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साहित्यिक सचेतना की पत्रिका ‘स्वास्तिक’ का हुआ विमोचन, काव्य गोष्ठी का भी किया आयोजन

देहरादून। ‘साहित्यिक सचेतना’ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में संस्था की पत्रिका ‘स्वास्तिक’ का विमोचन और कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। रेसकोर्स स्थित पदम सिंह शिक्षक भवन में बतौर मुख्य अतिथि डोईवाला के विधायक बृजभूषण गैरोला, संयुक्त निदेशक (नियोजन) दिनेश बडोनी, चमोली के मुख्य शिक्षाधिकारी कुलदीप गैरोला, डायट देहरादून के प्राचार्य राकेश जुगरान ने ‘स्वास्तिक’ का विमोचन किया।

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि इस तरह की साहित्यिक पत्रिकाओं की वर्तमान दौर में और भी आवश्यकता है। साहित्यिक सचेतना अपनी मासिक पत्रिका के मध्यम से स्थापित साहित्यकारों के साथ ही नवोदित रचनाकारों को भी मंच प्रदान कर रही है।

साहित्यिक सचेतना के संस्थापक नरेंद्र रावत ने इस मौके पर कहा कि संस्थाबला उद्देश्य समाज में भारतीय अद्वैत दर्शन व सनातन सिद्धांतों को प्रतिष्ठित करना है। इसके लिए साहित्यिक सचेतना निरंतर सनातन के विषयों पर सृजन कर रही है। संस्था का उद्देश्य साहित्य के अतिरिक्त शिक्षा, स्वरोजगार, कला, संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण व स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कार्य करना है। संरक्षक नीरजा मेहता ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन स्वास्तिक की संपादक प्रीति डिमरी ने किया।

कवियों ने अपनी रचनाओं से सम-सामयिक विषयों पर झकझोरा

इस मौके पर हुई काव्य गोष्ठी में यशोदा मैठानी, नेहा शर्मा ‘नेह’, निशा अतुल्य, विजया सजवाण, हिमानी, नीमा राणा, उर्मिला पपनोई, श्रीकांत डोबरियाल, मंगेश सिंह, नीरू नैय्यर ‘नीलोफर’, आयुषी रावत, ऋतु, नरेश नयाल व मुकेश हटवाल आदि ने सम-सामयिक विषयों पर रचना पाठ कर सभी को झकझोरा।

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