घोषित कर दिया गया है।

नौताड़ पर कहर बनकर टूटा सरोली गदेरा, दंपति की मौत, मलबे से निकाले गए पुत्र ने भी एंबुलेंस में दम तोड़ा

भारी बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही टिहरी जिले की घनसाली तहसील की नैलचामी पट्टी के ग्राम पंचायत जखन्याली में मचाई। यहां बुधवार रात 8 बजे के आसपास जखन्याली के ऊपरी हिस्से में स्थित सरोली तोक से आने वाले गदेरे ने व्यापक तबाही मचाई। बादल फटने से सरोली गदेरा टनों मलबा, पेड़ और बोल्डरों के साथ तेजी से बहता हुआ नीचे अपने इर्द-गिर्द सबकुछ बहाता हुआ नैलचामी गाड में ले गया। गदेरे के उफान में नीचे घनसाली-चिरबिटिया-तिलबाड़ा हाईवे पर जखन्याली के नौताड़ (सरोली) तोक में स्थित भानु प्रसाद नौटियाल (50 वर्ष) का मकान और होटल बह गए। उस समय घर में भानु, उनकी पत्नी नीलम देवी (45 वर्ष) व पुत्र विपिन (28 वर्ष) मौजूद थे। ऊपर से तेजी के साथ गदेरे में मलबा और पानी आया तो सरोली के भयभीत ग्रामीणों ने हो-हल्ला करके और सीटियां बजाकर नीचे की ओर रह रहे लोगों को सचेत करने का प्रयास किया। इससे पहले कि कोई संभल पाता, सैलाब सबकुछ बहा ले गया।

गाड़ियां भी मलबे में बहीं, मुयालगांव में पुलिया बहने से घनसाली-चिरबिटिया-तिलबाड़ा मार्ग अवरूद्ध

पानी और मलबे में भानु परिवार के तीनों सदस्य बह गए। आसपास कई गाड़ियां भी बह गईं। कुछ अन्य मकानों और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा। घटना के तत्काल बाद जखन्याली, नौताड़ व सरोली के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तीनों लापता लोगों की तलाश शुरू की। घटनास्थल घनसाली तहसील मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर है। लिहाजा, सूचना मिलते ही कुछ ही मिनटों के भीतर पुलिस, एसडीआरएफ, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा निगम और तहसील प्रशासन की रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच गईं। देर रात मलबे से भानु और उनकी पत्नी नीलम का शव निकाल लिया गया। काफी मशक्कत के बाद एसडीआरएफ ने मलबे के साथ सड़क से करीब 200 फीट नीचे नदी की ओर बह गए उनके पुत्र विपिन को गंभीर अवस्था में निकालकर अस्पताल में भर्ती करवाया। विपिन को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी लाया गया, जहां जरूरी प्राथमिक उपचार के बाद उसे एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश के लिए रवाना किया गया। वीरवार तड़के टिहरी जिला प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई कि एम्स ले जाते वक्त रात दो बजे घायल विपिन ने टिहरी डैम के टॉप के नजदीक दम तोड दिया। विपिन के शव को नई टिहरी के बौराडी स्थित जिला अस्पताल, जबकि उसके माता-पिता के शवों को पिलखी सीएचसी में रखा गया है। विशेषज्ञ डॉक्टर्स के साथ एक मेडिकल टीम नौताड़ भेजी गई है। प्रशासन के अनुसार, जखन्याली से सटे मुयालगांव में घनसाली-चिरबिटिया-तिलबाड़ा मोटरमार्ग को जोड़ने वाली पुलिया बह गई है। वैकल्पिक इंतजाम के लिए मौके पर जेसीबी व टीम भेजी गई है। हाईवे पर गिरे पेड़ हटाकर रास्ता खोला जा रहा है। क्षेत्र में ऊर्जा निगम ने एहतियात के तौर पर शटडाऊन लिया है। ज्यों ही स्थिति सामान्य होगी, विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी। वहीं, पूर्व में आपदा प्रभावित बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मलबा आने से एहतियात के तौर पर थाती गांव में तीन घरों को खाली करा लिया गया है। मौके पर एसडीआरएफ की तैनाती की गई है।

विचित्र विडंबनाः एक दशक बाद वही तारीख-वही गांव-वही परिवार

वह 31 जुलाई 2014 की रात थी। सरेाली निवासी पूर्व सैनिक महादेव प्रसाद थपलियाल बताते हैं कि इतिहास में सरोली गदेरा उस रात पहली बार बादल फटने से इस तरह उफनाया कि सबकुछ बहाता ले गया। उसकी चपेट में आया जखन्याली का वही नौताड़ तोक। एक पल में सबकुछ मलबे में बदल गया। गांव में 6 लोगों की मौत हो गई। इनमें तीन-चार लोग नौटियाल परिवार के सदस्य थे। ठीक एक दशक बाद 31 जुलाई 2024 की रात। वही नौताड़ तोक। वही सरोली गदेरा। गदेरे ने ठीक वैसी ही तबाही मचाई, जैसी एक दशक पहले इसी दिन मचाई थी। भानु प्रसाद नौटियाल दंपति काल-कवलित हो गए। उनका बेटा जिंदगी की जंग लड़ रहा। मूलरूप से सरोली और हाल देहरादून निवासी शिक्षिका शशि पैन्यूली बताती हैं कि इस 31 जुलाई की रात आपदा की चपेट में आया नौटियाल परिवार और 2014 की 31 जुलाई की रात आपदा की चपेट में आया नौटियाल परिवार आपस में नजदीकी परिजन यानी भाई-बंधु ही थे। इस विचित्र विडंबना को लेकर पूरे क्षेत्र के लोग हतप्रभ हैं।

केदारनाथ पैदल मार्ग बहने से फंसे यात्री सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए, गौरीकुंड और सोनप्रयाग में पार्किंग कराई गई खाली

रूद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में भी भारी बारिश से बुधवार को व्यापक क्षति पहुंची है। केदारनाथ पैदल मार्ग का करीब 25 मीटर हिस्सा भीमबली के पास पूरी तरह वॉशआऊट हो गया है। भीमबली और लिंचोली के बीच मार्ग पर भारी बोल्डर व मलबा आया है। एसडीआरएफ ने रास्ते पर मौजूद करीब 200 यात्रियों को भीमबली स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृह में सुरक्षित ठहरा दिया है।

नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण गौरीकुंड में मंदिर, दुकानें और पार्किंग खाली करा ली गई हैं। सोनप्रयाग पार्किंग को भी खाली कराने के साथ ही यात्रियों व आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। यहां एसडीआरएफ के साथ ही एनडीआरएफ को भी रात फील्ड में उतार दिया गया।

चमोली में मकान ढहने से महिला और बच्चा मलबे में लापता, हरिद्वार में मकान गिरने से दो बच्चों की मौत, कई घायल

चमोली जिले के बेलचौरी नामक स्थान पर मकान गरिने की सूचना है। एसडीआरएफ ने देर रात बताया कि मलबे में एक महिला और बच्चा लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

दूसरी ओर, हरिद्वार जिले के बहादराबाद ब्लॉक क्षेत्रांतर्गत ग्राम भौरी में भारी बारिश के बीच एक मकान ढह गया। इस हादसे में दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि पांच से छह लोग घायल बताए गए हैं। घायलों में कुछ बच्चे भी हैं। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देर रात हरिद्वार के डीएम धीराज गर्ब्याल और एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने अस्प्ताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। साथ ही डॉक्टर्स को उनके बेहतर उपचार के निर्देश दिए।

देहरादून के रायपुर क्षेत्र में बरसाती गदेरे में दो बहे, एक का शव बरामद

देहरादून जिले में भी बारिश से दो लोग बह गए। इनमें देर रात एक शव बरामद कर लिया गया, जबकि दूसरे की तलाश जारी है। बताया गया है कि रायपुर क्षेत्र में रात बरसाती गदेरे की चपेट में आकर एक दुपहिया सवार समेत दो लोग बह गए। दोनों को लोगों ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन बहाव तेज होने के कारण कोई कुछ नहीं कर पाया। सूचना पर पुलिस और एसडीआरएफ तलाश में जुटी। मध्य रात्रि तक एक व्यक्ति का शव बरामद कर लिया गया था, जबकि दूसरे की तलाश जारी थी।

चारधाम यात्रा पर अस्थायी रोक, वीरवार को हरिद्वार-ऋषिकेश में बंद रहेंगे यात्रियों के रजिस्ट्रेशन

मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट और पहाड़ी क्षेत्रों में हुए नुकसान को देखते हुए गढ़वाल मंडल के कमिश्नर ने वीरवार एक अगस्त को चारधाम यात्रा स्थगित करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा चारधाम यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत किया गया हैं। इसके तहत वीरवार को हरिद्वार और ऋषिकेश में स्थित पंजीकरण केंद्र में चारधाम यात्रियों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी स्थगित रहेगी।

सीएम लेते रहे अपडेट, आपदा प्रबंधन सचिव और एसडीआरएफ कमांडेंट मध्यरात्रि अफसरों संग डटे कंट्रोल रूम में

दूसरी ओर, गढ़वाल मंडल में लगातार भारी बारिश और आपदा की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत पूरा आपदा प्रबंधन सिस्टम अलर्ट पर है। देर रात तक मुख्यमंत्री स्वयं आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन व जिलों के अधिकारियों से अपडेट ले रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अत्यावश्यक न होने की स्थिति में फिलहाल घरों से न निकलने की अपील की है। इस बीच, देर रात राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र भी पूरी तरह एक्टिव हो गया। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने खुद केंद्र में पहुंचकर कमान संभाल ली। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा समेत तमाम अधिकारी मध्यरात्रि बाद तक ऑन टेबल थे। सभी पोस्ट पर एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया। एनडीआरएफ भी अलर्ट मोड पर रखी गई है।

आधी रात में देहरादून शहर में हालात का जायजा लेने के बाद डीएम सोनिका ने सभी एसडीएम को किया अलर्ट

देहरादून में भी डीएम सोनिका मध्य रात्रि स्वयं शहर भर का जायजा लेने निकलीं। उसके बाद जिला आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर उन्होंने सभी तहसीलों की मॉनीटरिंग की। सभी एसडीएम और तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में अलर्ट रहने के निर्देश दिए। नदी-नालों के आसपास किसी को न जाने दिया जाए, यह सुनिश्चित करने को कहा गया। जलभराव से निपटने के लिए तत्काल जरूरी उपाय करने के भी निर्देश दिए।

 

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