कोलकाता-टनकपुर के बीच 15 अप्रैल से संचालित होगी ‘मानसखंड एक्सप्रेस’, कुमाऊं के मंदिरों से जुड़ेंगे देशभर के श्रद्धालु और पर्यटक
देहरादून। मानसखंड मंदिरमाला मिशन के तहत आने वाले मंदिरों से़ अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को जोड़ने के लिए 15 अप्रैल से रेल सेवा आरंभ होगी। कोलकाता से टनकपुर तक संचालित होने वाली इस रेल सेवा को ‘मानसखंड एक्सप्रेस’ नाम दिया गया है।
टनकपुर से मंदिरों तक चलेंगी बसें, वापसी में श्रद्धालुओं को काठगोदाम से मिलेगी कोलकाता तक ट्रेन
राज्य की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए टनकपुर से पूर्णागिरी, हाटकालिका, पाताल भुवनेश्वर, जागेश्वरधाम, गोल्ज्यू देवता मंदिर, नंदा देवी, कैंची धाम आदि मानसखंड मंदिरमाला के अन्य मंदिरों तक बस व अन्य परिवहन सेवाएं संचालित की जाएंगी। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के अतिथि गृह, होम स्टे, स्थानीय होटल और हुनर योजना के तहत प्रशिक्षित स्थानीय गाइड्स, पर्यटकों के आतिथ्य में सहयोग करेंगे। पर्यटकों की वापसी के लिए काठगोदाम से कलकता के लिए रेल सेवा उपलब्ध रहेगी।
मंदिरों को जोड़ने वाली सड़कों के चौड़ीकरण का काम शीघ्र करें पूरा: एसीएस

इस बीच अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आयोजित बैठक में मानसखंड मंदिरमाला मिशन के कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को मानसखंड मंदिरमाला मिशन के तहत मंदिरों को जोड़ने वाली अप्रोच रोड्स के सिंगल लेन से डबल लेन में बदलने के लिए चल रहे चौड़ीकरण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
मानसखंड मंदिरमाला मिशन के तहत 16 मंदिरों का मास्टर प्लान हो चुका पास, 9 की। डीपीआर तैयार
बैठक में एसीएस को पर्यटन विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि मानसखंड मंदिरमाला मिशन के तहत चिह्नित कुमाऊं मंडल के सभी 16 मंदिरों के अलग-अलग मास्टर प्लान अनुमोदित हो चुके हैं। इनमें से 9 मंदिरों की डीपीआर तैयार हो चुकी है। इनमें से अधिकांश मंदिरों का शिलान्यास जल्द हो जाएगा। मंदिरों के सौंदर्यीकरण व विकास का कार्य कलस्टर अप्रोच के साथ किया जा रहा है।
संस्कृति विभाग को ऐतिहासिक विरासतों के संरक्षण के लिए हेरिटेज एक्ट पर कार्य करने के निर्देश
एसीएस रतूड़ी ने संस्कृति विभाग को राज्य की ऐतिहासिक विरासतों, मंदिरों आदि के संरक्षण व संवर्धन के लिए हेरिटेज एक्ट पर कार्य करने के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव सचिन कुर्वे सहित संस्कृति विभाग, लोक निर्माण विभाग व पर्यटन विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

