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पुलिस ने नेहरूग्राम क्षेत्र में बाहरी लोगों के वेरिफिकेशन के लिए चलाया ताबड़तोड़ अभियान, संघर्ष समिति के संयोजक डिमरी समेत सभी गिरफ्तार नेता रिहा

देहरादून। कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर आहूत बंद और प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी समेत सभी गिरफ्तार युवाओं को वीरवार देर रात जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस बीच, आंदोलन के बाद सक्रिय हुई सरकार और पुलिस ने कई स्तरों पर काम शुरू किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक दिन पहले जहां जमीन खरीदने वाले बाहरी लोगों के बारे में पूरा विवरण जुटाने के निर्देश दे चुके हैं, वहीं शुक्रवार को पुलिस ने पीएसी को साथ लेकर नेहरूग्राम क्षेत्र में रह रहे बाहरी लोगों का वेरिफिकेशन किया।

देर रात साढ़े 10 बजे मजिस्ट्रेट के समक्ष किया गया पेश, मिली जमानत

संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी के साथ अन्य 12 युवाओं को वीरवार को बंद के दौरान छह नंबर पुलिया क्षेत्र में प्रदर्शन और चक्का जाम करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन, जनाक्रोश बढ़ने की आशंका को देखते हुए देर रात साढ़े दस बजे ही सभी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया। जमानत पर रिहा होने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता दीप्ति बिष्ट, संघर्ष समिति के सचिव प्रांजल नौडियाल, संघर्ष समिति के महानगर संयोजक अनिल डोभाल,  उत्तराखंड क्रांति सेना के अध्यक्ष ललित श्रीवास्तव, देवचंद उत्तराखंडी, संजीव भट्ट, संजना बडोनी, देवेंद्र सिंह नेगी, यशवीर सिंह चौधरी, राहुल कोहली आदि शामिल थे।

उत्तराखंड में बढ़ते आतंक के विरुद्ध और भू-कानून, मूल निवास के लिए जारी रहेगा आंदोलन: मोहित 

रिहाई के बाद मोहित डिमरी ने कहा कि पुलिस ने हमारे साथ बदसलूकी की। हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। हमारे ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। हम पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि हमने पथराव किया, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और गाली-गलौज की। हम सरकार की इस तरह की कार्रवाई से बिल्कुल डरने वाले नहीं हैं। आगे और ताकत से उत्तराखंड में बढ़ रहे गुंडे-बदमाशों के आतंक और मूल निवासियों के सुरक्षित भविष्य की लड़ाई को लड़ेंगे।  उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति लंबे समय से मूल निवास, भू कानून की लड़ाई को इसीलिए लड़ रही है। उत्तराखंड में बाहरी राज्यों के गुंडे बदमाश पनप रहे हैं और ये बदमाश यहां के मूल निवासियों को मौत के घाट उतार रहे हैं। उनकी जमीनें कब्जा रहे हैं। डिमरी ने आरोप लगाया कि अपराधियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। यही हाल रहा तो मूल निवासियों का वजूद ही खत्म हो जाएगा। संघर्ष समिति ने उत्तराखंड में बढ़ते गुंडे-बदमाशों के आतंक, मूल निवास-1950 और सशक्त भू-कानून को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। आंदोलन की रणनीति को लेकर समिति जल्द ही बैठक बुलाएगी।  

नेहरूग्राम, डोभालचौक, सिद्ध विहार में 42 मकान मालिकों पर हुआ कुल 4.20 लाख जुर्माना, दस्तावेज न दिखाने वाले 22 थाने लाए गए

इस बीच, शुक्रवार को रायपुर क्षेत्रांतर्गत लोवर नेहरू ग्राम, डोभाल चौक व सिद्ध विहार क्षेत्र में रायपुर पुलिस ने पीएसी को साथ लेकर बड़े पैमाने पर वेरिफिकेशन अभियान चलाया। इस दौरान क्षेत्र में निवासरत बाहरी व्यक्तियों व किरायेदारों का सत्यापन किया गया। अलग-अलग टीमें इसके लिए लगाई गईं। किरायेदारों का सत्यापन न कराने वाले 42 मकान मालिकों पर कुल 4.20 लाख रुपये का जुर्माना पुलिस एक्ट में किया गया। इसके साथ ही 55 संदिग्ध व्यक्तियों के विरूद्ध-81 पुलिस एक्ट में चालान किया गया। इस दौरान मौके पर कोई वैध दस्तावेज न दिखा पाने वाले 22 व्यक्तियों को थाने लाया गया है।

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