उत्तराखंडमुद्दाहिमालयी राज्य

मूल निवास और भू-कानून के लिए गांव- गांव अभियान छेड़ेगी संघर्ष समिति

देहरादून। मूल निवास-1950 और हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू-कानून के मुद्दे पर 24 दिसंबर को देहरादून रैली में उमड़े जनसैलाब से इस आंदोलन की अगुआई कर रही ‘मूल-निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति’ काफी उत्साहित है। समिति ने इस लड़ाई को निर्णायक स्तर पर ले जाने की रणतीति तय की है। इसके तहत समिति ने भावी  कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए जल्द ही प्रदेश भर में व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

मंगलवार को देहरादून स्थित शहीद स्मारक परिसर में समन्वय संघर्ष समिति की बैठक में मूल निवास व भू-कानून आंदोलन को और तेज करने पर चर्चा हुई। बैठक के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आगे के कार्यक्रमों की जानकारी दी। मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि प्रदेश में मूल निवास की सीमा-1950 और मजबूत भू-कानून लागू करने को लेकर चल रहे आंदोलन को प्रदेशभर में ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ठोस कार्यक्रम बनाकर पूरे प्रदेश में जन जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा।

उत्तरायणी मेले के दिन बागेश्वर में जुटेंगे हजारों लोग, हल्द्वानी में अगले माह विशाल रैली

संघर्ष समिति के संयोजक डिमरी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से समिति विभिन्न आंदोलनात्मक कार्यक्रम आयोजित  करेगी। इसके तहत मकर संक्रांति पर समिति के सदस्य प्रदेश के तमाम संगमों और घाटों पर जाकर देव डोलियों का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे और लोगों से संवाद करेंगे। साथ ही उत्तरायणी के दिन बागेश्वर के ऐतिहासिक सरयू बगड़ में होने वाले मेले में हजारों लोग इस मुद्दे पर शिरकत करेंगे। डिमरी ने बताया कि जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में हल्द्वानी में विशाल रैली निकाली जाएगी। 

मूल निवास पर कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा के बयान से भड़के आंदोलनकारी

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संघर्ष समिति के सह-संयोजक लुशून तोड़रिया ने मूल निवास के मामले में सामने आए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने मूल निवास की सीमा 1950 करने पर असहमति जताई है। टोडरिया ने कहा कि करण माहरा के बयान ने साफ कर दिया है कि मूल निवास को लेकर सत्ताधारी भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस, दोनों का ही स्टैंड राज्य विरोधी है। उन्होंने महारा के खिलाफ एक्शन लेने की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस को इस मामले में अपना स्टैंड साफ करना चाहिए।

संघर्ष समिति की देहरादून बैठक में इन संगठनों के प्रतिनिधि हुए शामिल

इससे पहले हुई समन्वय संघर्ष समिति की बैठक में समिति के कोर मेंबर मोहन रावत, प्रांजल नौडियाल, वरिष्ठ आंदोलनकारी क्रांति कुकरेती, महिला मंच से निर्मला बिष्ट, राज्य आंदोलनकारी प्रेम बहुखंडी, पहाड़ी स्वाभिमान सेना के संरक्षक आशुतोष नेगी, चारधाम महापंचायत के रजनीकांत सेमवाल, देवभूमि युवा संगठन से आशीष नौटियाल, पौड़ी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक नमन चंदोला, प्रमोद काला, वरिष्ठ आंदोलनकारी विशंभर दत्त बौठियाल, राज्य आंदोलनकारी विपुल नौटियाल, मुन्नी खंडूरी, राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष नवनीत गुसाईं, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, मोहन रावत, समीर मुंडेपी, सुरेश कुमार, पुष्पा रावत, चिंतन सकलानी, अनीता रावत, रामप्रकाश रतूड़ी, बीरबान रावत, सौरभ सिंह गुसाईं, सचिन खन्ना, अनुराधा मेंदोला, अंबुज शर्मा, हरदेव सिंह रावत, प्रभात डंडरियाल, पुष्कर नेगी आदि ने शिरकत की। 

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