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देहरा की इतिहास धरोहर खलंगा के जंगल बचाने फिर जुटे दूनवासी, ‘पेड़ों की हत्या’ न होने देने का लिया संकल्प

देहरादून। अंग्रेज-गोरखा युद्ध से जुड़ी देहरा की ऐतिहासिक धरोहर ‘खलंगा’ के जंगल को कटने से बचाने के लिए लोगों की मुहिम जनांदोलन का रूप लेने लगी है। साल के करीब 2000 पेड़ों की हत्या के ‘प्रयास’ का विरोध करने के लिए पिछले कुछ हफ्तों से प्रत्येक रविवार को लोग नालापानी से खंलगा तक मार्च कर रहे हैं।

रविवार 2 जून की सुबह भी पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार काफी संख्या में दून के जागरूक लोग उत्तरांचल बैंक इम्प्लाइज यूनियन के पूर्व प्रदेश महामंत्री व सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन मेंदीरत्ता, जयदीप सकलानी आदि के नेतृत्व में खलंगा में एकत्र हुए। इन लोगों ने पेड़ों की सुरक्षा का संकल्प लिया।

जनगीत गाकर किया दून की हरियाली बचाने का आह्वान, शहर का मौसम बदलने की बताई वजह

सामाजिक कार्यकर्ता जयदीप सकलानी व पर्यावरण प्रेमी  चंदन सिंह नेगी, सतीश धौलखंडी, जयकृत कंडवाल आदि ने जनगीत गाकर दून की हरियाली बचाने का आह्वान किया। सामाजिक कार्यकर्ता मेंदीरत्ता सामाजिक ने देहरादून के मौसम में आए बदलाव के कारणों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने जलनिगम के अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि जनदबाव के कारण फिलहाल उस प्रोजेक्ट की गति धीमी हुई है, जिसमें पेड़ों का कटान प्रस्तावित है। 5 जून की सुबह गांधी पार्क में जुटेंगे, पार्क को पीपीपी मोड पर देने का करेंगे विरोध

मेंदीरत्ता ने जानकारी दी कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सभी लोइसग सुबह 7 बजे गांधी पार्क में एकत्र होकर देहरा की हरियाली को बचाने और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगा कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेंगे।

उन्होंने कहा कि गांधी पार्क को पीपीपी मोड पर देने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी के  बीचो-बीच स्थित इस एकमात्र हरे-भरे और सुंदर पार्क को बचाने के लिए दूनवासी  प्रयास का पुरजोर विरोध करेंगे। काफी संख्या में दैनिक सैर करने वाले भी इसमें शिरकत करेंगे। इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता हरिओम पाली, गणेश धामी, बालकिशन शर्मा, हेम राज समेत कई लोग मौजूद रहे। 

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