मूल निवास-भूकानून समन्वय संघर्ष समिति का आंदोलित वन निगम कर्मियों को समर्थन, सेवाओं के रिन्यूअल की मांग
देहरादून। मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने वन विकास निगम मुख्यालय में धरना दे रहे कर्मचारियों को समर्थन दिया। समन्वय संघर्ष समिति ने कर्मचारियों को जल्द से जल्द वेतन जारी करने की मांग की। साथ ही कर्मचारियों की सेवाओं के रिन्यूअल होने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई और इसे गंभीर लापरवाही बताया। वहीं, संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर उच्चाधिकारियों से भी वार्ता की।
किसी भी तरह की नौकरी में मूल निवासियों को मिले सर्वोच्च प्राथमिकता : मोहित
मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि कर्मचारियों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आउटसोर्स के तहत काम कर रहे कर्मचारियों के सामने गंभीर आर्थिक संकट है। कई ऐसे कर्मचारी भी हैं, जो रात के समय जोमैटो, स्वीगी या अन्य कंपनियों में भी काम करते हैं। तब जाकर किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण कर पा रहे हैं। सरकार को इनकी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। डिमरी ने यह भी कहा कि किसी भी तरह की नौकरी में सर्वोच्च प्राथमिकता मूल निवासियों को ही मिलनी चाहिए। अगर कोई गैर मूल निवासी फर्जी डॉक्युमेंट्स के आधार पर नौकरी कर रहा है, तो इसकी सूचना हमें उपलब्ध कराए।
निगम प्रबंधन कर रहा कर्मियों का उत्पीड़न, नहीं करेंगे बर्दाश्त : लुशुन

संघर्ष समिति के सह-संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि आंदोलनरत 800 कर्मचारी पिछले कई सालों से लगातार वन विकास निगम में कार्यरत हैं। इन्हें वेतन नहीं मिल पा रहा है। इनका भविष्य भी अधर में है। ऐसे में कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। निगम प्रबंधन कर्मचारियों का शोषण कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संघर्ष समिति के गढ़वाल सह-संयोजक विपिन नेगी ने कहा कि आउटसोर्सिंग एजेंसी कर्मचारियों का आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न करती हैं। कर्मचारियों को आउटसोर्स के बजाय विभागीय नियुक्ति मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में संघर्ष समिति आंदोलनरत कर्मचारियों के साथ है।
इस मौके पर आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष संदीप रावत और प्रवीन थपलियाल ने मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में भी इसी तरह के समर्थन की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हित में संघर्ष जारी रहेगा।

