गोविंदगढ़ इलाके में दो समुदायों से जुड़े विवाद में इक्कठा हुए लोग, प्रशासन और पुलिस ने बिगड़ने नहीं दिए हालत, हटवाया अवैध निर्माण
देहरादून। राजधानी के गोविंदगढ़ इलाके में मंगलवार दोपहर धार्मिक स्थल से सटे एक मकान में हुए निर्माण को लेकर तनाव की स्थिति बन गई। एक पक्ष का आरोप था कि मकान के ऊपरी हिस्से में अवैध रूप से निर्माण कार्य कर वहां धार्मिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

इस निर्माण को तोड़ने की मांग पर अड़े पक्ष के विरोध में दूसरे पक्ष के लोग आ गए। मामला अलग-अलग समुदायों से जुड़ा होने के कारण मौके पर विभिन्न थानों का फोर्स भी बुला लिया गया। प्रशासन व एमडीडीए के अधिकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में उक्त निर्माण हटवाने की कार्रवाई शुरू करवाई। प्रशासन और पुलिस की सूझबूझ व तत्परता से हालत बिगड़ने से बच गए।
मंदिर से सटे दूसरे समुदाय के व्यक्ति के मकान में हो रहा था निर्माण

मामला गोविंदगढ़ टीचर्स कॉलोनी के नजदीक आबादी वाले क्षेत्र हरे कृष्ण विहार लेन नंबर-1 और उसी से सटे श्रीरामपुरम कॉलोनी की लेन नंबर-5 से जुड़ा है। कांवली रोड स्थित बिंदल पुल से चंद कदम की दूरी पर स्थित हरे कृष्ण विहार की लेन नंबर-1 में पीपलेश्वर शिव मंदिर है। मंदिर की बाउंड्री से ही सटा श्रीरामपुरम की लेन नंबर-5 में मोहम्मद रहीश नमक व्यक्ति का मकान है।

मकान के ऊपर की दो मंजिल पर लोहे के शेड का काम चल रहा है। मंदिर संचालन से जुड़ी हरे कृष्ण विहार जन कल्याण समिति के अध्यक्ष शिव कुमार वानिया का आरोप है कि उक्त आवास में नमाज होती है, जिसमें बाहरी लोग भी शामिल होते हैं। उनके लिए ही आवास स्वामी वहां निर्माण कार्य करवा रहा है। हालांकि, रहीश पक्ष इन आरोपों से इंकार कर रहा है।
कॉलोनीवासी और हिंदूवादी संगठनों के लोग जुटे, मौके पर पुलिस, एमडीडीए और तहसील प्रशासन भी

मंगलवार को दोपहर काफी संख्या में हरे कृष्ण विहार निवासी और बजरंग दल संयोजक विकास वर्मा समेत हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता उक्त निर्माण कार्य के विरोध में मंदिर में जुटे। मंदिर में हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ और भजन-कीर्तन शुरू कर दिया गया। इस बीच सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। उधर, दूसरे पक्ष से भी कुछ लोग उक्त निर्माणधीन शेड में आ जुटे। हालत को तानवपूर्ण होते देख सीओ सदर के साथ ही प्रेमनगर, क्लेमेंटटाउन और कैंट थाना प्रभारी भी मौके पर बुला लिए गए। इसके बाद तहसीलदार और एमडीडीए के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।

प्रशासन और एमडीडीए ने निर्माण को अवैध मानते हुए हटाने के लिए कहा। इस पर भी कुछ देर तनातनी हुई। हालांकि, बाद में एमडीडीए और प्रशासन की टीम के साथ ही दूसरा पक्ष भी निर्माण हटाने में जुट गया। शाम तक यह कार्य जारी रहा। इधर, समिति की ओर से इस पूरे मामले में कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा गया।

