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नौजुला हिंदाव की लोक आराध्य देवी ‘जगदी की जात’ पर हुआ आस्था और उल्लास का संगम

नई टिहरी। घनसाली तहसील की हिंदाव पट्टी क्षेत्र की लोक आराध्य जगदी (ज्वालपा) देवी की वार्षिक डोली जात्रा  श्रद्धा और उल्लास के साथ आयोजित की गई। दो दिवसीय इस धार्मिक-आध्यात्मिक और सांस्कृतिक लोकोत्सव में आस्था और उल्लास का अद्भुत संगम हुआ, जिसमें हजारों लोगों ने अपनी सहभागिता निभाई।

हर वर्ष दिसंबर अंतिम सप्ताह में होता है देवी डोली का भ्रमण, घर-घर देती है आशीर्वाद

जिले के दूरस्थ क्षेत्र ‘नौजुला’ हिंदाव में हर वर्ष दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में स्थानीय लोक देवी ‘जगदी’ की वार्षिक जात्रा आयोजित की जाती है, जो इस पूरे क्षेत्र में ‘जगदी की जात’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस मौके पर दो दिन तक विशाल मेला लगता है। इस वर्ष ‘जगदी की जात’ 25 व 26 दिसंबर को आयोजित हुई। दो दिवसीय जात के पहले दिन पुरातन परंपरानुसार अंथवाल गांव स्थित मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के बाद देवी जगदी की डोली ने गांव में घर-घर जाकर दर्शन और आशीर्वाद दिया। गांव में इस दौरान मेला लगा।

देवी डोली पहुंचने पर शिलासौड़ में कड़ाके की शीत के बीच रातभर हुआ पूजन, लगा मंडाण

देर शाम ढोल-दमौं की गूंज के बीच देवी की डोली गांव से प्रस्थान कर करीब 10 किमी. और जिला मुख्यालय से तकरीबन 90-95 किमी. दूर शिला सौड़ नामक स्थान पर पहुंची। यह दूरी डोली के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पैदल ही चढ़ाई पार कर तय की। देर रात्रि यात्रा शिलासौड़ स्थित जगदी मंदिर पहुंचने के बाद देवी की डोली को दर्शन-पूजन के लिए रखा गया। हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच श्रद्धालुओं और क्षेत्र के कई गावों के ग्रामीणों ने हवन-पूजन व रात्रि जागरण किया। साथ ही ढोल-दमौं की थाप पर पूरी रात मंडाण लगा।

हजारों ग्रामीण पहुंचे देवी के दर्शन के लिए, मेले में जमकर की खरीददारी

26 दिसंबर को सुबह से ही देवी के दर्शनों और यहां आयोजित मेले के लिए लोगों का तांता लगा रहा। क्षेत्र के अंथवाल गांव, कुलण, समनौं, सरपोली, बड़ियार गांव, पंगरियाणा, मथ्याकुड़ी, लैणी, भौणा, धमातोली, हड़ियाणा, हुलानाखाल, पुरवाल गांव, तितनगांव, चांजी, कठुड, अखोड़ी, डांग, खसेती, कोट समेत हिंदाव व ग्यारहगांव पट्टी के तमाम गांवों के साथ ही टिहरी जिले की नैलचामी व भिलंग पट्टी और पड़ोसी रूद्रप्रयाग जिले की लस्या, बांगर व भरदार पट्टी के भी हजारों स्त्री, पुरूष व बच्चे इस मौके पर जुटे।

इसके अलावा देश के विभिन्न प्रदेशों और शहरों से भी स्थानीय मूल के लोगों ने जात में हिस्सा लिया। एक दिन पूर्व अंथवाल गांव में लगा मेला जगदी की जात के दूसरे व अंतिम दिन शिला सौड़ में लगा। बिजनौर, सहारनपुर व मुजफ्फरनगर समेत विभिन्न स्थानों से आए व्यापारियों ने मेले में तरह-तरह के स्टॉल लगाए, जहां महिलाओं और बच्चों ने जमकर खरीददारी की। 

लोक कल्याण की कामना के साथ वापसी में अंथवाल गांव मंदिर में लिया यात्रा ने विराम

अपराह्न देवी की पूजा-अर्चना और मंडाण के बाद डोली ने शिला सौड़ से वापस अंथवाल गांव स्थित मंदिर के लिए प्रस्थान किया। देर शाम गांव पहुंच कर लोक कल्याण की कामना के साथ लोकजात्रा को विराम दिया गया। इस पूरे आयोजन के दौरान देवी के मुख्य पुजारी यशोदानंद थपलियाल, जात्रा आयोजक नौजुला जगदंबा समिति के अध्यक्ष केदार सिंह मालदिया, सचिव वीरेंद्र रावत, प्रबंधक शूरवीर रावत, कोषाध्यक्ष  कुंवर सिंह कुंवर, सदस्य सत्यनारायण लेखवार, जयकृष्ण अंथवाल आदि व्यवस्थाओं में जुटे रहे।

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